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Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में आसमान से हटा बादलों का पहरा, धूप-छांव जैसा मौसम बना रहने का अनुमान

Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में मानसून की शूरुआत के बाद से ही भारी वर्षा का दौर बरकरार रहा है। भारी वर्षा से पहाड़ दरक रहे हैं। दर्जनों गांव भूस्खलन की जद में हैं। मलबा आने और सड़क टूटने से दर्जनों मार्ग भी अवरुद्ध हैं। उसपर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मार्गों पर निरंतर पहाड़ियों से पत्थर बरस रहे हैं।वहीं अगर मौसम की बात करें तो प्रदेश में आज मौसम साफ रहेगा।

By Riya.PandeyEdited By: Riya.PandeyUpdated: Tue, 29 Aug 2023 07:53 AM (IST)
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Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में धूप-छांव जैसा रहेगा मौसम
जागरण ऑनलाइन डेस्क, देहरादून: Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में मानसून की शूरुआत के बाद से ही भारी वर्षा का दौर बरकरार रहा है। भारी वर्षा से पहाड़ दरक रहे हैं। दर्जनों गांव भूस्खलन की जद में हैं। मलबा आने और सड़क टूटने से दर्जनों मार्ग भी अवरुद्ध हैं। उसपर भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में मार्गों पर निरंतर पहाड़ियों से पत्थर बरस रहे हैं। वहीं अगर मौसम की बात करें तो प्रदेश में आज मौसम साफ रहेगा। कई जगहों पर बीच-बीच में बादल छाए रहने का अनुमान है। रुड़की में आज आसमान में बादल छाए रह सकते हैं।

वर्षाकाल के बाद श्रद्धालुओं की 'परीक्षा' लेगा गौरीकुंड हाईवे

वहीं अगर यात्रा की बात करें तो आने वाले माह यानी सितंबर में केदारनाथ यात्रा (Kedarnath Yatra) का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा, लेकिन पिछले दिनों हुई भारी वर्षा से गौरीकुंड हाईवे व केदारनाथ पैदल मार्ग का जो हाल है, उससे श्रद्धालुओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। भूस्खलन और भूधंसाव के चलते गुप्तकाशी से गौरीकुंड के बीच 58 किमी लंबा हाईवे कई स्थानों पर खतरनाक हो गया है। कई स्थान ऐसे हैं, जहां सिंगल लेन सड़क ही बची है। ऐसी ही स्थिति 16 किमी लंबे केदारनाथ पैदल मार्ग की भी है।

गौरीकुंड हाईवे (Gaurikund Highway) पर सात भूस्खलन क्षेत्र (Landslide Area) भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन हाईवे व पैदल मार्ग दुरुस्त करने में जुटा है। केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) पर अब तक 12 लाख से अधिक यात्री पहुंच चुके हैं। धाम के कपाट 25 जून को खुले थे और अभी ढाई माह से अधिक केदारनाथ (Kedarnath) की यात्रा चलेगी।

बरसात ने पर्यटन व्यवसाय पर फेरा पानी

प्रदेश में बरसात ने इस बार पर्यटन व्यवसाय पर भी पानी फेर दिया। अतिवृष्टि और आपदा के चलते जुलाई-अगस्त में बेहद कम सैलानी उत्तराखंड (Uttarakhand) पहुंचे। मसूरी, चकराता, लैंसडौन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे पर्यटन व्यवसायी मायूस हैं।

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