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उत्तराखंड में 29 से करवट बदल सकता है मौसम, तेजी से गिरेगा पारा; AQI में सुधार की उम्मीद

उत्तराखंड में 29 नवंबर से मौसम में बदलाव की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमालयी क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। इससे तापमान में गिरावट और वायु प्रदूषण में सुधार की उम्मीद है। हालांकि अगले कुछ दिनों तक पहाड़ों में पाला और मैदानी इलाकों में कोहरे का असर बना रह सकता है। कई दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है और चटख धूप खिल रही है।

By Vijay joshi Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 25 Nov 2024 09:36 PM (IST)
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उत्तराखंड में 29 से करवट बदल सकता है मौसम
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है और अगले कुछ दिन वर्षा के आसार नहीं हैं। हालांकि, आगामी 29 नवंबर से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की आशंका है, जिससे हिमालयी क्षेत्रों में मौसम करवट बदल सकता है।

ऐसे में प्रदेश में तापमान में तेजी से गिरावट आने और वायु प्रदूषण कम होने की उम्मीद है। हालांकि, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन पहाड़ों में पाला और मैदानी क्षेत्रों में कोहरे का प्रभाव बना रहने की आशंका जताई है।

उत्तराखंड में अक्टूबर की शुरुआत में मानसून की विदाई के बाद से सूखा पड़ा हुआ है। ज्यादातर क्षेत्रों में पूरे अक्टूबर और फिर नवंबर में वर्षा नहीं हुई। दून समेत पांच जिलों में तो एक बूंद नहीं पड़ी। वहीं शेष जिलों में भी कहीं-कहीं महज बूंदाबांदी ही दर्ज की गई।

बारिश न होने से मौसम शुष्क बना हुआ है और अधिकतम व न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक चल रहे हैं। कई दिनों से प्रदेशभर में मौसम शुष्क बना हुआ है और चटख धूप खिल रही है। हालांकि, पर्वतीय क्षेत्रों में सुबह-शाम ठिठुरन बढ़ने लगी है।

मैदानी क्षेत्रों में भी रात को पाला गिरने से सुबह ठंडक महसूस की जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, फिलहाल अगले कुछ दिन प्रदेशभर में मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है। मैदानी क्षेत्रों में कहीं-कहीं कुहासा और धुंध छाई रह सकती है।

पहाड़ों में पाला पड़ने की आशंका है। इसके बाद आगामी 29 नवंबर के बाद ताजा पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्रों में सक्रिय हो सकता है। जिसके चलते कहीं-कहीं हल्की वर्षा होने की उम्मीद है।

शहर अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान
देहरादून 26.2 10.4
ऊधमसिंह नगर 26.6 9.8
मुक्तेश्वर 17.0 4.2

पहाड़ में दौड़ने लगी शीतलहर, रेन बसेरा आधा अधूरा

बागेश्वर : पहाड़ में शीतलहर तेजी से दौड़ रही है। नगर तथा सार्वजनिक स्थानों में अलाव की व्यवस्था अभी नहीं हो सकी है। सूखी ठंड के कारण लोग बीमार भी पड़ने लगे है। रेन बसेरा आदि नगर में नहीं हैं। हालांकि पालिका ने वैकल्पिक व्यवस्था का दावा किया है। नदीगांव में 2016 में रेन बसेरा का निर्माण शुरू हुआ।

पालिका का यह रेन बसेरा आधा अधूरा बन सका है। नशेड़ी तथा अराजक तत्वों का अड्डा बना हुआ है। 52 लाख रुपये की धनराशि अभी तक रेन बसेरा पर खर्च की गई है। लेकिन जरूरतमंदों को उसका लाभ नहीं मिल सका है। जिस कारण सड़क पर घूमने वाले अधिकतर लोग ठंड में बाहर ही सो रहे हैं।

वहीं, घुमक्कड़ी करने वाले परिवार भी यहां बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। वह सरयू नदी किनारे टेंट में रह रहे हैं। पालिका रेन बसेरा तथा अलाव आदि की व्यवस्था में जुटा है।

इधर, अधिशासी अधिकारी मुहम्मद यामीन ने कहा कि धनाभाव में काम रुका हुआ है। शासन से पत्राचार किया जा रहा है। धनराशि मिलते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।

पालिका ने स्वराज भवन तथा पंचायत भवन में रेन बसेरा की व्यवस्था की है। जहां आठ बेड की व्यवस्था की गई है। अलाव के लिए जलौनी लकड़ी का इंतजाम किया जा रहा है।

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