ट्रक आपरेटरों ने खाद्य सामग्री की आपूर्ति भी ठप करने की दी चेतावनी
हड़ताल पर चल रहे ट्रक आपरेटरों ने अब आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति भी ठप करने की चेतावनी दी है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 27 Jul 2018 02:33 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: 20 जुलाई से देशव्यापी हड़ताल पर चल रहे ट्रक आपरेटरों ने अब आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति भी ठप करने की चेतावनी दी है। आपरेटरों का दावा है कि खाद्य सामग्री और पेट्रोल-डीजल ट्रक ऑपरेटरों का भी उन्हें समर्थन मिल गया है। ऐसे में वे जल्द बड़ा कदम उठा सकते हैं। उन्होंने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए बुधवार को हवन व यज्ञ भी किया।
ट्रक आपरेटर्स की देशव्यापी हड़ताल का असर प्रदेश में लगातार दिख रहा। गत छह दिन से प्रदेश में करीब दो लाख छोटे-बड़े ट्रकों के पहिए थमे हुए हैं व इससे करीब 800 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हो चुका है। देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर में औद्योगिक ईकाइयों की माल सप्लाई भी ठप पड़ी हुई है। अब तक हड़ताल में दूध, फल, सब्जी, दवा, ईंधन आदि के ट्रकों को संचालन की छूट होने के चलते जनता को खास दिक्कत नहीं हो रही थी लेकिन अब हड़ताली आपरेटरों ने इन सामग्री के ट्रकों का भी चक्का-जाम करने का एलान किया है। केंद्र सरकार के प्रस्तावित रोड सेफ्टी बिल के कई बिंदुओं पर ट्रांसपोर्टर पिछले चार साल से आपत्ति जता रहे हैं। इससे पहले भी केंद्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन हो चुका है। ट्रांसपोर्टरों को मोटर व्हीकल एक्ट की धारा-1988 और श्रम कानूनों में संशोधन का मंजूर नहीं है। इन संशोधन में सबसे ज्यादा विरोध हादसे में दूसरे वाहन सवार की मृत्यु होने पर आरोपी चालक के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज करने जैसे प्रावधान को लेकर है। इसके साथ-साथ देशभर में टोल बैरियर पर टोल टैक्स पर टीडीएस भी लगाया जा रहा, जिससे ट्रक आपरेटर्स पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
वाहन की मरम्मत व रखरखाव भी निर्माता कंपनी के सर्विस सेंटर पर किए जाने का प्रावधान है, जिससे छोटे मिस्त्री बेरोजगार हो सकते हैं। इन नियमों के विरोध में ट्रक आपरेटर्स ने बीते शुक्रवार से देशव्यापी हड़ताल पर चल रहे। हड़ताल के कारण अकेले दून में ही करीब 30 हजार ट्रक खड़े हैं और हर रोज 50 करोड़ से ऊपर का कारोबार ठप पड़ रहा। दून ट्रक आपरेटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरभजन सिंह मान ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। कृषि मंडी में भारी नुकसान
ट्रकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश की सभी कृषि मंडियों में भारी नुकसान हो रहा है। गत छह दिन में किसानों व आढ़तियों को भारी नुकसान हुआ है। अगर हड़ताल ज्यादा दिन चली तो श्रमिकों के लिए भूखमरी के हालात बन सकते हैं। उद्योगों की बढ़ी चिंता
औद्योगिक ईकाइयों की चिंता सबसे ज्यादा बढ़ रही है। पक्का माल डिलीवर नहीं हो रहा और कच्चे माल की सप्लाई भी रुकी पड़ी है। ट्रक आपरेटर्स ने बताया कि जब तक केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, वे हड़ताल नहीं तोड़ेंगे। फर्नीचर, कपड़े, लोहे, लकड़ी, ईंट आदि वस्तुओं के कारोबार पर भारी असर दिख रहा है। यह भी पढ़ें: अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी, सड़कें संवारने को 55 करोड़ की योजना
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