लॉकडाउन को ध्यान में रख जौनसार बावर में हो रही शादियां, पढ़िए खबर
देहरादून के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के ग्रामीणों ने मिसाल पेश की है। यहां कोरोना के प्रति जागरूकता के चलते लोग अपनी परंपरा से हटकर सादगी से शादी-समारोहों का आयोजन कर रहे हैं।
By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Updated: Thu, 30 Apr 2020 01:13 PM (IST)
देहरादून, चंदराम राजगुरु। कोविड-19 महामारी के चलते देश-दुनिया में कोहराम मचा है। भारत में यह संक्रमण ना फैले इसके लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया हुआ है। उत्तराखंड में भी इसका सख्ती से पालन करवाया जा रहा है। इस सबके बावजूद भी कई लोग नियमों का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के ग्रामीणों ने मिसाल पेश की है। यहां कोरोना के प्रति जागरूकता के चलते लोग अपनी परंपरा व रीति-रिवाज से हटकर सादगी से शादी-समारोहों का आयोजन कर रहे हैं।
देशभर में अपनी अलग व विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान रखने वाले जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में आजकल विवाह-समारोह में दावतों के आयोजन का पैटर्न बदल गया है। क्षेत्र की परंपरागत संस्कृति के लिहाज से जौनसार-बावर में किसी भी विवाह समारोह में सैकड़ों मेहमानों की भीड़ जुटना आम बात है। यहां शादी-समारोह में आसपास गांव व खतों से ज्यादा से ज्यादा मेहमानों को दावत पर बुलाने की परंपरा है।
बड़ी संख्या में मेहमानों के शिरकत करने से लोग ढोल-दमाऊ व रणसिंघे की थाप पर गोल घेरा बनाकर सामूहिक रूप से परंपरागत तांदी-नृत्य की प्रस्तुति देते हैं। लेकिन कोरोना महामारी खतरे के चलते क्षेत्र के लोग परंपरा से हटकर लॉकडाउन के नियमों का पूरी शिद्दत से पालन कर रहे हैं। इसकी बानगी दो दिन पहले क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थल हनोल के एक विवाह समारोह में देखने को मिली।
यहां आयोजित समारोह में गिने-चुने मेहमान शादी की दावत में आए। सीमित संख्या में आए मेहमानों ने कोरोना से बचाव को लॉकडाउन के निर्देशों का पालन किया। मेहमानों ने एक-दूसरे से समान शारीरिक दूरी बनाकर शादी की दावत में हिस्सा लिया और गोले के अंदर बैठकर खाना खाया।
वहीं, कोरोना से बचने को दूल्हा-दुल्हन ने भी मुंह पर मास्क लगाकर एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और मंत्रोचार के साथ विधि-विधान से सात फेरे लिए। शादी की दावत में कुछ करीबी रिश्तेदार-नातेदार के अलावा गिने-चुने मेहमानों ने शिरकत की।
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