Uttarakhand: आज छह जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, बागेश्वर में बर्बादी का मंजर; मलबे में दबे पांच घर
Uttarakhand Weather रविवार से मानसून की वर्षा का दौर हल्का रहने की संभावना है। 24 घंटे में देहरादून टिहरी चमोली रुद्रप्रयाग नैनीताल पिथौरागढ़ में भी कहीं-कहीं एक से दो दौर भारी वर्षा हो सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले चार दिनों में कहीं भी भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना कम है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather: प्रदेशभर में मानसून की वर्षा का दौर कुछ धीमा पड़ने की संभावना है। रविवार को अधिकांश जनपदों में बादलों के बीच धूप खिली है। रविवार को बदरीनाथ हाईवे सुचारू है।
मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अनुसार, 24 घंटे में देहरादून, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल पिथौरागढ़ में भी कहीं-कहीं एक से दो दौर भारी वर्षा हो सकती है। इसको लेकर इन जनपदों में यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम का यह मिजाज अगले चार दिन इसी प्रकार रहने की संभावना है।
जानकीचट्टी में फंसे यात्रियों को SDRF ने निकाला
जानकीचट्टी में राम मंदिर के ऊपर छह यात्री फंस गए थे। भारी बारिश के कारण वे नीचे नहीं आ पा रहे थे। सूचना पाकर हेड कांस्टेबल सत्येंद्र रावत के नेतृत्व में एक बचाव दल रवाना हुआ। टीम ने फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित निकाला। ये यात्री मध्य प्रदेश और दिल्ली से थे।
यात्रियों के नाम:
- अभिषेक सोनी (दिल्ली)
- वैशाली (मध्य प्रदेश)
- भारती अशोक (मध्य प्रदेश)
- अशोक जाटव (मध्य प्रदेश)
- जितेंद्र (दिल्ली)
- विलास (दिल्ली)
बचाव दल के सदस्य:
- हेड कांस्टेबल सत्येंद्र रावत
- सिपाही यशवंत सिंह
- सिपाही गब्बर सिंह नेगी
- सिपाही अनमोल सिंह
- सिपाही विपिन आर्या
- सिपाही प्रवीण सिंह
- सिपाही सुनील धौर्याल
जौनसार की लाइफ लाइन फिर बंद
कालसी चकराता मोटर मार्ग किलोमीटर 9 असनाड़ी के पास भारी मात्रा में मलबा आने से फिर यातायात बाधित हो गया। जेसीबी मशीन मलबे को हटाने को लगाई गई है।
पिछली रात गढ़वाल मंडल के देहरादून, टिहरी व चमोली जनपदों के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हुई। देहरादून के हरिपुर में पिछली 12 घंटे में 115.1 मिमी, मसूरी में 61.4 मिमी, उत्तरकाशी के बड़कोट में 48.5 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। त्यूणी 42.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई।
एक घंटे के लिए कुछ क्षेत्रों में हल्की धूप खिली
शनिवार सुबह दस बजे तक दून और आसपास के क्षेत्रों में वर्षा थमी। इसके बाद दिनभर बादल छाये रहे, दोपहर तीन बजे बाद एक घंटे के लिए कुछ क्षेत्रों में हल्की धूप भी खिली रही। इस दौरान देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 31.3 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सामान्य से एक अधिक 25.2 डिग्री सेल्सियस रहा।
पंतनगर का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक 36.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 21.1 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस रहा। टिहरी का अधिकतम तापमान 23.9 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 19.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
वर्षा का कहर पांच मकानों पर टूटा, एक बकरी दबकर मरी
बागेश्वर जिले में शनिवार सुबह तक झमाझम वर्षा हुई। 21 सड़कों पर भारी मात्रा में मलबा आ गया। जिससे लगभग 60 हजार लोगों की यातायात व्यवस्था पटरी से उतर गई। पांच घरों पर अतिवृष्टि का कहर टूटा। दीवार ढहने से मलबे में दबकर एक बकरी की मौत हो गई।
बिजली की लाइन पर पेड़ गिर गए। जिससे हिमालयी गांवों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। मंडलसेरा में घर तथा दुकानों में जलभराव हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन होने से लोगों के घरों के आंगन ध्वस्त हो गए। मकानों को खतरा बना हुआ है।
चीन सीमा को जोड़ने वाला मार्ग बंद
सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में वर्षा का क्रम जारी है। थल-मुनस्यारी मार्ग और तवाघाट-लिपुलेख मार्ग चौथे दिन भी यातायात के लिए बंद रहे। जबकि धारचूला-तवाघाट मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहा। चीन सीमा तक जाने वाले और चीन सीमा को जोड़ने वाले सभी सीमा मार्गों सहित 31 मोटर मार्ग बंद हैं।
लगभग डेढ़ लाख की आबादी प्रभावित है। ग्रामीण क्षेत्रों तक आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। काली नदी का जलस्तर तीसरे दिन भी चेतावनी लेवल से ऊपर है। शनिवार को जलस्तर में और अधिक वृद्धि हुई है। वहीं गोरी गंगा नदी के जलस्तर में हल्की कमी आई है।
प्रशासन द्वारा काली नदी किनारे अलर्ट जारी किया गया है। होकरा में सात परिवार पंचायत घर में शरण लिए हैं। शुक्रवार रात्रि से शनिवार दोपहर के आसपास तक जिलेभर में वर्षा जारी रही। जिसके चलते प्रशासन द्वारा शनिवार सुबह विद्यालय बंद रखने के आदेश दिए गए। कई स्थानों पर भूस्खलन से पैदल मार्ग भी ध्वस्त हो चुके हैं।
पिथौरागढ़- धारचूला-तवाघाट एनएच पर शनिवार की सुबह विशाल बोल्डर गिरकर सड़क पर आ गए। इस दौरान यहां से किसी वाहन और लोगों के आवाजाही नहीं करने से बड़ा हादसा टल गया। यहां पर मार्ग के जल्द खुलने के आसार नहीं हैं। दोबाट में मार्ग बंद होने से धारचूला तहसील का दो तिहाई क्षेत्र चीन सीमा तक अलग-थलग पड़ चुका है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले चार दिनों में कहीं भी भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना कम है। दून समेत छह जनपदों में एक से दो दौर भारी वर्षा होने की संभावना है। इसे देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है।