उत्तराखंड के युवा लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल का सड़क दुर्घटना में निधन, चंडीगढ़ में हुआ हादसा
त्तराखंड के युवा लोक गायक और संगीतकार गुंजन डंगवाल का चंडीगढ़ में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। वह शुक्रवार रात को निजी काम से चंडीगढ़ के लिए निकले थे शनिवार सुबह चार बजे वापसी दून आते वक्त सड़क हादसे में उनका निधन हो गया।
By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sat, 18 Jun 2022 02:22 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: देहरादून: चैता की चैत्वाली...नंदू मामा की स्याली रे कमला, ... उडांदु भौंरे... छमा चौक...आज लगलू मंडाण.. ढोल दमौं...जैसे गढ़वाली गीतों को पिरोने वाले उत्तराखंड के युवा संगीतकार और लोक गायक गुंजन डंगवाल का चंडीगढ़ में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। उनके निधन से लोकसंस्कृति से जुड़े लोग में गमगीन का माहौल है। 26 वर्षीय गुंजन के निधन पर लोक कलाकारों ने शोक जताया है।
मूलत: भिलंगना ब्लाक के खसेती और वर्तमान में नई टिहरी निवासी शिक्षक कैलाश डंगवाल और सुनीता डंगवाल के पुत्र गुंजन डंगवाल का देहरादून के बंजारावाला टिहरी विस्थापित कालोनी में भी घर और पास ही स्टूडियो है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद भी उनका सपना संगीत में था। बेहद कम समय में उन्होंने संगीत क्षेत्र में मुकाम हासिल पाया। कई सुपरहिट गीतों में बतौर संगीतकार रहते वह श्रोताओं के दिलों में छाए।
गुंजन डंगवाल बीते शुक्रवार रात को निजी काम से चंडीगढ़ के लिए निकले थे। शनिवार सुबह चार बजे वापसी दून आते वक्त गाड़ी ने संतुलन खो दिया और डिवाइडर से टकराकर मौके पर मौत हो गई। लोकगायक सौरव मैठाणी ने बताया कि वह अकेले ही कार में सवार थे। लोकगायिका हेमा नेगी करासी ने बताया कि उनके अधिकांश गीतों में गुंजन ने संगीत दिया। हंसमुख और मिलनसार गुंजन के निधन से उत्तराखंड संगीत जगत को बड़ी क्षति हुई है।
इधर गुंजन डंगवाल के आकस्मिक निधन पर इंटरनेट मीडिया पर लोक कलाकारों ने शोक व्यक्त किया। लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा आज हमारा उत्तराखंड का युवा होनहार संगीतकार गुंजन डंगवाल की सड़क दुर्घटना में निधन की खबर सुणि भौत दुख ह्वे। वहीं पद्मश्री डा. प्रीतम भरतवाण ने कहा कि एक होनहार नौजवान संगीतकार गुंजन डंगवाल सड़क हादसा में अपनी जान गवां दी। इसके अलावा लोकगायिका संगीता ढौंढ़ियाल, हेमा नेगी करासी, रूहान भारद्वाज, पन्नू गुसाईं, घनानंद गगोडिया, कोमल राणा, पूजा काला, अनीशा रांगड़, लोकेंद्र कैंतुरा, विकेस उनियाल, सीमा पंगरियाल ने आदि ने शोक जताया।
घुड़दौड़ी से किया था बीटेकपेशे से संगीतकार गुंजन ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कालेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक किया था। साथ ही संगीत विरासद की डिग्री भी उनके पास थी।नंदू मामा की स्याली पहली एलबम काफी चर्चित रही। धीरे- धीरे गुंजन गीत के साथ संगीत और वीडियो एलबम बनाने में भी कार्य करने लगे। उनका गीत इन दिनों चैता की चैत्वाल्या ने बाजार में धूम मचा रखी है। गुंजन के छोटे भाई सृजन डंगवाल जंनसपर्क एवं पत्रकारिता के छात्र हैं।
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