ब्रेफिक्र रहें, अभी नहीं हो रहा है वाहनों का चालान Dehradun News
परिवहन विभाग की ओर से एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि प्रदूषण जांच और बीमा आदि से संबंधित चालान को लेकर भयभीत होने की अभी कोई जरूरत नहीं है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 10 Sep 2019 08:07 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। वाहन की प्रदूषण जांच या बीमे को लेकर शहर में मच रही हाय-तौबा पर परिवहन विभाग की ओर से आमजन को फिलहाल बेफिक्र रहने की सलाह दी है। परिवहन विभाग की ओर से एआरटीओ प्रशासन अरविंद कुमार पांडे ने बताया कि प्रदूषण जांच और बीमा आदि से संबंधित चालान को लेकर भयभीत होने की अभी कोई जरूरत नहीं है। विभाग द्वारा इस महीने इन दस्तावेजों की जांच को लिए कोई अभियान नहीं चला रहा। विभाग की ओर से पुलिस को भी फिलहाल इन दस्तावेजों की जांच न करने को कहा गया है। एआरटीओ ने बताया कि अगर किन्हीं कारणों से आपका चालान हो जाता है, तब भी ना घबराएं। एमवी एक्ट के तहत वाहन के कागजात निर्धारित अवधि में प्रस्तुत कर चालान बगैर जुर्माने के सिर्फ 100 रुपये आर्थिक दंड भुगत कर छुड़ाया जा सकता है।
केवल नियम तोड़ने पर दें ध्यानएआरटीओ प्रशासन ने बताया कि विभाग की ओर से प्रवर्तन टीमों को सिर्फ परिवहन व यातायात नियम तोड़ने वालों पर फोकस करने को कहा है। इनमें बिना हेलमेट, बिना सीट-बेल्ट लगाए वाहन चलाने, फिटनेस के बिना वाहन चलाने, ओवरस्पीड और शराबी वाहन चालकों को किसी तरह की रियायत न देने को कहा गया है। संचालन के दौरान मोबाइल प्रयोग करने वालों पर भी कार्रवाई को कहा गया है। सिर्फ दस्तावेज की जांच करने के लिए चेकिंग के नाम पर आमजन को परेशान न करने को कहा गया है। सभी नियमों का पालन कर रहे लोगों को चेकिंग में न रोकने को भी कहा गया है।
न घबराएं, मिलता है पर्याप्त वक्त
-अगर प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र न होने पर आपके वाहन का चालान काटा जाता है तो घबराए नहीं। एमवी एक्ट के तहत आपको सात दिन का समय मिलेगा। इस अवधि में आप प्रदूषण जांच कराकर प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर बिना जुर्माने के चालान छुड़ा सकते हैं।
-ड्राइिवंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र व बीमा न होने की सूरत में भी यदि वाहन का चालान होता है तो नियमानुसार आपको 15 दिन का समय मिलता है।
-व्यावसायिक वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र, टैक्स व परमिट न होने की सूरत में हुए चालान पर भी कागजात पेश करने के लिए 15 दिन का समय मिलता है।
अरविंद कुमार पांडे (एआरटीओ प्रशासन) का कहना है कि प्रदूषण जांच को लेकर किसी भी तरह से फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है। चूंकि, शहर में जांच केंद्रों की संख्या बेहद सीमित है, लिहाजा प्रदूषण जांच को लेकर अपना पूरा दिन बर्बाद न करें। समयानुसार जांच करा लें। इस माह विभाग की ओर से प्रदूषण प्रमाण पत्र को लेकर कोई अभियान नहीं चलाया जाएगा। आमजन को विभाग की ओर से पर्याप्त समय दिया जा रहा है। पुलिस विभाग को भी ऐसा करने को कहा गया है। चालान होने की सूरत में भी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त वक्त दिया जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र पर अभी सख्ती नहीं
संशोधित मोटर यान अधिनियम के सख्त प्रावधानों, खासकर प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बनवाने को मची आपाधापी और इससे पैदा दिक्कतों के बीच परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने आमजन को बड़ी राहत दी है। परिवहन मंत्री ने कहा है कि जब तक प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतें दूर नहीं हो जाती और आम जनता को प्रदूषण जांच केंद्र सुलभ नहीं हो जाते, तब तक इसके उल्लंघन और चालान पर सख्ती नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार हर पेट्रोल पंप पर प्रदूषण नियंत्रण जांच केंद्र की अनिवार्यता का प्रयास करेगी। वह अगली कैबिनेट बैठक में नए मोटर वाहन अधिनियम में जनता से सीधे जुड़े विषयों पर अपने सुझाव रखेंगे।
यह भी पढ़ें: डिजिलॉकर उत्तराखंड में है मान्य, बेफिक्र हो गाड़ी चलाएं, पढ़िए पूरी खबरप्रदेश में प्रदूषण नियंत्रण जांच केंद्रों की बेहद सीमित संख्या के कारण प्रमाण पत्र बनाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं। लगातार बढ़ रही इस समस्या का अब परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने संज्ञान लिया है। जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा कि नियमों को लागू करने का अर्थ लोगों को जागरूक करना होता है न कि उनका उत्पीड़न करना। ऐसे में जब तक राज्य में पर्याप्त संख्या में प्रदूषण जांच केंद्र नहीं स्थापित हो जाते, तब तक पुलिस व परिवहन विभाग को इसमें सख्ती न करने की हिदायत दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण केंद्रों की कमी को दूर करने के लिए अन्य राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड के पेट्रोल पंपों पर भी प्रदूषण नियंत्रण केंद्र खोले जाएंगे। यह भी पढ़ें: नाबालिग के वाहन चलाने पर 25 हजार तक जुर्माना, पढ़िए पूरी खबर
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