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बदरीनाथ मार्ग पर तोताघाटी में वाहनों की आवाजाही पर 31 मार्च तक रोक, यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने दिए आदेश

बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग के पास तोताघाटी में 31 मार्च तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। ऑलवेदर रोड के तहत यहां पर मार्ग चौड़ा किया जाना है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री तीरथ ने इस आशय के आदेश जारी किए हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 16 Mar 2021 06:43 PM (IST)
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बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग के पास तोताघाटी में 31 मार्च तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग के पास तोताघाटी में 31 मार्च तक वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। ऑलवेदर रोड के तहत यहां पर मार्ग चौड़ा किया जाना है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इस आशय के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए किए हर हाल में 31 मार्च तक कार्य पूर्ण कर लिया जाए। फिलहाल वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से भेजा जाएगा।

प्रदेश में मई में चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है। इसके तहत 14 मई को गंगोत्री-यमुनोत्री, 17 मई को केदारनाथ और 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने हैं। ऐसे में प्रयास किया जा रहा है कि मार्ग के चौड़ीकरण का कार्य जल्द कर लिया जाए, जिससे यात्रा पर प्रभाव न पड़े। दरअसल, ऋषिकेश और देवप्रयाग के बीच स्थित है। यह स्थान देवप्रयाग से 30 किलोमीटर दूर है। पिछले वर्ष से यहां रोड कटिंग का कार्य जारी है। पिछले साल भी   जुलाई से अक्टूबर तक इस मार्ग पर आवाजाही बंद कर दी गई थी।

राष्ट्रीय राजमार्ग खंड (श्रीनगर गढ़वाल) के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्र ने बताया कि तोताघाटी में अब करीब चार सौ मीटर क्षेत्र में मार्ग का चौड़ीकरण किया जाना है। यातायात के साथ निर्माण कार्य में अड़चन आ रही थी। कटिंग के लिए कम समय मिलने व आम जन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाहनों की आवाजाही को पूर्ण रूप से रोकने के लिए आग्रह किया गया था। उन्होंने कहा कि कोशिश रहेगी कि 31 मार्च तक कार्य पूर्ण कर लिया जाए।

छोट व बड़े वाहनों के लिए दो वैकल्पिक मार्ग 

तोताघाटी में मार्ग बंद होने के बाद आवाजाही के लिए ऋषिकेश से दो वैकल्पिक मार्ग रहेंगे। इनमें बड़े वाहनों के लिए ऋषिकेश से वाया टिहरी जिले में चंबा और टिहरी होते हुए मलेथा से श्रीनगर पहुंचा जा सकेगा। इससे यात्रियों को 38 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी।  वहीं, दूसरा मार्ग छोटे वाहनों के लिए होगा। इसके तहत टिहरी जिले में नरेंद्रनगर और चाका होते हुए देवप्रयाग पहुंचा जाएगा।  यह दूरी करीब 18 किमी अधिक है। 

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