RIMC पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कहा- जिन्दगी की जंग लड़ने के लिए खुद में साहस और ज्ञान विकसित करें
Vice President of India Jagdeep Dhankhar उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (आरआईएमसी) में कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की सेवा गर्व और निर्भीकता के साथ करें! भारत माता आपका इंतजार कर रही है। उपराष्ट्रपति ने पूर्व छात्रों से आग्रह किया कि वे थिंक टैंक के रूप में कार्य करें और युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करें।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Vice President of India Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को देहरादून स्थित राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (आरआईएमसी) के कैडेट्स से आग्रह किया कि वे अपने संस्थान के आदर्श- बल विवेक को चरितार्थ करें और ताकत और ज्ञान विकसित करें ताकि वे जीवन की बड़ी जंग को लड़ सकें। उन्होंने कहा, "ताकत और विवेक एक मजबूत संयोजन बनाते हैं जो चुनौती का सामना करने पर अभेद्यता उत्पन्न करता है।"
राष्ट्र के हित को सभी परिस्थितियों में सबसे ऊपर रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, देश की सेवा गर्व और निर्भीकता के साथ करें! भारत माता आपका इंतजार कर रही है। राष्ट्र का भविष्य आपके कंधों पर है। हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता दें। आपका आचरण अनुशासन, शिष्टाचार और सहानुभूति का उदाहरण होना चाहिए।"
थिंक टैंक के रूप में कार्य करें
आरआईएमसी के कैडेट्स को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने पूर्व छात्रों और समुदाय से आग्रह किया कि वे एक थिंक टैंक के रूप में कार्य करें और युवाओं में राष्ट्रीयता की भावना का संचार करें तथा उन लोगों के खिलाफ़ कदम उठाएं जो ग्राउंड रियलिटी से अज्ञात हैं और भारत की अद्वितीय आर्थिक वृद्धि, विकास यात्रा और वैश्विक मंच पर उन्नति को नहीं मानते।यह भी पढ़ें- बागेश्वर धाम बाबा की बातों का तीन लड़कियों पर पड़ा ऐसा प्रभाव, 70 दिनों तक नंगे पैर पैदल चल पहुंचीं उत्तराखंड के चारधामडॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के 10 दिसंबर 1962 को आरआईएमसी कैडेट्स को दिए गए भाषण की याद दिलाते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने दोहराया पृथ्वी बहादुरों की होती है, आत्मा में ताकत रखने वालों की होती है, आलसी और अक्षम लोगों की नहीं। इस महान प्रतिस्पर्धा और प्रतिद्वंद्विता की दुनिया में, हमें आत्म-नियंत्रण और बलिदान से जीवन जीना होगा । इन महान आदर्शों को जीवन में धारण करें।
कैडेट्स को कठिनाइयों के समय भी खड़ा रहने के लिए प्रेरित करते हुए धनखड़ ने कहा मेरे प्रिय युवा कैडेट्स, आपकी व्यक्तिगत और पेशेवर यात्रा में, आप ऐसे क्षणों का सामना करेंगे जो आपको परखेंगे। ऐसे दिन आएंगे जब आपकी धैर्यता कम हो जाएगी और थकावट बढ़ेगी। आप सभी अपने-अपने संघर्षों का सामना करेंगे, लेकिन याद रखें कि जो लोग चुनौती का सामना करते हैं और विपरीत परिस्थितियों में जोखिम उठाते हैं, वे ही साहस, पहल और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विफलता के भय को विकास का सबसे बड़ा हत्यारा बताते हुए धनखड़ ने कैडेट्स से कहा जीवन में कभी विफलता से न डरें, यह सफलता की ओर एक कदम है। डर की भावना आपकी प्रतिभा के उपयोग और आपके संभावनाओं की वास्तविकता में बाधा डालती है। हमेशा याद रखें, डर हमारे विकास की यात्रा का आवश्यक हिस्सा है।
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