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Uttarakhand में कौन से रास्ते हैं सबसे खतरनाक, दुर्घटनाओं का रखा जा रहा है मार्गवार हिसाब

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। परिवहन विभाग और पुलिस अब प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का मार्गवार हिसाब रख रही है। इससे इन मार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने में मदद मिलेगी। प्रदेश में इस साल जून से लेकर 17 सितंबर तक सड़क दुर्घटनाओं में 59 लोगों की मौत हुई जबकि 226 घायल हुए।

By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Mon, 23 Sep 2024 01:19 PM (IST)
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राज्य में खतरनाक हो चुकी सड़कों का अब हिसाब रखा जा रहा है l जागरण आर्काइव

राज्य ब्यूरो, जागरण l देहरादून: परिवहन विभाग और पुलिस अब प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं का मार्गवार हिसाब रख रही है। यह देखा जा रहा है कि सबसे अधिक दुर्घटनाएं किस श्रेणी के मार्गों पर हो रही हैं। इससे इन मार्गों को सुरक्षित बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में इस वर्ष जून से लेकर 17 सितंबर तक सड़क दुर्घटनाओं में 59 व्यक्तियों की मृत्यु हुई और 226 व्यक्ति घायल हो चुके हैं।

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन विभाग को दुर्घटनाओं के विषय में मार्गवार विवरण जुटाने के निर्देश दिए थे।

मसलन, राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, जिला मार्ग, ग्रामीण मार्ग अथवा अन्य मार्गों में से किन मार्गों पर दुर्घटनाएं सबसे अधिक हो रही हैं। प्रदेश में कुल मार्गों का लगभग 25 प्रतिशत राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। शेष राज्य राजमार्ग, जिला मार्ग व संपर्क मार्ग हैं।

अभी तक यह देखा गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग व पर्वतीय मार्गों पर दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। अब इसकी सटीक जानकारी के लिए दुर्घटनाओं के आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं।

यह भी देखा जा रहा है कि किस प्रकार के मार्गों की दुर्घटना में मौत अधिक होती हैं। दुर्घटना के बाद राहत व बचाव कार्य किस प्रकार संचालित किए जाते जाते हैं।

दुर्घटनाओं के आंकड़ों व कारणों की जानकारी मिलने से इनकी संख्या सीमित करने और सुधारात्मक कार्यों को सही प्रकार से धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाने में मदद मिल सकेगी।

संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद पुलिस के सहयोग से दुर्घटनाओं के मार्गवार आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं।