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हरिद्वार : विहिप के राष्ट्रीय अधिवेशन में संत बोले, नमाज के बाद हुई हिंसा स्वीकार्य नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर हो चर्चा

हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन (उपवेशन) में संतों ने कहा नमाज के बाद हुई हिंसा स्वीकार्य नहीं है। संतों ने आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई और इस पर राष्ट्रीय चर्चा कराने की मांग उठाई।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Sat, 11 Jun 2022 11:08 PM (IST)
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देश के शीर्ष 300 से अधिक संत-महात्मा ले रहे हैं भाग

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन (उपवेशन) में जुमे की नमाज के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा, हंगामा व पथराव की घटनाओं पर संतों ने गहरी नाराजगी जताई।

कहा कि ऐसा राष्ट्र विरोधी कृत्य को किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है। विहिप के शीर्ष पदाधिकारियों व संतों ने एक स्वर में आरोपितों को चिह्नित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई और इस पर राष्ट्रीय चर्चा की मांग उठाई।

साथ ही वर्ग विशेष के धर्मस्थल के इस तरह के इस्तेमाल को राष्ट्र विरोधी बताते हुए इस पर प्रभावी रोक लगाने की जरूरत बताई। अधिवेशन में कुटुंब प्रबोधन, घर वापसी, समान नागरिक संहिता, जनसांख्यिकी बदलाव, मतांतरण के विरोध में कड़ा कानून बनाने, हिंदू मठ-मंदिरों को वापस करने, ज्ञानवापी, मथुरा, ताजमहल व कुतुबमीनार जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार ने बताया कि विमर्श करने के बाद चयनित विषय का प्रस्ताव कार्रवाई के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा।

अधिवेशन की औपचारिक शुरुआत दोपहर बाद साढ़े तीन बजे श्रीपंचदशनाम जून अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने प्रमुख संत व विहिप पदाधिकारियों के साथ दीप जलाकर की। पहले सत्र में विहिप के महामंत्री मिलिंद परांडे ने वर्षभर की गतिविधि और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

एजेंडे अनुरूप कुटुंब प्रबोधन पर विचार रखते हुए जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रभाव के कारण सनातनी संस्कृति को नुकसान पहुंचा है। इसके लिए भारतीय संस्कृति को सर्वोपरि रखते हुए गंभीरता के साथ काम करने की जरूरत है।

निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने जुम्मे की नमाज के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसा, हंगामा और पथराव की घटना पर गहरी चिंता जताई। कहा कि इस पर राष्ट्रीय चर्चा के साथ ही केंद्र व राज्य सरकारों को कड़ा कदम उठाना चाहिए। यह राष्ट्र विरोधी कृत्य है, जो किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं होगा।

स्वामी चिदानंद मुनि, डा.रामेश्वर प्रसाद, स्वामी विवेकानंद, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, केरल से स्वामी शक्ति शांतानंद सहित अन्य प्रमुख धर्माचार्यों ने समान नागरिक संहिता और मतांतरण के विरोध में कड़ा कानून बनाने पर जोर दिया। उन्होंने हिंदू मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किए जाने की जरूरत भी बताई। अध्यक्षता पेजावर पीठाधीश्वर जगदगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ और संचालन विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया।

देश की एकता और सौहार्द के विरुद्ध बड़ी साजिश

विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि पहले दिन संतों ने जुमे की नमाज के बाद वर्ग विशेष के राष्ट्र विरोधी तत्वों की ओर से धर्म और धार्मिक मौके की आड़ में की गई हिंसा, हंगामा और पथराव की घटना पर रोष जताते हुए सरकार से आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।

उन्होंने इस तरह की स्थिति को देश की एकता और सौहार्द के विरुद्ध बड़ी साजिश बताया। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक तिवारी ने कहा कि वर्ग विशेष के राष्ट्र विरोधी तत्व ऐसी घटनाओं के जरिये हिंदुओं को आक्रोशित व विचलित करना चाहते हैं।

अगर ऐसा हुआ तो देश में विषम स्थिति पैदा हो जाएगी। इसलिए सरकार को जन और संत भावना के अनुरूप ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

अधिवेशन में शामिल संत व विहिप पदाधिकारी

निर्मल पीठाधीश्वर श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह, श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य युग पुरुष महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (महानिर्वाणी) के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद, महामंडलेश्वर स्वामी जनार्दन हरि, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद, महंत रामकृष्ण दास, महामंडलेश्वर स्वामी जितेंद्र दास, स्वामी निजानंद, स्वामी दिव्यानंद, स्वामी रामदास, स्वामी आत्मानंद पुरी, स्वामी चिदंबरानंद, साध्वी प्राची, स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, स्वामी परमानंद सरस्वती, विहिप के संरक्षक दिनेश चंद्र, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंगल, उपाध्यक्ष चंपत राय, महामंत्री विनायक राव देशपांडे, महामंत्री मिलिंद परांडे, संगठन महामंत्री धर्म नारायण, कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र सिंह पंकज, संगठन मंत्री अशोक तिवारी, केंद्रीय सदस्य राज बिहारी, मंत्री रवि देवानंद, प्रांत अध्यक्ष उत्तराखंड अजय कुमार, संगठन मंत्री भारत गगन अग्रवाल, क्षेत्रीय सेवा प्रमुख, जिलाध्यक्ष हरिद्वार नितिन गौतम, जिला धर्माचार्य संपर्क प्रमुख मयंक चौहान आदि।

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