मई में पहली बार पारा 39 डिग्री पार, 100 से अधिक जगहों पर धधक रहे जंगल
उत्तराखंड में भी गर्मी चरम पर है पहाड़ और मैदान दोनों तप रहे हैं। दोपहर में गर्म हवा के थपेड़ों ने बेचैनी बढ़ा दी है। अब भी सौ से ज्यादा जगहों पर जंगल धधक रहे हैं।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 30 May 2019 08:39 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में भी गर्मी चरम पर है, पहाड़ और मैदान दोनों तप रहे हैं। दोपहर में गर्म हवा के थपेड़ों ने बेचैनी बढ़ा दी है। बुधवार को देहरादून में इस सीजन का सबसे गर्म दिन रहा। यहां तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 39.7 व न्यूनतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान जौलीग्रांट कस्बे का 40.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हालांकि, 26 मई 2018 को दून का अधिकतम तापमान 40.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। वहीं, बात करें जंगलों की आग की, अधिकारियों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 77 स्थानों में आग पर काबू पा लिया गया है। हालांकि अब भी सौ से ज्यादा जगहों पर जंगल धधक रहे हैं।
इसके अलावा हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में भी अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। वहीं, उत्तरकाशी में अधिकतम तापमान 33.9 और अल्मोड़ा में 34.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पर्यटक स्थल मसूरी और नैनीताल में भी गर्मी से राहत नहीं है।
मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में एक जून से मौसम में हल्के बदलाव की संभावना है, लेकिन मैदानों में अधिकतम तापमान अगले दो दिन सामान्य से चार से छह डिग्री ज्यादा रह सकता है।
आग उगल रहा सूरज, बेहाल कर रहे लू के थपेड़े दून में सुबह से ही सूरज आग उगलता रहा। गर्मी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सुबह नौ बजते-बजते तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस और 11 बजे 34.2 डिग्री पहुंच गया। दोपहर 39.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जबकि, दोपहर ढ़ाई बजे 39.7 डिग्री तक पहुंच गया। दोपहर में तेज धूप के साथ गर्म हवा के थपेड़ों के बीच सड़कों पर आवाजाही कम दिखी। बाजारों में भी चहल-पहल कम रही।
शहर के प्रमुख बाजार राजपुर रोड, घंटाघर, चकराता रोड, इंदिरा मार्केट, पलटन बाजार, बिंदाल पुल, बल्लूपुर चौक, माजरा, पटेलनगर, सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक, लैंसडौन चौक, ईसी रोड, त्यागी रोड, यमुना कॉलोनी, रिस्पना पुल, धर्मपुर, हरिद्वार बाईपास आदि क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही बेहद कम रही।
फिलहाल निजात के आसार नहीं मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, फिलहाल गर्मी से निजात के आसार नजर नहीं आ रहे। अगले 48 घंटे में राज्य के कई शहरों के तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोत्तरी हो सकती है। लेकिन, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली और पिथौरागढ़ में एक जून की शाम को हल्की बारिश से राहत मिल सकती है। दो जून के बाद मौसम में आंशिक रूप से परिवर्तन की संभावना है।
प्रमुख शहरों का तापमान शहर---------------अधितम-----------न्यूनतम
देहरादून-------------39.7--------------20.9 मसूरी----------------27.7--------------17.6
नई टिहरी-----------29.6--------------16.6 हरिद्वार-------------39.2--------------21.0 उत्तरकाशी----------33.9--------------14.0 जोशीमठ------------26.1---------------15.2 अल्मोड़ा-------------34.1---------------11.3 नैनीताल-------------28.3---------------17.0 पंतनगर-------------39.8---------------17.2 पिथौरागढ़-----------31.4---------------14.1 मुक्तेश्वर------------26.6---------------15.3 चंपावत--------------28.8---------------15.2 उत्तराखंड में अब भी 100 से ज्यादा स्थानों पर धधक रहे जंगल उत्तराखंड में विकराल होती जंगल की आग के बीच मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले दिनों में पारा चार से छह डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। ऐसे में वन विभाग के माथे पर चिंता की लकीरें गहरा गई हैं। अधिकारियों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 77 स्थानों में आग पर काबू पा लिया गया है। हालांकि अब भी 100 से अधिक स्थानों पर जंगल सुलग रहे हैं।यूं तो पहाड़ से लेकर मैदान तक जंगल धधक रहे हैं, लेकिन गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं मंडल में स्थिति ज्यादा गंभीर है। विशेष अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर और नैनीताल की 15 रेंज आग की चपेट में हैं। इसके अलावा गढ़वाल के पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली में जंगल सुलग रहे हैं। आग के कारण कई इलाके धुएं और धुंध से भी परेशान हैं। आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आग बुझान में वन विभाग के 7800 कर्मचारियों के अलावा राजस्व, पुलिस, होमगार्ड, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीआरडी जवानों के अलावा स्थानीय लोगों की मदद भी ली जा रही है। प्रदेश में कुल बारह हजार से ज्यादा लोग आग पर नियंत्रण पाने का प्रयास कर रहे हैं। नोडल अधिकारी (वनाग्नि) प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि फायर सीजन (15 फरवरी से) में अब तक 1497 घटनाएं हो चुकी हैं। इस दौरान आग से 1964 हेक्टेयर क्षेत्र में वन संपदा को भारी क्षति पहुंची है। इनमें से गढ़वाल में 522 और कुमाऊं में 906 और संरक्षित क्षेत्र में 69 घटनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि वन मुख्यालय ने सभी वन प्रभागों में फायर वाचरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने बताया कि तापमान में वृद्धि के कारण वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं। आग पर नियंत्रण के लिए अन्य विभागों का भी सहयोगी लिया जा रहा है। यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 160 स्थानों पर बेकाबू हुई जंगल की आग, सेना ने संभाला मोर्चायह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जंगल की आग हुई विकराल, हाई अलर्ट जारीयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में धधक रहे हैं जंगल, बेबस है महकमा; पढ़िए पूरी खबरलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
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