उत्तराखंड में दो दिन और रहेगा धूल भरी आंधी का खतरा, पेड़ गिरने से बच्ची की मौत
उत्तराखंड में अभी दो दिन और धूल भरी आंधी रुलाएगी। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अभी 48 घंटे तक आसमान में धूल की परत रहने की संभावना है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 16 Jun 2018 05:17 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: राजस्थान और पंजाब में आंधी-तूफान के बाद उठी धूल-मिट्टी ने उत्तराखंड पर चादर चढ़ा रखी है। गुरुवार रात को हुई बारिश के कारण धूल की परत से कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन कई क्षेत्रों में अभी दो दिन और यह धूल की परत छायी रह सकती है। वहीं, थराली में पेड़ गिरने से एक मासूम की मौत हो गर्इ है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शुक्रवार से करीब 48 घंटे तक आसमान में धूल की परत रहने की संभावना है। क्योंकि पंजाब एवं राजस्थान के बड़े क्षेत्र में मौसम शुष्क है। वहां तेज आंधी-तूफान से धूल-मिट्टी उड़ रही है जो उत्तराखंड भी पहुंच रही है। रविवार से उत्तराखंड में हवा के रुख में परिवर्तन के आसार हैं, जिसके बाद धूल की परत व धुंध में कमी आएगी और दृश्यता बढ़ जाएगी। गुरुवार देर शाम को हुई भारी बारिश से शहरवासियों को गर्मी से कुछ राहत तो मिली ही, आसमान पर छायी धूल की परत भी काफी कम हो गई। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों से उड़कर दून और आसपास के क्षेत्रों में पहुंची धूल-मिट्टी शुक्रवार को भी आसमान पर परत के रूप में जमा होने लगी। वहीं, बारिश के बाद लोगों के घरों और छतों में लाल मिट्टी जमा थी। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार उत्तराखंड में बारिश होने के बाद आसमान में छायी धूल-मिट्टी की परत में कुछ कमी तो आई है, लेकिन यह अभी दो दिन और छायी रह सकती है। विशेषकर मैदानी इलाकों में इसका अधिक असर दिखेगा।
आंधी- तूफान से गिरे पेड़ के नीचे दबी बच्ची, मासूम चमोली गढ़वाल के आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने बताया कि ब्लॉक मुख्यालय से तीन किमी दूर स्थित ऊंग गांव में दीक्षा पुत्री कुंवर सिंह शुक्रवार की देर सायं प्राकृतिक स्रोत से पानी लेने गई थी। जब वहां से वापस लौट रही थी तो रास्ते में आंधी से एक पेड़ गिरा, जिससे बच्ची उसके चपेट में आ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
बताया गया कि छात्रा नवोदय विद्यालय गैरसैंण में छठी कक्षा में पढ़ती थी। आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि घटना की सूचना के बाद राजस्व निरीक्षक सीएस बुटोला एवं थाना प्रभारी सुभाष चंद्र जखमोला को मौके पर भेजा गया है।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 100 किमी की रफ्तार से आ सकता है अंधड़, शहर पर चढ़ी धूल की परत
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