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Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में मौसम के तीखे तेवर हुए कुछ शांत, चटक धूप के साथ बादल छाए रहने का अनुमान

Uttarakhand Weather Today उत्तराखंड में बीते दो-तीन दिनों से मानसून की वर्षा का क्रम कुछ धीमा पड़ा है। देहरादून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है। कहीं-कहीं आंशिक बादलों के बीच मध्यम बौछारें पड़ने की भी सूचना है। मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिन प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में आसमान साफ रहने से लेकर आंशिक बादल छाए रहने का अनुमान है।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Mon, 28 Aug 2023 07:57 AM (IST)
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Uttarakhand Weather: उत्तराखंड में आसमानी आफत से कुछ राहत
जागरण ऑनलाइन डेस्क, देहरादून: Uttarakhand Weather Today: इस साल जून माह में मानसून के शुरू होने के बाद से ही उत्तराखंड में अत्यधिक बारिश का क्रम बना हुआ है। भारी वर्षा के चलते नदी-नाले उफान पर है, नदियों का जलस्तर भी चरम पर है। लोगों के घरों तक पानी आने से वह पलायन को मजबूर हैं। हालांकि बीते दो-तीन दिनों से मानसून की वर्षा का क्रम कुछ धीमा पड़ा है। देहरादून समेत ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिल रही है। कहीं-कहीं आंशिक बादलों के बीच मध्यम बौछारें पड़ने की भी सूचना है।

मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिन प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में आसमान साफ रहने से लेकर आंशिक बादल छाए रहने का अनुमान है। वहीं कुमाऊं में कहीं-कहीं तीव्र बौछारे पड़ने का अनुमान है जिसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।

ज्यादातर स्थानों पर मौसम साफ रहने का अनुमान

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में फिलहाल भारी बारिश की उम्मीद नहीं है। अगले कुछ दिन गढ़वाल मंडल के ज्यादातर क्षेत्रों में आसमान साफ रह सकता है। वहीं देहरादून व आसपास के क्षेत्रों में आंशिक बादलों के बीच एक से दो दौर की हल्की बौछारें पड़ने की आशंका है।

अगर बात करें बीते रविवार की तो कल दून में सुबह से ही धूप खिली रही, हालांकि बीच-बीच में आंशिक बादल भी मंडराने लगे। दोपहर बाद कुछ क्षेत्रों में बौछारें भी दर्ज की गईं। हालांकि, शाम को आसमान साफ रहा।

पयर्टन स्थलों पर पसरा सन्नाटा

प्रदेश में बरसात ने इस बार पर्यटन व्यवसाय पर पानी फेर दिया। अतिवृष्टि और आपदा के चलते जुलाई-अगस्त माह के दौरान बेहद कम सैलानी उत्तराखंड पहुंचे। मसूरी, चकराता, लैंसडौन जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे पर्यटन व्यवसायी मायूस हैं।

आमतौर पर इस सीजन में होटलों में 40 से 50 प्रतिशत आक्यूपेंसी रहती थी, जो सप्ताहांत पर 80 प्रतिशत तक पहुंच जाती थी लेकिन, इस वर्ष यह आंकड़ा सप्ताहांत में भी पांच से 20 प्रतिशत के बीच सिमटा रहा। पर्यटकों को लुभाने के लिए होटल व्यवसायियों को किराया भी घटाना पड़ा। हालात को देखते हुए मसूरी होटल एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से अगले छह माह तक सरकारी देयकों के भुगतान में राहत की मांग की है।

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