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अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप बनेगा हल्द्वानी स्टेडियम: खेल मंत्री अरविंद पांडेय

अरविंद पांडेय ने कहा कि स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। इसके लिए वहां दर्शकों के बैठने की क्षमता 25 हजार करने के साथ ही अन्य जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

By Edited By: Updated: Fri, 07 Dec 2018 12:42 PM (IST)
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अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप बनेगा हल्द्वानी स्टेडियम: खेल मंत्री अरविंद पांडेय

देहरादून, राज्य ब्यूरो। हल्द्वानी स्टेडियम अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करता है। मानकों के लिहाज से यह काफी छोटा है। परिणामस्वरूप वहां अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं हो पा रहे हैं। खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने गुरुवार को विस के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ.इंदिरा हृदयेश के अनुपूरक प्रश्न के जवाब में सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्टेडियम को अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। इसके लिए वहां दर्शकों के बैठने की क्षमता 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार करने के साथ ही अन्य जरूरी कदम उठाए जाएंगे। 

दरअसल, विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने तारांकित प्रश्न के जरिये जानना चाहा था कि राज्य में खेल सुविधाओं के विकास और नए खिलाड़ियों के प्रोत्साहन को बनाई गई नीति के परिणाम क्या रहे। इस पर खेल मंत्री ने खेल नीति-2014 के उद्देश्यों समेत अन्य जानकारियां दीं। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष ने हल्द्वानी स्टेडियम में अंतर्राष्ट्रीय मैच न होने का मसला उठाया था। इस पर खेल मंत्री ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मानक पूरे होने के बाद हल्द्वानी में भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित किए जाएंगे। धन की व्यवस्था होने पर वहां कार्य कराए जाएंगे। 

साथ ही यह भी कहा कि जब तक कार्य होते हैं, तब तक वहां रणजी क्रिकेट मैच आयोजित कराने के बारे में निर्णय लिया जाएगा। ..सवालों पर घिरे खेल मंत्री खेल मंत्री ने सदन को बताया कि राज्य में खिलाड़ियों को स्थानीय स्तर पर खेल सुविधा मुहैया कराने को 3786 छोटे खेल मैदान, 46 बड़े खेल मैदान, सीमांत जिलों में 23 खेल मैदान, 106 बड़े खेल मैदान व मिनी स्टेडियम, 40 व्यायामशालाएं, दो इंडोर हॉल के साथ ही जलक्रीड़ा के मद्देनजर शिवपुरी-कौड़ियाला और गूलरभोज डैम गदरपुर में सेंटर तैयार किया जा रहा है।

उन्होंने खेल महाकुंभ-2017 की उपलब्धियां भी रखीं। इस पर विधायक प्रीतम सिंह ने जानना चाहा कि खेल महाकुंभ पर कितनी राशि खर्च हुई और जिन खेल सुविधाओं को लेकर मंत्री ने जिक्र किया, उनके लिए कितने के बजट का प्रावधान और अब तक कितना खर्च हुआ है। विभागीय मंत्री ने कहा कि खेल महाकुंभ पर आठ करोड़ खर्च हुए। अलबत्ता, खेल अवस्थापना सुविधाओं के बजट व खर्च के संबंध में उन्होंने सूची उपलब्ध कराने की बात कही। 

इसी प्रकार विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने खेल नीति बनने से दिसंबर 2016 तक और पांडेय के मंत्री बनने के बाद से खेल अवस्थापना सुविधाओं के संबंध में जानना चाहा। इस पर भी मंत्री बोले कि वह अपने कार्यकाल की सूची उपलब्ध करा देंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में कोचिंग कैंप बंद नहीं विधायक महेश नेगी के सवाल पर खेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में किसी भी कोचिंग कैंप को बंद नहीं किया गया है। जहां सुविधाओं की कमी थी, उन्हें जरूर शिफ्ट किया गया है। 

जल्द ही चौखुटिया में हॉकी व बॉक्सिंग कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी। वहीं, विधायक विनोद कंडारी व सौरभ बहुगुणा के अनुपूरक प्रश्नों के जवाब में खेल मंत्री ने बताया कि कोचिंग के लिए अच्छे कोच की व्यवस्था की गई है। स्वीडन से भी कोच बुलाये गए हैं। अब तक 110 कोच नियुक्त किए जा चुके हैं। जहां कोच नहीं हैं, वहां अविलंब व्यवस्था की जाएगी। तैयार हो रहा युवा नीति का मसौदा विधायक देशराज कर्णवाल के प्रश्न पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री पांडेय ने कहा कि 2011 में युवा नीति बनाई गई थी। वर्तमान में राज्य युवा नीति के पुनरीक्षण के लिए यूएनडीपी ने एक ड्राफ्ट फ्रेमवर्क तैयार किया है। इस पर विचार-विमर्श चल रहा है। जल्द ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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