राशन की दुकानों में बिना तैयारी शुरू हुई बायोमेट्रिक व्यवस्था
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सस्ता गल्ला दुकानों पर पिछले तीन महीनों से बंद चल रही बॉयोमेट्रिक राशन वितरण व्यवस्था बुधवार से दोबारा शुरू हो गई।
By Edited By: Updated: Thu, 02 Jul 2020 08:40 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सस्ता गल्ला दुकानों पर पिछले तीन महीनों से बंद चल रही बॉयोमेट्रिक राशन वितरण व्यवस्था बुधवार से दोबारा शुरू हो गई। लेकिन अधूरी तैयारियों के कारण पहले ही दिन वेबसाइट ही दगा दे गई। इससे उपभोक्ताओं के साथ राशन विक्रेताओं को भी दिक्कत उठानी पड़ी।
बुधवार को शहरभर की सस्ता गल्ला दुकानों पर जुलाई माह का राशन वितरित किया गया। खाद्य सचिव के आदेश पर बुधवार को तीन महीने बाद बायोमेट्रिक मशीन से वितरण होना था। लेकिन सुबह जब राशन डीलरों ने राशन वितरण करना चाहा तो विभाग की वेबसाइट नहीं चली। जबकि दुकानों पर भीड़ जमा होने लगी। सहारनपुर चौक के पास राशन डीलर संजय वर्मा ने बताया कि सुबह कंप्यूटर से बायोमेट्रिक व्यवस्था जोड़ने के बाद उनका फिंगरप्रिंट अपडेट तो हो गया, लेकिन कार्ड धारक का नंबर डालने पर उसका डाटा नहीं खुला। यही समस्या सतेंद्र चोपड़ा, शिवराज सिंह, दीपचंद्र, प्रेमचंद्र, उमा देवी समेत दूसरी दुकानों में भी रही। शहरभर के दुकानदारों ने जब पूर्ति निरीक्षकों को इसकी सूचना दी तो राशन डीलरों को मैनुअल वितरण की छूट देनी पड़ी।
वन नेशन वन राशन कार्ड व्यवस्था भी फेल
खाद्य विभाग की अधूरी तैयारियों का खामियाजा केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना वन नेशन वन राशन कार्ड को भी भुगतना पड़ा। जुलाई महीने से योजना के तहत प्रवासियों और दूसरे राज्यों से लौटकर आए लोगों को दूसरे राज्य के बने कार्ड पर भी राशन मिलना था। लेकिन इसका वितरण केवल बायोमेट्रिक से ही हो सकता है। वेबसाइट ही नहीं चली तो इन कार्डधारकों को राशन नहीं मिल सका।
मुफ्त राशन लेने पहुंचे कार्डधारक
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) और अंत्योदय कार्डधारकों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर तक तीन महीने से चली आ रही व्यवस्था के तहत पांच किलो चावल प्रति यूनिट और एक किलो दाल प्रतिकार्ड मुफ्त देने का ऐलान किया है। देहरादून जनपद में ढाई लाख से ज्यादा कार्डधारकों को इसका लाभ मिलना है। बुधवार को जुलाई के नियमित राशन लेने पहुंचे लोगों ने राशन मांगना शुरू कर दिया। इस पर कई दुकानों में बहस होने की बात भी सामने आई।
यह भी पढ़ें: 40 लाख लोगों को अब 20 के बजाए मिलेगा सिर्फ 7.5 किलो खाद्यान्न, जानिए वजहजसवंत सिंह कंडारी (जिला पूर्ति अधिकारी) का कहना है कि शासन की ओर से सस्ता गल्ला दुकानों पर बायोमेट्रिक से राशन वितरण शुरू करवाने के आदेश थे। दुकानदारों ने वेबसाइट ना चलने की शिकायत की है। इसकी जानकारी शासन को दी जाएगी, ताकि समस्या का निदान हो सके।
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