Weather Update: हरिद्वार-रुड़की और उधमसिंह नगर में आज से घने कोहरे का येलो अलर्ट, दून में शुष्क रहेगा मौसम
Weather Update आने वाले दो दिनों में दून और आसपास के क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा और दिन में चटख धूप खिली रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हरिद्वार रुड़की और उधमसिंह नगर में बुधवार से सुबह के समय कोहरा घना होने की संभावना है। इसे देखते हुए इन क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। आने वाले दो दिनों में दून और आसपास के क्षेत्रों में मौसम रहेगा शुष्क रहेगा और दिन में चटख धूप खिली रहने की संभावना है। अधिकतम तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हरिद्वार, रुड़की और उधमसिंह नगर में बुधवार से सुबह के समय कोहरा घना होने की संभावना है। इसे देखते हुए इन क्षेत्रों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।
मैदानी क्षेत्र से लेकर पहाड़ी इलाकों में सुबह एवं शाम को ठंड बढ़ने की संभावना है। सोमवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस 26.4 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम 9.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
- उधमसिंह नगर का अधिकतम तापमान सामान्य से एक कम 26.0 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान सामान्य से दो कम 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
- मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान सामान्य से एक कम 17.7 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 5.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। टिहरी का अधिकतम तापमान सामान्य से एक अधिक 18.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो कम 6.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
आज से चार दिन तक शुष्क रहेगा मौसम
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि आने वाले चार दिनों तक राज्यभर में मौसम शुष्क रहेगा। इस दौरान 20 से 22 नवंबर तक हरिद्वार और उधमसिंह नगर में सुबह के समय घना कोहरा पड़ने की संभावना है। इसे देखते हुए यलो अलर्ट जारी किया गया है।नैनीताल की माल रोड की शान हो गए बूढ़, संरक्षण की जरूरत
सरोवर नगरी की माल रोड की शान चिनार के पेड़ अब बूढ़े होने लगे हैं लेकिन पतझड़ में इन पेड़ों की पत्तियों का पीला रंग पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है। चिनार के अलावा माल रोड किनारे बांज, सेलिक्स या मजनू, मेपिल के पेड़ भी खूबसूरती में और बढ़ा रहे हैं। खासकर चिनार के लाल हुए पत्ते नजाने को दिलकश बना रहे हैं। वन विभाग की उपेक्षा, पर्यावरणविदों की चेतावनी के बाद भी इन पेड़ों की देखरेख नहीं की जा रही है, जिससे भविष्य में माल रोड का आकर्षण कम हो सकता है। यहां तक कि अब चिनार के पेड़ करीब 15 ही रह गए हैं। शहर के प्रसिद्ध इतिहासकार प्रो अजय रावत के अनुसार मुगलकाल में बेगम नूरजहां अफगानिस्तान से चिनार के पौधे कश्मीर लाई थी। चिनार कश्मीर का राज्य वृक्ष भी है।पतझड़ के मौसम में बढ़े सैलानी
पतझड़ का मौसम नैनीताल में पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए दिलकश होता है। इस मौसम में चिनार के पत्ते लाल हो जाते हैं। 1930 के आसपास अंग्रेजों ने माल रोड में झील किनारे 50 से अधिक चिनार के पौधे लगाए। प्रो रावत के अनुसार देखरेख के अभाव में अब चिनार के पेड़ों की संख्या करीब 15 ही रह गई है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में इस पेड़ की आयु करीब सात सौ साल है जबकि नैनीताल में आयु इतनी नहीं है।
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