उत्तराखंड में मानसून की दस्तक, पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी, नैनीताल में भारी बारिश से गिरा पेड़
मौसम विभाग की आशंका निर्मूल साबित हुई और उत्तराखंड में मानसून ने वक्त पर दस्तक दे दी है। देहरादून टिहरी चमोली रुदप्रयाग और पिथौरागढ़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
By Edited By: Updated: Tue, 25 Jun 2019 08:53 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। मौसम विभाग की आशंका निर्मूल साबित हुई और उत्तराखंड में मानसून ने वक्त पर दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने भी इसकी आधिकारिक घोषणा कर दी है। पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि प्रदेश में एक जुलाई के आसपास मानसून दस्तक देगा, लेकिन यह सोमवार को सक्रिय हो गया। वहीं, मंगलवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई। नैनीताल में भारी बारिश से मल्लीताल चीना बाबा चौराहे पर विशालकाय पेड़ गिर गया, जिसके नीचे दबकर एक कार क्षतिग्रस्त हो गई। पेड़ से बिजली की लाइन भी टूट गई। साथ ही यातायात भी ठप हो गया। गनीमत रही कि कार में कोई सवार नहीं था।
प्रदेश में मानसून आगमन की निर्धारित तिथि 23 अथवा 24 जून है। इस बीच कुमाऊं के पंतनगर में 16 घंटे में सर्वाधिक 147.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि मुक्तेश्वर में यह आंकड़ा 40.4 रहा। मौसम विभाग ने ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चम्पावत जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं देहरादून, टिहरी, चमोली, रुदप्रयाग और पिथौरागढ़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि कुमाऊं में मानसून पहुंच गया है और अगले 48 घंटे में यह पूरे उत्तराखंड को आच्छादित कर लेगा।
इस बीच कुमाऊं के ज्यादातर इलाकों में रविवार रात से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। तेज बारिश के बीच पिथौरागढ़ में रामगंगा, बागेश्वर में सरयू एवं गोमती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। कुमाऊं के तराई में स्थानीय कल्याणी नदी उफान में होने के कारण तट पर झोपड़ियां बनाकर रह रहे 18 लोग फंस गए। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और रस्सियों के सहारे फंसे लोगों को बाहर निकाला।
दूसरी ओर सोमवार को गढ़वाल मंडल के पौड़ी, टिहरी और उत्तरकाशी में रुक-रुक कर बारिश होती रही। उधर, मसूरी में दोपहर बाद झमाझम बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया है। दून में दिनभर बादल छाये रहे। इस दौरान अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 33.8 व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 24.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। 14 साल में सिर्फ चार बार विलंब से पहुंचा मानसून उत्तराखंड में बीते 14 वर्ष में सिर्फ चार मौके ऐसे आए जब मानसून एक सप्ताह विलंब से पहुंचा यानी यहां जुलाई में मानसून सक्रिय हो पाया। वर्ष 2010, 2012, 2014 और 2017 को छोड़कर मानसून वक्त पर पहुंचा है। कुमाऊं में आकाशीय बिजली से एक की मौत हल्द्वानी: कुमाऊं के ऊधमसिंहनगर जिले के नानकमत्ता में आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि सोमवार को पृथ्वीपाल सिंह खेत में जुताई कर रहे थे कि तभी आकाशीय बिजली गिरी और वह बुरी तरह झुलस गए। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
मानसूनी बारिश से मसूरी तर-बतर
पहाड़ों की रानी मसूरी को पहली मानसूनी बौछारों ने तर-बतर कर दिया। सोमवार दोपहर करीब दो घंटे और शाम को लगभग डेढ़ घंटे तक मूसलाधार बारिश ने गर्मी को शांत कर दिया। दोपहर से ही मसूरी घने कोहरे के आगोश में है, जिससे नमी काफी बढ़ गई। बारिश के बाद मौसम अत्यंत सुहावना हो गया है।
दूसरी ओर मसूरी से सटे यमुना और अगलाड़ घाटियों के काश्तकार बारिश के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। पूरी यमुना व अगलाड़ घाटियों में अभी तक बारिश नहीं होने से काश्तकार बहुत निराश हैं। बारिश नहीं होने से दलहन और मक्का की बुआई नहीं कर पाए हैं, बुआई में पहले ही लगभग एक महीने का विलंब हो चुका है।
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