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वैक्सीन की कमी बरकरार, कैसे होगा लक्ष्य पार; तीन जिले में टीकाकरण अभियान तकरीबन हुआ ठप

वैक्सीन की कमी का असर प्रदेश में दिखने लगा है। राज्य के तीन जिले देहरादून हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में टीकाकरण अभियान तकरीबन ठप है। बस कुछेक टीकाकरण केंद्र व मोबाइल टीम के पास ही वैक्सीन का स्टाक बचा है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 10 Jul 2021 02:48 PM (IST)
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राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल में कोरोना रोधी टीका लगवाने पहुंचे व्यक्तियों को वैक्सीन खत्म होने की जानकारी देते स्वास्थ्यकर्मी।
जागरण संवाददाता, देहरादून। वैक्सीन की कमी का असर प्रदेश में दिखने लगा है। राज्य के तीन जिले, देहरादून, हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर में टीकाकरण अभियान तकरीबन ठप है। बस कुछेक टीकाकरण केंद्र व मोबाइल टीम के पास ही वैक्सीन का स्टाक बचा है। स्थिति ये है कि ज्यादातर टीकाकरण केंद्र पिछले कई दिन से बंद हैं और लोग बिना टीका लगाए वापस लौट रहे हैं। इधर, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत दिसंबर तक शत प्रतिशत टीकाकरण का दावा कर रहे हैं। वैक्सीन की कमी के चलते ये लक्ष्य पूरा करना बड़ी चुनौती है।

राज्य में जहां एक ओर वैक्सीन की किल्लत बनी हुई है, वहीं दूसरी खुराक का बैकलाग भी बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि दूसरी खुराक लगाने में ही स्वास्थ्य विभाग के पसीने छूट रहे हैं। दून में ही दो लाख से अधिक लोग दूसरी खुराक के लिए तय समय पूरा कर चुके हैं, जबकि वैक्सीन तुलनात्मक रूप से बहुत कम मिल रही है। इस कारण 45 साल से अधिक के व्यक्तियों की पहली खुराक बंद करनी पड़ी है। यही नहीं दूसरी खुराक के लिए भी लोग यहां-वहां धक्के खा रहे हैं। प्रदेश में 45 से अधिक उम्र के व्यक्तियों की आबादी 27.95 लाख से अधिक है। इसमें 70 प्रतिशत को पहली और 25.5 प्रतिशत को दूसरी खुराक लग चुकी है। 18 से 44 आयु वर्ग की आबादी 50 लाख है। इसमें 31.6 प्रतिशत ने पहली और 0.8 प्रतिशत ने दूसरी खुराक लगवाई है। अब तक राज्य में कुल 38 लाख 81 हजार 924 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली खुराक लगी है। जबकि 9 लाख 81 हजार 980 व्यक्तियों को दोनों खुराक लगी है।

कोविशील्ड के इंतजार में अटकी विदेश यात्रा

विदेश में पढ़ाई व नौकरी करने वाले लोग टीके की कमी की वजह से दुविधा में हैं। दरअसल ज्यादातर देशों ने बाहर से आने वालों के लिए मान्यता प्राप्त टीके की दोनों खुराक अनिवार्य कर दी है। इसके 14 दिन बाद ही विदेश यात्रा की जा सकती है। लेकिन, कोविशील्ड की कमी के कारण विदेश जाने वालों को टीका नहीं लग पा रहा है। कोरोना महामारी के दौरान विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगा हुआ है। पर विदेश में नौकरी या पढ़ाई करने वाले और ओलंपिक के लिए चयनित खिलाड़ी व उनके स्टाफ को छूट दी गयी है। इनके लिए कोविशील्ड की दूसरी खुराक की 84 दिन की तय सीमा को भी 28 दिन किया गया है। इस प्रक्रिया के लिए स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेनी होती है। इसमे पासपोर्ट, वीजा, कंपनी का नियुक्ति पत्र, शिक्षा के लिए संबंधित स्कूल, कालेज का प्रवेश पत्र आदि एक निर्धारित पपत्र में जमाकर स्वास्थ्य विभाग से अनुमति लेनी है। जिला स्तर पर कई व्यक्तियों ने विदेश यात्रा के लिए कोविशील्ड की दूसरी खुराक लगवाने का आवदेन किया है, लेकिन कोविशील्ड वैक्सीन का स्टाक खत्म होने की वजह दूसरी डोज नहीं लग पा रही है। इस वजह से इनकी विदेश यात्रा पर संकट खड़ा हो गया है।

वैक्सीन खत्म, केंद्रों से मायूस लौट रहे लोग

जिले में कोरोना के टीकों की लगातार किल्लत बनी हुई है। अभी कुछ दिन पहले यहां महाअभियान के तहत एक दिन में 20 हजार से अधिक व्यक्तियों के टीकाकरण का रिकार्ड बना था। पर टीकाकरण का ग्राफ अब लगातार गिरता जा रहा है। स्थिति यह है कि शुक्रवार को जिले में केवल 7017 व्यक्तियों का ही टीकाकरण हो सका। जबकि शनिवार को 2960 व्यक्तियों को ही टीका लग पाएगा। 18-44 आयुवर्ग के लिए दस केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें सात केंद्रों पर कोविशील्ड की 950 खुराक और तीन केंद्रों पर कोवैक्सीन की 190 खुराक लगाई जाएगी। इसके अलावा दो विशेष केंद्र निराश्रित वर्ग के लिए बनाए गए हैं। जहां कोवैक्सीन की 80 खुराक लगेंगी। 45 साल से अधिक के व्यक्तियों के लिए 17 केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें सात केंद्रों पर कोविशील्ड की 950 व दस केंद्रों पर कोवैक्सीन की 790 खुराक लगेंगी। इस आयुवर्ग में अभी केवल दूसरी ही खुराक लग पा रही है। शहर में टीकाकरण पूरी तरह ठप है।

डा. कुलदीप सिंह मर्तोलिया (राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी) का कहना है कि टीकाकरण में उत्तराखंड की प्रगति अन्य राज्यों से बेहतर है। केंद्र को वैक्सीन की अतिरिक्त डिमांड भेजी गई है। जुलाई के दूसरे पखवाड़े में स्थिति काफी हद तक सुधर जाएगी। दिसंबर तक शत प्रतिशत व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

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