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Uttarakhand Tourism: शीतकालीन पर्यटन को सरकार ने कसी कमर, नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर सात हिल स्‍टेशनों को आपका इंतजार

Uttarakhand Tourism उत्तराखंड में शीतकालीन पर्यटन की तैयारियां जोरों पर हैं। चारधाम के शीतकालीन गद्दीस्थलों औली में स्कीइंग और नैनीताल व मसूरी जैसे शहरों में शरदोत्सव के आयोजन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। यहां शरदोत्सव के आयोजनों की रूपरेखा तैयार की जा रही है। शीतकाल में तीर्थाटन पर्यटन की दृष्टि से लोग यहां आए इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Fri, 22 Nov 2024 03:28 PM (IST)
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Uttarakhand Tourism: शीतकालीन पर्यटन के लिए तैयारियां शुरू। फाइल
राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में स्थित चारों धामों के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने के बाद अब सरकार ने शीतकालीन पर्यटन के लिए कमर कसी है।

इस क्रम में चारों धामों के शीतकालीन गद्दीस्थलों ऊखीमठ, ज्योतिर्मठ, मुखबा व खरसाली के साथ ही टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा के अलावा विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली में स्कीइंग और नैनीताल व मसूरी जैसे शहरों में शरदोत्सव के आयोजनों की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

शीतकाल में तीर्थाटन, पर्यटन की दृष्टि से लोग यहां आए, इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसी कड़ी में देश के महानगरों के अलावा एयरपोर्ट, रेलवे व बस स्टेशनों समेत प्रमुख स्थलों पर राज्य के महत्वपूर्ण स्थलों की जानकारी दी जाएगी।

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राज्य की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका

पर्यटन-तीर्थाटन की राज्य की आर्थिकी में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस वर्ष चारधाम यात्रा में ही 46.28 लाख लोग यहां पहुंचे और बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में दर्शन किए। यही नहीं, पर्यटन की दृष्टि से अन्य महत्वपूर्ण स्थलों में भी सैलानियों का जमावड़ा बना रहा।

अब जबकि चारों धामों के कपाट बंद हो चुके हैं और शीत ऋतु भी रवानी पकड़ रही है तो अब शीतकालीन पर्यटन-तीर्थाटन की दिशा में भी कदम उठाने शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है, ताकि शीतकाल में यहां आने वाले सैलानियों को किसी प्रकार की दिक्कत न होने पाए।

इसी क्रम में चारधाम के शीतकालीन गद्दीस्थलों में वहां की धारण क्षमता के अनुसार ही यात्रियों को भेजा जाएगा। यही नहीं, गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों के विभिन्न पर्यटक शहरों में शरदोत्सव के आयोजन के दृष्टिगत तिथियां तय की जा रही हैं, जिनमें यहां के लोककलाकार भी प्रस्तुतियां देंगे। साथ ही शरदोत्सव के दौरान स्थानीय उत्पादों पर केंद्रित स्टाल भी लगाए जाएंगे।

टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा

अमरनाथ की गुफा की तरह चमोली जिले के टिम्मरसैंण महादेव में भी बर्फ का शिवलिंग बनता है। काफी संख्या में लोग वहां बाबा बर्फानी के दर्शन को पहुंचते हैं। इसे देखते हुए चमोली जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह फरवरी-मार्च में होने वाली टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा के दृष्टिगत अभी से तैयारियां प्रारंभ कर दे। इसके तहत वहां यात्रियों के रहने आदि के इंतजाम पर विशेष ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है।

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औली में स्कीइंग का रोमांच

विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली स्कीइंग के दृष्टिगत बेहतरीन ढलानों के लिए भी जाना-जाता है। वहां भी आने वाले दिनों में बर्फबारी होने पर स्कीइंग स्पर्धा की योजना है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इसके लिए पर्यटन विभाग को तैयारियां प्रारंभ करने को कहा है।

शीतकालीन पर्यटन-तीर्थाटन के दृष्टिगत पर्यटन समेत अन्य विभागों को आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। इस बात पर विशेष जोर रहेगा कि शीतकाल में आने वाले यात्रियों व पर्यटकों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। साथ ही संबंधित क्षेत्रों की धारण क्षमता का भी ध्यान रखा जाएगा। शीतकालीन पर्यटन के सिलसिले में प्रचार-प्रसार की व्यापक योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। - सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री

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