मृत्युंजय मिश्रा पर कस रहा शिकंजा, अब बैंक खातों की डीटेल खोलेगी राज
विजिलेंस अब मृत्युंजय मिश्रा और उनके परिजनों के नाम दर्ज बैंक खातों की डीटेल निकालेगी। जिससे घपलों के राज खुुलेंगे।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 18 Dec 2018 01:03 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के निलंबित कुलसचिव मृत्युंजय मिश्रा और उनके परिजनों के नाम दर्ज बैंक खातों की डीटेल घपलों का राज खोलेगी। सतर्कता टीमें सोमवार को मिश्रा के पांच नए खातों की डीटेल मिलने का दावा कर रही हैं। इसके अलावा विवि और करीबियों के खातों का भी मिलान किया जा रहा है। विजिलेंस की टीम दोबारा हर्रावाला स्थित विवि जाएगी।
सतर्कता की खुली जांच में एक करोड़ के घपले में गिरफ्तार मृत्युंजय मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सतर्कता को मिश्रा और परिजनों के पांच खातों की जानकारी मिली थी। बैंकों से इन खातों की बैलेंसशीट मांगी गई है। ताकि एक साल के भीतर इन खातों में कितनी जमा-निकासी और ट्रांजेक्शन हुए हैं, को जांचा जा सके। इसके अलावा मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद घर, विवि और दोनों महिलाओं की फर्म से मिले खातों का मिलान भी जारी है। इन खातों में किसे कितनी रकम जारी हुई और फर्म के नाम आवंटित आर्डर के सापेक्ष कितनी पेमेंट हुई, इसका भी अध्ययन किया जा रहा है। इसके लिए सतर्कता की तीन टीमें पिछले दस दिनों से जुटी हैं।
सूत्रों का कहना है कि बैंक खातों के आधार पर ही मिश्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए गए हैं। अब मुकदमे में आरोपित बनाई की अमेजन ऑटोमेशन की शिल्पा त्यागी, क्रिएटिव वल्र्ड सोलेशन की नूतन रावत, मिश्रा की पत्नी श्वेता मिश्रा और ड्राइवर अवतार सिंह के खिलाफ भी खातों में दर्ज सबूत महत्वपूर्ण होंगे। सतर्कता का दावा है कि मिश्रा और उसके करीबियों के इन खातों में करीब दो करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ है। यह रकम कहां से आई, इसकी डिटेल जुटाई जा रही है।
कल कोर्ट में पेश होंगे मिश्रा
मृत्युंजय मिश्रा चार दिसंबर से सुद्धोवाला जेल में बंद हैं। न्यायिक रिमांड 18 दिसंबर को पूरी होने पर उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। हालांकि 19 दिसंबर को मिश्रा की जमानत पर भी सुनवाई होनी है। उधर, मिश्रा की पत्नी श्वेता ने भी हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत को अर्जी लगाई है। इस पर भी 19 दिसंबर को सुनवाई होनी है।
निदेशक सतर्कता राम सिंह मीणा ने बताया कि मिश्रा के खिलाफ जो भी दस्तावेज, बैंक एकाउंट मिले हैं, उनका परीक्षण कराया जा रहा है। पांच नए एकाउंट की डिटेल सोमवार को मिल जाएगी। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक मिश्रा के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल चुके हैं।
आयुर्वेद विवि में कैसे नियमित हो गए संविदा कर्मचारी उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में निलंबित कुलसचिव के कार्यकाल में ट्रांसफर-पोस्टिंग का भी खूब खेल हुआ। इस दौरान जहां कई लोग संविदा में तैनात किए गए। वहीं, संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया। इसमें भी सरकारी खजाने से जमकर लूट का अंदेशा विजिलेंस को मिला है। इन सब मामलों को विजिलेंस ने जांच के दायरे में शामिल कर दिया है।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के हर्रावाला मुख्य परिसर समेत अधीन कॉलेजों में कई संविदा कर्मचारी भी मिश्रा के कार्यकाल में नियमित हुए हैं। इनको किस आधार पर नियमित किया गया, इसकी सूचना भी विजिलेंस ने मांगी है। यही नहीं इस दौरान कई संविदा कर्मचारियों को भी नौकरी पर रखा गया। खासकर छात्रावास संचालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, वेबसाइट अपडेट करने, अस्पताल, कॉलेज तक भी संविदा पर कर्मचारी लगाए गए।इनके लिए क्या कोई विज्ञप्ति जारी हुई या फिर तैनात किए गए कर्मचारियों की योग्यता क्या थी, यह भी जांच में शामिल है। विजिलेंस सूत्रों का कहना है कि आयुर्वेद विवि में कई संविदा कर्मचारियों को मनमाफिक तरीके से पोस्टिंग दी गई। कुछ कर्मचारी नियम विरुद्ध प्रदेश से बाहर यानि दिल्ली और दूसरे शहरों में भी भेजे गए थे। विजिलेंस ने विवि के ऐसे सभी कर्मचारियों की सूची तैयार कराने को कहा। ताकि नौकरी के नाम पर कितना बजट बर्बाद किया गया, इस पर भी जिम्मेदारी तय की जा सके। इधर, आयुर्वेद विवि में एक एसोसिएट प्रोफेसर का वेतनमान स्केल नौ हजार कराया गया। जबकि दूसरों का वेतनमान इससे कम था। यह किस आधार पर किया गया। इसकी जानकारी भी मांगी गई है।
नौकरी के नाम पर लेन-देन के आरोप आयुर्वेद विवि में करीब डेढ़ सौ पदों पर नई नियुक्ति होनी थी। इसके लिए तीन से ज्यादा बार विज्ञप्ति जारी की गई। ऑन लाइन विज्ञप्ति जारी करने के बाद अभ्यर्थियों के आवेदन तक मांग गए। हालांकि, राजभवन और चुनाव आयोग के आदेश पर यह भर्तियां रोकनी पड़ी थी। इस भर्ती के नाम पर बड़े लेन-देन के आरोप लगे हैं। अभी भी कई लोग भर्ती के नाम पर मोटी रकम वसूलने के आरोप लगाते आ रहे हैं। विजिलेंस ने इस भर्ती को भी अपने जांच के दायरे में लेने की तैयारी कर दी है। ताकि इस मामले में किसी क्या भूमिका रही, यह स्पष्ट हो सके।
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