डायलिसिस में मिला 'आयुष्मान' का वरदान, जानिए कैसे
आयुष्मान भारत योजना मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना का दो साल से डायलिसिस करवा रही एक महिला को लाभ भी मिलने लगा है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 06 Oct 2018 08:28 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: अटल आयुष्मान स्वास्थ्य योजना जरूरतमंद मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसका एक उदाहरण गुरुवार को दिखा। योजना की नियमित निगरानी के दौरान प्राप्त फीडबैक के अनुसार पिछले दो साल से डायलिसिस करवा रही एक महिला को इसका लाभ मिलने लगा है।
जानकारी के अनुसार 50 वर्षीय महिला शीला रस्तोगी पिछले दो साल से काशीपुर स्थित एमपी मेमोरियल अस्पताल में अपना डायलिसिस करा रही हैं। क्योंकि महिला की किडनी खराब है। ऐसे में सिर्फ डायलिसिस के सहारे वह जीवित रह सकती है। महिला की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह डायलिसिस का खर्च वहन कर सके। अब नाम अटल आयुष्मान योजना की सूची में शामिल होने पर उसका उपचार इस योजना के जरिये निश्शुल्क होने लगा है। बता दें कि वर्तमान में वर्ष 2011 की आर्थिक, सामाजिक व जातीय जनगणना में चिह्नित परिवारों को ही इस योजना का लाभ मिल रहा है। इन परिवारों की संख्या 5.37 लाख है। योजना के पात्र मरीज को सालाना पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवर मिलेगा।
योजना के अंतर्गत 1350 प्रकार की बीमारियों का उपचार और ओपीडी में 105 प्रकार की बीमारियों के लिए डे-केयर की सुविधा है। दूसरे चरण में राज्य के अन्य परिवारों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। प्रदेश में इस योजना को संचालित करने का जिम्मा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत स्टेट हेल्थ एजेंसी को दिया गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पात्र लाभार्थी नजदीकी सरकारी अस्पताल में तैनात आरोग्य मित्र की सहायता से अपना गोल्डन कार्ड बना सकता है। साथ ही टोल फ्री नंबर 104 पर भी इस योजना की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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