पहाड़ों में मौसम की मार, नहीं जुड़ रहे वर्चुअल क्लासेस के तार
मौसम की तल्ख मिजाजी ने पहाड़ों पर जनजीवन के साथ शिक्षा व्यवस्था को भी प्रभावित कर दिया।बिजली और संचार व्यवस्था ध्वस्त होने से छात्र वर्चुअल क्लासेस का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं।
By BhanuEdited By: Updated: Fri, 17 Jan 2020 12:33 PM (IST)
देहरादून, आयुष शर्मा। मौसम की तल्ख मिजाजी ने पहाड़ों पर जनजीवन के साथ शिक्षा व्यवस्था को भी अस्त-व्यस्त कर दिया है। यहां बारिश और बर्फबारी के कारण ठंड तो चरम पर है ही, कई गांवों में बिजली और संचार सेवाएं भी ठप हो गई हैं। इससे दर्जनों गांवों के छात्र वर्चुअल क्लासेस का फायदा नहीं ले पा रहे हैं। इसके अलावा भी छात्रों को तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ रही हैं।
प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान के तहत स्कूलों में वर्चुअल क्लास शुरू की गई हैं। इनकी मदद से 11वीं-12वीं के छात्रों को इंजीनियङ्क्षरग की प्रवेश परीक्षा जेईई और मेडिकल की प्रवेश परीक्षा नीट की निश्शुल्क कोचिंग दी जा रही है। वर्चुअल क्लास के देहरादून स्थित मुख्य स्टूडियो से विशेषज्ञ यह कोचिंग दे रहे हैं। मौजूदा समय में प्रदेश के 480 स्कूलों में वर्चुअल क्लास की सुविधा है। इनमें पहाड़ी क्षेत्रों के तमाम स्कूल भी शामिल हैं। सूबे में आठ जनवरी के बाद से लगातार हो रही बारिश और बर्फबारी के कारण अब भी 200 से ज्यादा गांवों में बिजली और संचार सेवाएं बाधित हैं। इससे 100 से ज्यादा स्कूलों में वर्चुअल क्लास के लिए लगाई गई स्क्रीन बस दीवारों की शोभा बनकर रह गई हैं। इससे इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
तैयारी में पिछड़ गए सैकड़ों छात्रविद्युत आपूर्ति बाधित होने से सैकड़ों छात्र तैयारी में पिछड़ गए हैं। समग्र शिक्षा के सहायक परियोजना अधिकारी संजीव जोशी ने बताया कि पिछले 10 दिन में कई स्कूलों का संपर्क टूटा है। फिलहाल 480 में से लगभग 300 स्कूल ही मुख्य स्टूडियो से जुड़े हुए हैं। जिन स्कूलों का संपर्क मुख्य स्टूडियो से टूटा हुआ है, उनमें से करीब 100 स्कूलों में छात्रों को इंजीनियङ्क्षरग और मेडिकल की कोचिंग दी जा रही थी।
अगले सत्र से हर दिन एक घंटा कोचिंगइस सत्र में छात्र-छात्राओं को सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर ढाई बजे के बीच जेईई व नीट की तैयारी कराई जा रही है। जबकि अगले सत्र से वर्चुअल क्लास से जुड़े स्कूलों में रोजाना एक घंटा जेईई और नीट की कोचिंग देने पर विचार किया जा रहा है। इस सत्र में पर्याप्त बजट न होने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका। सहायक परियोजना अधिकारी संजीव जोशी ने बताया कि केंद्र से पर्याप्त बजट मिला तो अगले सत्र में अन्य स्कूलों को भी वर्चुअल क्लास से जोड़ा जाएगा। साथ ही हर दिन अंतिम घंटी (पीरियड) में कोचिंग देने पर विचार किया जा रहा है। कोचिंग देने के लिए शिक्षकों को नियमित तौर पर रखने में खर्चा ज्यादा होगा। इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
यह भी पढ़ें: प्रदेश की छह आइटीआइ का आपस में होगा विलय, शुरू की गई प्रक्रियाचार्ज नहीं हो पा रही बैटरी समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती के अनुसार, खराब मौसम के चलते स्कूलों के वर्चुअल क्लास से डिस्कनेक्ट होने की शिकायतें आ रही हैं। स्कूलों में लगी स्क्रीन में एक घंटे का बैटरी बैकअप है। लेकिन, लाइट न होने से बैटरी भी चार्ज नहीं हो पा रही।
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