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जो कभी सत्ता में रहे, वही आज देश विरोधी नैरेटिव फैला रहे: उप राष्ट्रपति धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देहरादून में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में देश विरोधी नैरेटिव फैलाने वाले राजनीतिक दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये दल निजी हित के लिए देश की वैश्विक प्रतिष्ठा और आर्थिक वृद्धि को नजरअंदाज कर रहे हैं। उपराष्ट्रपति ने युवाओं से देश विरोधी नैरेटिव का विरोध करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती पर भी चर्चा हुई।

By Vijay joshi Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 01 Sep 2024 08:17 AM (IST)
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Vice President of India Jagdeep Dhankhar: भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में संवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून। Vice President of India Jagdeep Dhankhar: देश में नकारात्मक माहौल बनाने वाले राजनीतिक दलों को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आड़े हाथ लेते हुए कहा कि 'अफसोस है कि जो लोग कभी सत्ता में थे, वही आज देश विरोधी नैरेटिव फैला रहे हैं और हमारे लोकतंत्र को चुनौती दे रहे हैं।'

देहरादून में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे उप राष्ट्रपति धनखड़ ने किसी राजनीतिक दल का नाम लिए बिना कहा कि जो राजनीतिक दल देश का माहौल बिगाड़ रहे, उनके नेता निजी हित के लिए देश की वैश्विक प्रतिष्ठा और आर्थिक वृद्धि को भी नजरअंदाज कर रहे हैं।

संकीर्ण दलगत हितों की पूर्ति के लिए ये लोग हमारे लोकतंत्र की तुलना पड़ोसी देशों की प्रणाली से कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं को सचेत किया कि ऐसे लोग हमें भटकाने का पूरा प्रयास करते हैं और अपने वास्तविक इरादों को छिपाते हैं और देश की अभूतपूर्व वृद्धि को नजरअंदाज करते हैं। साथ ही आह्वान किया कि युवा देश विरोधी नैरेटिव का विरोध कर उसे बेअसर करें।

संवाद कार्यक्रम में पहुंचे थे उपराष्‍ट्रपति

भारतीय पेट्रोलियम संस्थान में शनिवार को छात्रों से संवाद कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हमारे लोकतंत्र और राष्ट्रवाद की भावना को चुनौती देने वाले लोग कभी सत्ता में थे। युवाओं को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग हमें भटकाने का प्रयास करते हैं, वह देश की आर्थिक उन्नति और वैश्विक मंच पर बन रही प्रतिष्ठा को भी नकारते हैं।

उन्होंने युवाओं से पूछा कि क्या हमारे देश के स्थिर व महान लोकतंत्र की तुलना पड़ोसी देशों से की जा सकती है। जिस पर सभी छात्रों ने एक सुर में 'नहीं' उत्तर दिया। उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सबसे बड़ा और सबसे जीवंत लोकतंत्र है और यहां प्रधानमंत्री को ऐसी अवमानना का सामना नहीं करना चाहिए। राष्ट्रवाद और लोकतंत्र पर विश्वास करने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसे दुष्ट नैरेटिव को कभी स्वीकार नहीं करेगा। उप राष्ट्रपति ने युवाओं से अपील भी की कि वे देश विरोधी नैरेटिव का विरोध कर उन्हें बेअसर करें।

उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति सतत विकास के साथ समन्वित है और यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए गौरवशाली धरोहर को सुनिश्चित करती है। छात्रों एवं विज्ञानियों के बीच अपने आधे घंटे के संबोधन के बाद उपराष्ट्रपति सड़क मार्ग से राजभवन के लिए रवाना हो गए।

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राजभवन में ही उन्होंने रात्रि विश्राम किया। रविवार सुबह वह राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज में छात्रों को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह दोपहर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में छात्रों व फैकल्टी के साथ संवाद करेंगे और शाम को दिल्ली रवाना होंगे। इससे पूर्व शनिवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने उनकी अगवानी की।

जलवायु परिवर्तन से कमजोर वर्ग सर्वाधिक प्रभावित

जलवायु परिवर्तन कमजोर वर्गों को सर्वाधिक प्रभावित करता है। सतत विकास, पर्यावरणीय संतुलन और शोध-अनुसंधान को ध्यान में रखकर कार्य करने की आवश्यकता है। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देहरादून स्थित आइआइपी में वैज्ञानिकों व छात्रों के साथ संवाद में यह बातें कही। उन्होंने भारत की ओर से वैश्विक प्रतिबद्धताओं में स्थिरता को शामिल करने की सराहना की।

उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम की बात करते हुए कहा कि हमारी प्राचीन भावना और सभ्यता की आत्मा को प्रतिबिंबित करते हुए भारत दुनिया को परिवार मानकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार और कंपनियों के अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए आगे आने की आवश्यकता पर जोर दिया।

शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान-सीएसआइआर में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। यहां उन्होंने संस्थान के विज्ञानियों और छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने संस्थान के परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत पौधारोपण किया।

उनकी धर्मपत्नी डा. सुदेश धनखड़ और उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने भी पौधे रोपे। संवाद कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति ने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती पर विचार व्यक्त किए। जलवायु न्याय की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उन्होंने इसे मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने की पैरवी की।

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भारत की ओर से वैश्विक बायोफ्यूल गठबंधन की स्थापना के ऐतिहासिक और व्यापक रूप को भी उन्होंने रेखांकित किया। कहा कि इसे एक स्थायी ऊर्जा भविष्य की दिशा में भारत के महत्वपूर्ण कदम के रूप में वर्णित किया जाएगा। वर्ष 2070 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी को एकसाथ आगे आना होगा।

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से बढ़ते चलन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह सर्कुलर इकोनामी के व्यापक दृष्टिकोण में योगदान कर रहे हैं। कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक डा. एचएस बिष्ट ने संस्थान की उपलब्धियों और भावी योजनाओं की जानकारी दी।

नवाचारों को आगे बढ़ाने में आइआइपी के शोधार्थियों की महत्वपूर्ण भूमिका

राज्यपाल राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में आइआइपी के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए बेहद गर्व का विषय है कि भारतीय पेट्रोलियम संस्थान न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्तर पर ऊर्जा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सौर, पवन, बायोमास और हाइड्रोजन ऊर्जा पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इन क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास की अपार संभावनाएं हैं। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र की एनर्जी सिक्योरिटी, आर्थिक विकास और पर्यावरण में आइआइपी का महत्वपूर्ण योगदान है।

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