ऋषिकेश में जानकी सेतु के लिए अब सौ दिन का इंतजार, पढ़िए पूरी खबर
पौड़ी व टिहरी जिले को जोड़ने वाले जानकी सेतु के निर्माण का 90 फीसद कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य के भी लगभग सौ दिन में पूरा होने की उम्मीद है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 12 Dec 2019 08:47 PM (IST)
ऋषिकेश, हरीश तिवारी। पौड़ी व टिहरी जिले को जोड़ने वाले जानकी सेतु के निर्माण में दो की जगह पूरे छह वर्ष लग गए। पुल का 90 फीसद कार्य पूरा हो चुका है और शेष कार्य के भी लगभग सौ दिन में पूरा होने की उम्मीद है। पुल पर अब सिर्फ आर-पार जाने के लिए डेक व रंग-रोगन का कार्य ही शेष रह गया है।
गंगा के आर-पार स्थित पौड़ी जिले के स्वर्गाश्रम व टिहरी के मुनिकीरेती क्षेत्र को जोडऩे के लिए वर्ष 2006 में झूलापुल स्वीकृत हुआ। तब तीन करोड़ की लागत वाले इस पुल के लिए चार लाख की टोकन मनी भी जारी हुई। लेकिन, फिर मामला ठंडा पड़ गया। करीब आठ साल बाद वर्ष 2014 में निर्माण कार्य फिर शुरू हुआ। तब पुल की लागत लगभग 33 करोड़ पहुंच गई थी। 31 मार्च 2016 को कार्य पूर्ण होना था, लेकिन कार्यदायी संस्था हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी ने रिवाइज बजट न मिलने पर काम रोक दिया। जिससे फिर दो वर्ष तक पुल का निर्माण अधर में लटका रहा। इस पर काबीना मंत्री सुबोध उनियाल के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में गठित व्यय वित्त समिति ने दिसंबर 2018 में रिपोर्ट तैयार की। साथ ही पुल का बजट भी 48.8 करोड़ पहुंच गया।
समिति ने 31 दिसंबर को पुल के लिए बजट जारी करते हुए यह भी तय कर दिया गया था कि अक्टूबर 2019 में पुल का निर्माण पूरा हो जाएगा। लोनिवि नरेंद्रनगर अधिशासी अभियंता मोहम्मद आरिफ खान ने बताया कि अब तक पुल के दोनों किनारों को 20 सस्पेंशन वायर से जोडऩे का काम पूरा कर लिया गया है, जबकि डेक और रंग-रोगन का कार्य पूरा करने में करीब साढ़े तीन महीने का समय लगेगा।
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बकाया चार करोड़ न बनें बाधा
जानकी सेतु के निर्माण में विलंब होने का कारण बजट भी रहा। वर्ष 2016 से 2018 तक इसी के चलते काम बंद रहा। कार्यदायी संस्था हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी के अनुसार अभी भी कंपनी के चार करोड़ रुपये बकाया हैं। जिससे आगे बाधा खड़ी हो सकती है।यह भी पढ़ें: हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग पर 100 करोड़ से बने ढांचों की खुलने लगी परतें, पढ़िए पूरी खबर
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