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चीन और नेपाल से सटे क्षेत्रों में 'महोत्सव' से विकसित होंगे गांव, थमेगा पलायन

सीमांत क्षेत्र के गांवों में पलायन रोकने और वहां रोजगार सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से अक्टूबर के अंत में इन गांवों में विकास महोत्सव आयोजित करेगी। इसकी जिम्मेदारी पुलिस विभाग को सौंपी गई है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Fri, 08 Oct 2021 06:42 PM (IST)
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चीन और नेपाल से सटे क्षेत्रों में 'महोत्सव' से विकसित होंगे गांव, थमेगा पलायन।

सोबन सिंह गुसाईं, देहरादून। चीन और नेपाल सीमा से सटे इलाकों में बढ़ रहा पलायन और यहां समुदाय विशेष की बढ़ती जनसंख्या को देख सुरक्षा एजेंसियां चिंतित हैं। सुरक्षा की दृष्टि से इसे खतरनाक माना जा रहा है। सीमांत क्षेत्र के गांवों में पलायन रोकने और वहां रोजगार सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से अक्टूबर के अंत में इन गांवों में विकास महोत्सव आयोजित करेगी। इसकी जिम्मेदारी पुलिस विभाग को सौंपी गई है। सरकार की सोच यह है कि सीमांत क्षेत्र में विकास और रोजगार मिलेगा तो पलायन रुक जाएगा।

हाल ही में प्रधानमंत्री ने देश के सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद किया था। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पुलिस महानिदेशकों से कहा था कि सीमांत गांवों में विकास महोत्सव आयोजित कर वहां मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं। इसी क्रम में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अधिकारियों को सीमांत के ऐसे गांव चिह्नित करने के निर्देश दिए, जहां सबसे अधिक पलायन हुआ है। इसमें पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी के गांवों में सबसे अधिक पलायन होने की बात सामने आई है। पलायन रोकने को पुलिस विभाग ने पहले चरण में इन तीनों जिलों में विकास महोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया है। हालांकि, महोत्सव की तिथि अभी तय नहीं है। सालभर में दो बार यह महोत्सव आयोजित करने की योजना है।

विकास महोत्सव के तहत सीमांत जिलों के गांवों के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं के साथ रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। उत्तराखंड पुलिस का काम स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारना होगा। ग्रामीणों की आंतरिक सुरक्षा का जिम्मा भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) और सीमा सुरक्षा बल का रहेगा।

इन विभागों का होगा मुख्य रोल

विकास महोत्सव में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योग विभाग, कृषि संबंधी जानकारी देने के लिए कृषि विभाग, पशुओं की समस्या को लेकर पशुपालन विभाग और चिकित्सक, बागवानी विभाग, पर्यटन विभाग, सिंचाई विभाग, मत्स्य व दुग्ध विकास, शिक्षा की अलख जगाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे।

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पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में बढ़ रहा पलायन सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक है। क्षेत्रवासियों की समस्याओं को दूर करने व आंतरिक सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से अक्टूबर के अंत में विकास महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। पुलिस विभाग, केंद्रीय एजेंसियां व विभिन्न विभागों के अधिकारी गांवों में जाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनेंगे और उन्हें दूर करने का प्रयास करेंगे।

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