UP CM योगी आदित्यनाथ बोले, उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड को जल्द मिलेगा उसका हक
दैनिक जागरण के साथ वेबिनार में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जहां तक देनदारियों का सवाल है तो इस मामले में गंभीरता से जिम्मेदारी का निर्वहन किया जाएगा।
By Edited By: Updated: Tue, 02 Jun 2020 09:56 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में एक ही दल भाजपा की सरकार होने से परिसंपत्तियों व देनदारियों के मामले में उत्तराखंड को जल्द लाभ मिलने की उम्मीद जगी है। 'दैनिक जागरण' के साथ वेबिनार में उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दोनों राज्यों के मध्य परिसंपत्तियों को लेकर कोई विवाद नहीं है। जहां तक देनदारियों का सवाल है तो इस मामले में गंभीरता से जिम्मेदारी का निर्वहन किया जाएगा। यानी अब उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश पर चल रही 950 करोड़ से अधिक की देनदारी जल्द मिल सकती है।
दो दशक पहले उत्तर प्रदेश से अलग होने के बावजूद उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में परिसंपत्तियों व देनदारियों के मसले का समाधान नहीं हो पाया था। हालांकि, दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार गठित होने के बाद इस दिशा में पहल हुई। पिछले साल दिसंबर में ही मुख्य सचिव स्तर की बैठक में परिसंपत्तियों व देनदारियों के मुद्दे पर सहमति जरूर बनी, मगर यह मुहिम अभी तक पूरी तरह परवान नहीं चढ़ पाई है।
परिसंपत्तियों की ही बात करें तो चंपावत, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर में करीब 488 हेक्टेयर भूमि में 375 हेक्टेयर पर उत्तराखंड को हक देेने पर सहमति बन चुकी है, मगर अभी इसमें कई तरह के गतिरोध बने हुए हैं। इसके अलावा उत्तराखंड के 22 शहरों में उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की आवासीय कॉलोनियों का हस्तांतरण भी चुनौती बना हुआ है। ये भी उत्तराखंड को मिलनी हैं और इसे लेकर दोनों राज्य सहमति भी जता चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक राज्य को पत्रावली आदि नहीं मिल पाई हैं, जिसका खामियाजा राज्य को भुगतना पड़ रहा है। ऐसी ही तस्वीर अन्य कई परिसंपत्तियों के मामले में है।
देनदारियों को ही लें तो उत्तर प्रदेश पर करीब 955 करोड़ की देनदारी निकल रही है। इसमें उत्तराखंड वन विकास निगम को 425 करोड़, परिवहन विभाग को 250 करोड़, ऊर्जा निगम को 174 और खाद्य विभाग को 105 करोड़ की राशि मिलनी है। इस हिस्सेदारी पर उत्तराखंड की नजरें टिकी हैं, मगर अभी तक यह नहीं मिल पाई है।अब इन मामलों के शीघ्र निस्तारण की उम्मीद जगी है। 'दैनिक जागरण' के साथ वेबिनार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी इन मसलों को रखा गया। इस पर उप्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शासन स्तर पर हुई बैठकों में परिसंपत्तियों का मसला करीब-करीब हल हो चुका है। किसी भी प्रकार का परिसंपत्ति विवाद दोनों राज्यों के बीच नहीं है। उन्होंने कहा कि देनदारियों के मामले में गंभीरता से कदम उठाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: सरकार कोरोना से लड़ रही है और कांग्रेस बीमारों से: विधायक मुन्ना सिंह चौहानश्रमिक उत्तराखंड जाना चाहें तो मनाही नहींउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड समेत विभिन्न राज्यों से करीब 30 लाख प्रवासी श्रमिक व कामगार उत्तर प्रदेश लौटे हैं। सभी के लिए रोजगार की व्यवस्था सरकार करने जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि श्रमिक अपनी बेहतरी के लिए उत्तराखंड जाना चाहते हैं तो वे जा सकते हैं।
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