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सूखी ठंड से उत्तराखंड के इस इलाके में जम रहा पानी, अभी तक नहीं हुई सीजन की पहली बर्फबारी; फेमस है यह हिल स्टेशन

Dehradun News जनवरी माह का तीसरा सप्ताह बीतने वाला है। अभी तक एक बार भी न वर्षा हुई और न ही बर्फबारी। जिसके चलते सूखी ठंड से पानी जम रहा है। पछवादून से जौनसार बावर तक शीतलहर चलने से लोग बीमार हो रहे हैं। पाला पड़ने से फसलों को नुकसान होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। ठंड घटने की बजाय लगातार बढ़ रही है।

By javed hayat rizvi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Fri, 19 Jan 2024 08:49 PM (IST)
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सूखी ठंड से जम रहा पानी, पछवादून से जौनसार बावर तक शीतलहर

संवाद सूत्र, चकराता। जनवरी माह का तीसरा सप्ताह बीतने वाला है। अभी तक एक बार भी न वर्षा हुई और न ही बर्फबारी। जिसके चलते सूखी ठंड से पानी जम रहा है। पछवादून से जौनसार बावर तक शीतलहर चलने से लोग बीमार हो रहे हैं। पाला पड़ने से फसलों को नुकसान होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं।

ठंड घटने की बजाय लगातार बढ़ रही है। शुक्रवार को सूर्यदेव के काफी देर से दर्शन होने के कारण लोग शीतलहर में ठिठुरते रहे। छावनी बाजार सहित जौनसार बावर के आसपास के ऊंचाई वाले इलाकों में ठंड का कहर जारी है।

बर्फ से ढके नजर आए पर्वतीय क्षेत्र

शुक्रवार सुबह से ही चकराता व आसपास के इलाकों में कड़ाके की ठंड महसूस की गई। चकराता सहित क्षेत्र के ऊंचाई वाले स्थान से दिखने वाले पर्वत राज हिमालय के पर्वत बर्फ से ढके नजर आ रहे थे, लेकिन चकराता क्षेत्र में अभी न वर्षा हुई और न ही बर्फबारी हुई, जिसके चलते पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं, जबकि पिछले साल जनवरी को बर्फबारी के कारण काफी संख्या में पर्यटक चकराता में उमड़े थे, जिससे व्यापार भी सुधरा था।

लेकिन आजकल हालत यह है कि पाला पड़ने के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में पानी जम रहा है। पाइप लाइन में पानी जमने से पेयजल की समस्या भी हो रही है।

जमीन में खेत जोतने लायक भी नमी नहीं, किसान परेशान

चकराता: क्षेत्र के खेतों में इतनी भी नमी नहीं है कि जिसकी किसान जुताई कर नई फसल बो सकें। स्थानीय किसान बागवान यशपाल रावत, अनिल, कलम सिंह, बृजेश जोशी, रोहन राणा, गौरव चौहान, सुल्तान सिंह, रघुवीर सिंह, मेजर सिंह, जयपाल सिंह, चंदन सिंह, टीकम सिंह, नरेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, नारायण सिंह आदि का कहना है कि इस बार न वर्षा हुई और न बर्फबारी, जिसके कारण सूखे जैसी स्थिति है।

जमीन में हल्की जुताई करने के लिए बिल्कुल भी नमी नहीं है और बागवानी विशेष कर सेब की फसल को इस वर्ष काफी नुकसान होगा। बर्फबारी न होने से सेब के लिए चीलिंग प्वाइंट भी विकसित नहीं हो पाया है। किसानों व बागवानों ने सरकार से क्षेत्र को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की है। भयानक ठंड के कारण सुबह के समय पाला पड़ने से पेयजल लाइन भी जम रही है और सुबह ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए चार पत्ती लाने में भी समस्या उत्पन्न हो गयी है।

व्यापार भी हुई मंदा

चकराता: अत्यधिक ठंड का असर बाजारों में भी दिख रहा है। छावनी बाजार चकराता के बाजार कुछ घंटे ही खुल पा रहे हैं। ठंड के कारण सुबह देरी से बाजार खुल रहा है और शाम को जल्दी बंद हो रहा है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष केसर सिंह चौहान, उपाध्यक्ष अनिल चांदना, सचिव अमित अरोड़ा, स्थानीय व्यापारी नैन सिंह राणा, आनंद राणा, राजेंद्र चौहान, रविंद्र चौहान, राजेंद्र राणा आदि का कहना है कि कड़ाके की ठंड के कारण व्यापार भी ठंडा हो गया है। बाजारों में लोग ठंड से बचने को गर्म कपड़ों से पूरा पैक होकर निकल रहे हैं।

ओपीडी में ठंड से बीमार ग्रामीणों की बढ़ी संख्या

चकराता: सूखी ठंड की वजह से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं। सीएचसी चकराता सहित अन्य सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सर्दी जुकाम, बुखार आदि की मरीजों की तादाद बढ़ रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चकराता के चिकित्सक डा. आजाद सिंह का कहना है कि ठंडे पानी की वजह से गले में इन्फेक्शन हो रहा है। सूखी ठंड शरीर में सीधा प्रवेश कर रही है। जिससे अधिकतर बुजुर्ग व बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं। इस सीजन में पानी को गुनगुना कर ही पिएं और ठंडी तासीर वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। बासी खाना बिल्कुल न खाएं।

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