Move to Jagran APP

Uttrakhand: हाईकोर्ट के सिटिंग जज करेंगे लेखपाल भर्ती परीक्षा की जांच, पथराव प्रकरण में हटाई गई धारा-307

Uttrakhand भर्ती घोटालों पर युवाओं के उबाल को देखते हुए मुख्यमंत्री ने लेखपाल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने का निर्णय लिया है। इसके अलावा गिरफ्तार बेरोजगार संघ के अध्यक्ष समेत 13 आरोपितों पर दर्ज मुकदमे से आइपीसी धारा-307 हटाने का भी...

By Ankur AgarwalEdited By: MOHAMMAD AQIB KHANUpdated: Fri, 10 Feb 2023 11:59 PM (IST)
Hero Image
Uttrakhand: हाईकोर्ट के सिटिंग जज करेंगे लेखपाल भर्ती परीक्षा की जांच : जागरण
देहरादून, जागरण संवाददाता: भर्ती घोटालों पर युवाओं के उबाल को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लेखपाल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार ने इस प्रकरण में गिरफ्तार उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार समेत 13 आरोपितों पर दर्ज मुकदमे से जानलेवा हमले की आइपीसी धारा-307 हटाने का आदेश दिया है।

शुक्रवार सुबह से रात तक इस मामले में कचहरी परिसर में डटे बेरोजगार युवाओं की मांगों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी सोनिका को मध्यस्थता के आदेश दिए। जिलाधिकारी ने रात करीब नौ बजे एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, देहरादून बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों व प्रशासन के आला अधिकारियों की उपस्थिति में बेरोजगार युवाओं के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया।

वार्ता के बाद जिलाधिकारी ने पथराव के मामले में दर्ज मुकदमे से धारा-307 हटाने के आदेश दिए। युवाओं को बताया कि शनिवार शाम तक गिरफ्तार युवा जमानत पर बाहर आ जाएंगे। इससे युवाओं का आक्रोश कुछ हद तक शांत हुआ। हालांकि, रविवार को होने जा रही लेखपाल भर्ती परीक्षा स्थगित करने से सरकार ने इंकार कर दिया।

सरकार ने कहा कि परीक्षा के लिए पूरी तैयारी हो चुकी है और अब इसे स्थगित करना मुमकिन नहीं है। तमाम प्रयासों के बाद अधिकतर युवा मान गए और रात 10 बजे कचहरी परिसर खाली किया। हालांकि, 60 से 70 युवा अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े रहे। भर्ती घोटालों के विरुद्ध बेरोजगार युवाओं ने बुधवार से दून के गांधी पार्क में आंदोलन शुरू किया था, लेकिन उसी रात पुलिस ने उन्हें जबरन उठा लिया।

पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए गुरुवार सुबह हजारों की संख्या में युवा गांधी पार्क के बाहर एकत्रित हुए और राजपुर रोड जाम कर दी। करीब छह घंटे तक सड़क जाम रही। जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो युवा उग्र हो गए और पथराव कर दिया। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

बेरोजगार संघ के अध्यक्ष समेत 13 प्रदर्शनकारियों को किया था गिरफ्तार

इस घटनाक्रम में पुलिसकर्मियों समेत कई युवा भी घायल हुए थे। पुलिस ने इस मामले में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाबी पंवार समेत 13 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया था। इन सभी पर जानलेवा हमले की धारा भी लगाई गई, जिससे शुक्रवार को इनकी जमानत नहीं हो सकी। लाठीचार्ज से गुस्साए युवा पुलिस के तमाम सुरक्षा-बंदोबस्त के बावजूद शुक्रवार सुबह कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक पर जुट गए और हंगामा किया।

कई चरणों में युवाओं से वार्ता हुई 

शासन से लेकर प्रशासन तक कई चरणों में युवाओं से वार्ता करता रहा, लेकिन वह नहीं माने। दोपहर में युवाओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी वार्ता की और सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी, लेकिन युवा नहीं माने और वापस कचहरी परिसर आकर धरने पर बैठ गए। जब तमाम प्रयास विफल हो गए तो देर रात मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को मध्यस्थता की कमान सौंपी।

डीएम ने की युवाओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता

जिलाधिकारी ने पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में युवाओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता की। इसमें लेखपाल भर्ती मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने व गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों पर दर्ज धारा-307 हटाने के सरकार के निर्णय की जानकारी युवाओं को दी गई। इस पर सुबह से रात तक चला गतिरोध कुछ हद तक टूटा जरूर, लेकिन कुछ युवा लेखपाल भर्ती परीक्षा स्थगित करने की जिद पर अड़े रहे। पुलिस-प्रशासन देर रात तक उन्हें मनाने का प्रयास करता रहा।

सरकार के कड़े निर्णय की दी जानकारी

देर रात प्रदर्शनकारियों से वार्ता में जिलाधिकारी ने सरकार के कड़े निर्णयों की जानकारी दी। बताया कि भर्ती घोटालों को लेकर जांच निष्पक्ष दिशा में चल रही है। इन मामलों में सीबीआइ जांच की एक अपील हाई कोर्ट पहले ही अस्वीकार कर चुका है और सरकार की ओर से कराई जा रही जांच पर संतोष जताया है।

सरकार नकल विरोधी अध्यादेश को स्वीकृति दे चुकी है। लेखपाल भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को भी हटा दिया गया है।  जिलाधिकारी ने कहा कि युवाओं की अधिकतर मांगें मान ली गई हैं, ऐसे में आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाता। उन्होंने युवाओं से आंदोलन खत्म करने की अपील की।

बार एसोसिएशन के प्रयास भी रहे विफल

कचहरी परिसर में जमा युवाओं को मनाने के लिए देहरादून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल व सचिव अनिल शर्मा सुबह से ही पुलिस-प्रशासन के साथ जुटे रहे। बड़ी संख्या में अधिवक्ता इस दौरान साथ रहे, लेकिन युवाओं ने उनकी बात नहीं मानी। रात करीब नौ बजे बार एसोसिएशन के सचिव ने अधिवक्ताओं से घर लौट जाने को कहा। हालांकि, इस दौरान पंकज क्षेत्री समेत एक-दो अधिवक्ता अड़ गए और कहा कि वह बार एसोसिएशन से नाता तोड़ लेंगे, लेकिन बेरोजगार युवाओं के समर्थन में खड़े रहेंगे। जब जिलाधिकारी से वार्ता के बाद अधिकतर युवा घर लौट गए तो पंकज क्षेत्री शेष बचे 60-70 युवाओं के साथ धरने पर बैठ गए।

मंडलायुक्त करेंगे पथराव-लाठीचार्ज की मजिस्ट्रेटी जांच

गांधी पार्क के बाहर गुरुवार को पथराव व लाठीचार्ज के मामले की मजिस्ट्रेटी जांच गढ़वाल मंडलायुक्त सुशील कुमार करेंगे। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए थे। पहले यह माना जा रहा था कि जांच जिला-प्रशासन के किसी अधिकारी से कराई जाएगी, लेकिन मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने इसकी जांच मंडलायुक्त से कराने का निर्णय लिया है।

सरकार को शिकायत मिली है कि युवाओं के हजारों की संख्या में जुटने व पथराव की घटना पुलिस की कार्रवाई के प्रतिशोध में हुई है। पुलिस पर बुधवार देर रात गांधी पार्क के बाहर बैठे युवाओं से दुर्व्यवहार का आरोप है। आरोप यह भी है कि कुछ पुलिसकर्मी शराब के नशे में थे, जिन्होंने प्रदर्शनकारी महिलाओं से अभद्रता की।

पुलिस की इस कार्रवाई के वीडियो गुरुवार सुबह से इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे थे। यही वजह रही कि हजारों की संख्या में भीड़ गांधी पार्क के बाहर जुटी। पुलिस का खुफिया तंत्र इस मामले में पूरी तरह फेल नजर आया।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।