उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को मतदाता सूची तैयार, अगस्त में हो सकती है घोषणा
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए संशोधित मतदाता सूची तैयार हो गई है। माना जा रहा है कि 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सितंबर-अक्टूबर में कराए जा सकते हैं।
By BhanuEdited By: Updated: Tue, 16 Jul 2019 09:50 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए संशोधित मतदाता सूची तैयार हो गई है। पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाले मतदाता इस सूची का अवलोकन कर सकते हैं। इधर, पंचायत चुनाव के कार्यक्रम से पहले विभाग मतदान केंद्रों के अध्ययन में जुट गया है।
राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव यानि ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का कार्यकाल पूरा हो गया है। सरकार ने चुनाव तक प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। मगर, चुनाव समय पर हो, इसके लिए पंचस्थानी कार्यालय तैयारी में जुट गया है। इसके तहत संशोधित सूची को लेकर पिछले दो माह से काम चल रहा था। सभी बूथ लेवल अधिकारियों ने 12 जुलाई को सूची पंचस्थानी कार्यालय में जमा करा दी थी। अब सूची का प्रकाशन हो गया है।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल ने बताया कि ग्राम पंचायत के समस्त प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की संशोधित सूची तैयार हो गई है। पंचायती राज अधिनियम के तहत सूची तैयार की गई। यह सूची पंचस्थानी कार्यालय में आम मतदाताओं के निरीक्षण को रखी गई है। सूची में मतदाता अपना नाम देख सकते हैं।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सितंबर-अक्टूबर में
हरिद्वार जिले को छोड़ राज्य के बाकी जिलों में ग्राम पंचायतों के प्रशासकों के हवाले होने के साथ ही शासन अब वहां नए चुनाव कराने की तैयारियों में जुट गया है। इस कड़ी में पंचायतीराज निदेशालय को त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रमुख व सदस्य पदों के लिए आरक्षण का निर्धारण कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सितंबर-अक्टूबर में कराए जा सकते हैं।
प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर शेष जिलों में ग्राम पंचायतों का प्रथम बैठक की तिथि से 14 व 15 जुलाई को पांच साल का कार्यकाल खत्म हो गया। इसके साथ ही इन जिलों की सभी 7491 ग्राम पंचायतें प्रशासकों के हवाले कर दी गई हैं। प्रशासकों की नियुक्ति के संबंध में शासन ने नौ जुलाई को अधिसूचना जारी कर दी थी। हरिद्वार में पंचायतों का कार्यकाल दो वर्ष बाद पूरा होगा। वहीं, क्षेत्र व जिला पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल प्रथम बैठक की तिथि के क्रम में क्रमश: नौ व 12 अगस्त को खत्म होगा। कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव न हो पाने की दशा में इन्हें भी प्रशासकों के हवाले किया जाएगा।
ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म होते ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कवायद शुरू हो गई है। त्रिस्तरीय पंचायतों के लिए मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्य बीती 12 जुलाई को पूरा हो चुका है। अब पंचायतों के प्रमुख व सदस्य पदों पर आरक्षण तय होना है। इस कड़ी में शासन ने पंचायतीराज निदेशालय को आरक्षण का निर्धारण कर प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं। उधर, अपर निदेशक पंचायती राज मनोज तिवारी ने बताया कि हरिद्वार को छोड़ अन्य जिलों में सोमवार को सभी ग्राम पंचायतें प्रशासकों के हवाले हो गई हैं। अब शासन से मिले निर्देशों के क्रम में आरक्षण निर्धारण को लेकर कसरत शुरू की जा रही है। ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों के आरक्षण का निर्धारण कर अलग-अलग प्रस्ताव शासन को भेजे जाएंगे।
अगस्त में चुनाव की घोषणा संभावित 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर जिस तरह से सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है, उससे माना जा रहा है कि अगस्त के आखिर में चुनाव की घोषणा हो सकती है। दरअसल, पंचायतों में मतदाता सूचियां बन चुकी हैं। अब केवल पदों के लिए आरक्षण तय होना है।
यह कार्य अगस्त के तीसरे हफ्ते तक पूरा कर लिए जाने की संभावना है। आरक्षण तय होने के बाद सरकार इसकी सूचना राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगी और फिर आयोग चुनाव का कार्यक्रम तय करेगा।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड की दो नगर पालिकाओं में कांग्रेस ने भाजपा को दी पटखनी
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