महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने स्थगित किया आंदोलन, 21 अप्रैल से कार्य बहिष्कार का किया था एलान
एसीपी और पदोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलित महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने 21 अप्रैल से कार्य बहिष्कार और स्वास्थ्य महानिदेशालय में धरना-प्रदर्शन का एलान किया था। बीते पांच दिन से वह काली पट्टी बांधकर काम कर रही थीं।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 20 Apr 2021 02:25 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। एसीपी और पदोन्नति सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलित महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है। महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने 21 अप्रैल से कार्य बहिष्कार और स्वास्थ्य महानिदेशालय में धरना-प्रदर्शन का एलान किया था। बीते पांच दिन से वह काली पट्टी बांधकर काम कर रही थीं।
मातृ शिशु और परिवार कल्याण महिला कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष गुड्डी मटूड़ा ने बताया कि महिला स्वास्थ्य कॢमयों की मांगों के संदर्भ में प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. पंकज पांडेय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। इसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ. सरोज नैथानी भी मौजूद थीं। निदेशक ने बताया कि शासन ने महिला स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों पर अपनी सहमति व्यक्त की है और जल्द इन पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए फिलहाल आंदोलन स्थगित करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने महिला स्वास्थ्य कर्मियों को द्वितीय एसीपी में 5400 ग्रेड वेतन, बिना प्रशिक्षण वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति, दो हजार के स्थान पर 2800 ग्रेड वेतन, दुर्गम क्षेत्र में तैनात नई महिला स्वास्थ्य कर्मियों से तीन विकल्प लेकर गृह जनपद में तैनाती, महिला स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति महिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक की ओर से सत्यापित करने, पदनाम एएनएम/बीएचडब्ल्यू से परिवर्तित कर महिला स्वास्थ्य अधिकारी करने और कोरोनाकाल में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम कर रहीं महिला स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है।
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