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उत्‍तराखंड में लगातार दूसरे दिन भारी बारिश का Red Alert, सावधान! तीन जिलों के लिए अगले 12 घंटे भारी

Uttarakhand Weather उत्तराखंड में लगातार दूसरे दिन भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। नैनीताल चम्पावत और उधमसिंह नगर में अगले 12 घंटों में भारी से अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है। प्रदेश के अन्य दस जिलों में भारी से भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं शुक्रवार को भी हल्‍द्वानी में बारिश का दौर जारी है।

By Jagran News Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 13 Sep 2024 01:13 PM (IST)
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Uttarakhand Weather: कुमाऊं मंडल में कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना

जागरण संवाददाता, देहरादून । Uttarakhand Weather: कुमाऊं मंडल में भारी वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। प्रदेशभर में अगले 12 घंटों के दौरान नैनीताल, चम्पावत व ऊधमसिंह नगर में भारी से अत्यंत भारी वर्षा होने का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य दस जनपदों में भारी से भारी वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

सीएम धामी पहुंचे राज्‍य आपदाकालीन परिचालन केंद्र

राज्‍यभर में हो रही बारिश के मद्देनजर मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे। इस दौरान उन्‍होंने प्रदेश में हुई अतिवृष्टि की जानकारी ली। उन्‍होंने वर्चुअल माध्यम से जुड़े विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों को दिए राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्‍होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं।

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पिछले 12 घंटों में लोहाघाट में 264 मिमी, चम्पावत में 202, बनबसा में 128 मिमी, काशीपुर में 110 मिमी, पिथौरागढ़ में 108 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई है।

शुक्रवार को रेड अलर्ट जारी

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अगले 12 घंटे में कुमाऊं मंडल में कहीं-कहीं अत्यंत भारी वर्षा होने की संभावना है। गढ़वाल मंडल में भी कहीं-कहीं तेज वर्षा होने की संभावना है।

मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड में शुक्रवार को रेड अलर्ट जारी किया गया है। पहाड़ी ए‌वं मैदानी जिले में गर्जन, चमक के साथ ही भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।

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भारी वर्षा के चलते सभी जिलों को अलर्ट किया गया है। इसे देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी विभागों को अलर्ट पर रहने और सभी तैयारियां समय रहते पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

गंगोत्री-गोमुख ट्रेक पर वर्षा ने रोकी ट्रेकर की राह

गंगोत्री से गोमुख-तपोवन की ट्रेकिंग के लिए जिला प्रशासन ने अनुमति दे दी है, लेकिन गुरुवार को वर्षा ने 50 से अधिक ट्रेकर की राह रोक दी। इस कारण तीन ट्रेकिंग दल गंगोत्री से गोमुख-तपोवन के लिए रवाना नहीं हो पाए। ये ट्रेकर अब मौसम अनुकूल होने पर ही गोमुख के लिए रवाना होंगे।

गंगोत्री से गोमुख को जोड़ने वाले 19 किमी लंबे ट्रेक पर गत चार जुलाई को अतिवृष्टि के बाद ट्रेकिंग बंद की गई थी। इस दौरान कई स्थानों पर ट्रेक क्षतिग्रस्त होने के साथ ही तीन पुलिया बह गई थीं। इस कारण दो कांवड़ यात्री बह गए थे, जिनका अब तक पता नहीं चल पाया है। इसके बाद अगस्त के अंतिम सप्ताह में तीन पर्वतारोहियों को ट्रेक पर जाने की अनुमति दी गई।

इस बीच पार्क प्रशासन की ओर से पुलिया निर्माण और ट्रेक की मरम्मत का कार्य जारी रहा, जो सितंबर के पहले सप्ताह में पूरा कर लिया गया। इसके बाद निरीक्षण में ट्रेक को आवाजाही के लिए उपयुक्त पाने के बाद खोलने के आदेश दिए गए।

गुरुवार को 50 से अधिक ट्रेकर को गोमुख-तपोवन के लिए रवाना होना था, लेकिन भारी वर्षा को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क के अधिकारी-कर्मचारियों ने उन्हें कार्यक्रम स्थगित करने की सलाह दी। मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को भी भारी वर्षा की चेतावनी है। ऐसे में ट्रेकिंग दलों के शनिवार को ही आगे बढ़ पाने की संभावना है।

पिथौरागढ़ में मल्टी स्टोरी पार्किंग में भूस्खलन, सुरक्षा दीवार गिरी

करीब साढ़े चार करोड़ की लागत से निर्माणाधीन घंटाकरण पार्किंग में एक माह के भीतर दूसरी बार भूस्खलन हो गया है। भूस्खलन से पार्किंग की सुरक्षा दीवार गिर गई है। दूसरी बार भूस्खलन से अब इस स्थल पर पार्किंग निर्माण पर सवाल खड़े हो गये हैं।

घंटाकरण क्षेत्र में लक्ष्मी नारायण मंदिर के सम्मुख मल्टी स्टोरी पार्किंग का कार्य छह माह पूर्व शुरू किया गया था। एक माह पूर्व पार्किंग स्थल पर भूस्खलन हुआ था, जिससे पार्किंग से लगी चंडाक रोड खतरे में आ गई। कट्टे लगाकर सड़क को धंसने से बचाने के इंतजाम किये गये हैं।

पिछले दो दिनों से हो रही बारिश के चलते शुक्रवार को पार्किंग के तल पर लगाई गई सुरक्षा दीवार टूट गई। सुरक्षा दीवार का मलबा बेस चिकित्सालय को जोड़ने वाली सड़क पर जमा हो गया। जिससे अस्पताल, पुनेड़ी गांव का सम्पर्क भंग हो गया है। पार्किंग स्थल में दूसरी बार हुए भूस्खलन से अब इस स्थान पर निर्माण को लेकर सवाल उठने लगे हैं।

पूर्व सभासद किशन खड़ायत ने बताया कि जिस स्थान पर पार्किंग बनाई जा रही है वह स्थल मलबे का ढेर है। पूर्व में उस स्थान पर जीजीआईसी भवन निर्माण का मलबा एकत्र किया गया था। मलबा जमा हो जाने पर यह स्थल पहाड़ीनुमा आकार में आ गया था।उन्होंने मांग की है कि स्थल की भंली भांति भूगर्भीय जांच कराने के बाद ही निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया जाये।

जिलाधिकारी ने दिये स्ट्रक्चलर सेफ्टी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश

पांच रोज पूर्व जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने निर्माणाधीन स्थल का निरीक्षण किया था। उन्होंने जल संस्थान, जल निगम, लोनिवि आदि विभागों के अभियंताओं की टीम गठित कर स्ट्रक्चरल सेफ्टी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये हैं। यह टीम आइआईटी रूड़की के इंजीनियरों की मदद भी लेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को सेफ्टी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिये थे।

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