उत्तराखंड में बदला मौसम का मिजाज, चारधाम में हुआ हिमपात, देहरादून हुई बूंदाबांदी
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। बर्फबारी और बारिश से पहाड़ों से लेकर मैदान तक कड़ाके की ठंड में और इजाफा हो गया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 31 Jan 2019 08:47 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में मौसम का मिजाज फिर बदल गया है। पहाड़ों से लेकर मैदान तक कड़ाके की ठंड में और इजाफा हो गया है। चारधाम में बर्फबारी शुरू हो गई, जबकि दून में रात से ही बादल छाये रहे और सुबह बूंदाबांदी हुई। इससे अधिकतम तापमान करीब तीन डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले चौबीस घंटे के दौरान मैदानी इलाकों में कहीं-कहीं बारिश व पहाड़ों में बारिश-बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। साथ ही देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, नैनीताल व ऊधमसिंह नगर में ओलावृष्टि की चेतावनी भी जारी की गई है। उधर, बागेश्वर के कपकोट के वाछम और रिखाड़ी में भारी बर्फबारी हुई। करीब 5-6 फुट तक बर्फ पड़ी।
देहरादून व मसूरी में घने बादलों और बूंदाबांदी के कारण तापमान में कमी दर्ज की गई। वहीं, केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के अलावा हेमकुंड साहिब की चोटियों पर हिमपात शुरू हो गया। उत्तरकाशी में बारिश शुरू हो गई, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने लगी। पौड़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग व नई टिहरी में बूंदाबांदी हुई।
विभिन्न शहरों का तापमान
शहर---------अधि---------न्यूनतम
देहरादून------19.6---------6.6
मसूरी---------11.4---------3.1 नई टिहरी----13.3---------1.9
हरिद्वार------18.7---------4.9 उत्तरकाशी----18.8--------2.9
जोशीमठ-------14.1-------(-0.5)नैनीताल--------14.8-------4.0
अल्मोड़ा--------18.8---------(-0.6)पंतनगर--------20.6---------4.6
पिथौरागढ़-----15.9---------(-1.1)मुक्तेश्वर-------12.4---------1.1
चम्पावत-------14.3---------3.2बर्फ प्रभावित इलाकों में पटरी पर नहीं आ रहा जनजीवनहिमपात वाले इलाकों में बसे चकराता क्षेत्र के करीब पचास गांवों में जनजीवन पटरी पर नहीं आ पा रहा है। दस दिन से पेयजल, सड़क की समस्याओं ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रखी हैं। पशुपालकों के सामने सबसे बड़ी समस्या पशुओं के चारापत्ती लाने की है। त्यूणी-चकराता-मसूरी हाईवे दस दिन बाद भी न खुलने से बर्फ प्रभावित गांवों में लोगों के घरों में राशन नहीं पहुंच पाया। लोकल बाजार से सामान लाने को ग्रामीणों को बर्फ पर कई किमी की पैदल दूरी नापनी पड़ रही है। उधर, चकराता में तो पर्यटक बर्फ देखने आ रहे हैं, लेकिन लोखंडी में पर्यटकों के फंसे रहने की घटना को देखते हुए वह लोखंडी, खडंबा आदि स्थलों पर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर के चकराता मुख्य में इस बार दो फीट व ऊंचाई वाले इलाकों लोखंडी, लोहारी, खडंबा, बुधेर, मोइलाटाप, कोटी कनासर, देववन आदि में करीब छह फीट तक बर्फबारी हुई थी। बर्फबारी प्रभावित गांवों उदांवा, लोखंडी, लोहारी, बुराइला, जगथान, कोटी कनासर, कुनैन, सैंज, लेवरा, बुल्हाड़, पु¨नग, कुनवा, बेगी, बागनी, डुंगरी, फनार, किस्तूड, सरनी, कथियान, डांगूठा, पटयूड, नायली, एठान, छजाड़, ओवरसेर, भूठ, बगूर, मुंदौल, जाड़ी समेत करीब पचास गांवों में बर्फ ने स्त्रोत जमा दिए हैं, जिस कारण लाइनों में पेयजल आपूर्ति ठप होने से लोग परेशान हैं। पेयजल लाइन ठप होने के साथ ही फिसलन बढ़ने से मुख्य व संपर्क मार्गों पर आवागमन बुरी तरह से प्रभावित है।जो दस दिन बाद भी नहीं खुल पाए। हिमपात के कारण पूरे क्षेत्र में कड़ाके की ठंड है। घरों में अंगीठियां तापने के बाद भी ठंड से निजात मिलना मुश्किल हो रहा है। हिमपात प्रभावित इलाकों से नजदीक के बाजारों चकराता, क्वांसी, त्यूणी तक आने व सामान पीठ पर लेकर जाने में पूरा दिन लग रहा है। फिसलन भरे रास्तों पर दस से बीस किमी पैदल सफर करने के बाद ग्रामीण बाजार से पीठ पर सामान ढोने को मजबूर हैं। हिमपात से पेयजल लाइनों के स्त्रोत जमने पर लोगों को बर्फ पिघलाकर प्यास बुझानी पड़ रही है।औली सड़क खोलने में छूटे प्रशासन के पसीनेजोशीमठ- औली मार्ग को खोलने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। लोनिवि ने इस सड़क को खोलने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। साथ ही, जेपी से भी सड़क से बर्फ हटाने के लिए मदद मागी गई है। लोनिवि ने 25 कर्मचारियों को भी सड़क से बर्फ हटाने में लगाया है। औली में भारी बर्फबारी के बाद अभी भी औली मार्ग बर्फ से पटा हुआ है। अभी तक एक किमी क्षेत्र में तीन फीट तक बर्फ जमी हुई है। बर्फ को हटाने के लिए प्रशासन के पसीने छूटे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग ने सड़क से बर्फ हटाने के लिए तीन जेसीबी और एक रोबोट लगाया है। साथ ही, 25 कर्मचारी भी बेलचे, फावड़े लगाकर बर्फ को हटाने में लगे हुए हैं। लोनिवि के तीन कनिष्ठ अभियंताओं की देखरेख में यह कार्य हो रहा है। इसके अलावा नगर पालिका की एक और जेपी कंपनी की एक जेसीबी भी बर्फ हटाने में लगी है। लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता प्रदीप सिंह बिष्ट ने बताया कि युद्ध स्तर से बर्फ को हटाने का काम चल रहा है। बताया कि मौसम खराब होने के कारण बर्फ हटाने के काम में दिक्कतें आ रही है। लेकिन ठंड के बाद भी कर्मचारी, मशीनों के जरिए बर्फ हटाई जा रही है।उत्तरकाशी में स्कूलों में सात फरवरी तक अवकाशउत्तरकाशी जनपद के सीमांत क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश को एक फरवरी से 7 फरवरी 2019 तक विस्तारित किया है। जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने आदेश जारी करते हुए कहा कि ऊंचाई वाले भाग में बर्फबारी होने से तापमान में गिरावट होने के साथ स्कूल जाने वाले पैदल मार्गों के अवरोध व असुरक्षित होने के कारण अवकाश विस्तार का निर्णय लिया गया है। इन विद्यालयों में 6 राजकीय इंटर कॉलेज, 4 हाईस्कूल, 22 जूनियर हाईस्कूल व 92 प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। जिलाधिकारी डॉ चौहान ने कहा कि इस अवधि में उक्त विद्यालय के शिक्षक भी अवकाश पर रहेंगे। जिनके उपयोग किए गए शीतकालीन अवकाश की अवधि को ग्रीष्मकालीन अवकाश में समायोजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त इन क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी अवकाश रहेगा।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में करवट बदलेगा मौसम, पांच जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनीयह भी पढ़ें: उत्तराखंड: मसूरी में पर्यटकों ने उठाया बर्फबारी का लुत्फ, दून में ओलों संग गिरा पारा
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