Kedarnath By Election: क्या रहे कारण कि उपचुनाव के लिए भाजपा ने दी इन्हें टिकट, पढ़ें आशा नौटियाल का राजनीतिक सफर
केदारनाथ सीट भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन से रिक्त हुई है। जुलाई माह में हुए दो विधानसभा सीटों मंगलौर और बदरीनाथ के उपचुनाव में जीत का सेहरा बंधने से कांग्रेस का मनोबल बढ़ा हुआ है। लोकसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार हार के बावजूद उपचुनाव में मिली सफलता पार्टी की उम्मीदें आगे भी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ी विधानसभा की केदारनाथ सीट के उपचुनाव के लिए प्रत्याशी को लेकर लंबे मंथन के बाद पार्टी ने आखिरकार देर रात तस्वीर साफ कर दी। केदारनाथ से दो बार विधायक रह चुकीं आशा नौटियाल पर पार्टी ने भरोसा जताया है। लंबे राजनीतिक अनुभव व धरातल पर मजबूत पकड़ के साथ ही पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे ने उनकी राह को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विधानसभा की केदारनाथ सीट भाजपा विधायक शैलारानी रावत के निधन के कारण रिक्त हुई है। हाल में संपन्न मंगलौर व बदरीनाथ सीटों के उपचुनाव में भाजपा को सफलता नहीं मिली थी। यद्यपि, यह पहले भी भाजपा के पास नहीं थीं, लेकिन केदारनाथ के मामले में ऐसा नहीं है। यही नहीं, बदरीनाथ सीट पर प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी कैडर के बीच से असंतोष के सुर भी उभरे थे। इस सबके मद्देनजर पार्टी ने केदारनाथ उपचुनाव के लिए सभी पहलुओं पर गंभीरता से मंथन किया।
लंबे राजनीतिक अनुभव का मिला लाभ
रविवार को दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व ने सभी समीकरणों पर विमर्श के साथ ही प्रांतीय नेतृत्व से बातचीत के बाद केदारनाथ सीट से पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी बनाने पर मुहर लगाई। यद्यपि, दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की पुत्री ऐश्वर्य रावत के अलावा वर्ष 2017 व 2022 में निर्दलीय चुनाव लड़ चुके कुलदीप सिंह रावत भी दौड़ में थे, लेकिन पार्टी ने पूर्व विधायक आशा नौटियाल के लंबे राजनीतिक अनुभव, क्षेत्र में मजबूत पकड़ के अलावा चार बार कराए सर्वे रिपोर्ट को देखते हुए उन पर भरोसा जताया।आशा नौटियाल।
ये रहा है राजनीतिक जीवन
- भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1990 में भाजपा की सदस्यता लेकर की।
- वह वर्ष 1996 में रुद्रप्रयाग जिला पंचायत की सदस्य चुनी गईं।
- उन्होंने भाजपा व महिला मोर्चा में विभिन्न पदों पर कार्य किया।
- वर्ष 2002 में राज्य के पहले विधानसभा चुनाव में वह केदारनाथ सीट से विजयी रहीं और विधानसभा पहुंची।
- वर्ष 2007 में दोबारा विधायक चुनीं गई, लेकिन वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में वह मात्र 1900 मतों से हार गईं।
- वर्ष 2017 में पार्टी टिकट कटने से नाराज होकर उन्होंने केदारनाथ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन सफल नहीं हो पाईं।
- यद्यपि, भाजपा के संपर्क में वह बराबर बनी रहीं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनकी भाजपा में घर वापसी हुई।
नामांकन में मौजूद रहेंगे मुख्यमंत्री समेत अन्य नेता
भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल सोमवार को दोपहर 12 बजे नामांकन पत्र दाखिल करेंगी। भाजपा के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के अनुसार नामांकन के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यत कुमार गौतम व प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व तीरथ सिंह रावत, रुद्रप्रयाग जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा उपस्थित रहेंगे। नामांकन के बाद दोपहर साढ़े 12 बजे जीआइसी ऊखीमठ के मैदान में जनसभा भी होगी।
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