उत्तराखंड लेखपाल संघ का कार्य बहिष्कार स्थगित, होंगे दाखिल-खारिज
विभिन्न मांगों को लेकर किया जा रहा उत्तराखंड लेखपाल संघ का कार्य बहिष्कार स्थगित हो गया है। इसके साथ ही करीब साढ़े चार माह से ठप पड़े दाखिल खारिज का काम शुरू कर देंगे।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 24 Jun 2019 09:21 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। राजस्व कार्मिकों के खिलाफ एसआइटी की नियम विरुद्ध कार्रवाई रोकने व राजस्व निरीक्षक क्षेत्रों के पुनर्गठन समेत विभिन्न मांगों को लेकर किया जा रहा उत्तराखंड लेखपाल संघ का कार्य बहिष्कार स्थगित हो गया है। रविवार को राजस्व सचिव सुशील कुमार के साथ हुई बैठक में आश्वासन मिलने के बाद संघ ने आंदोलन को 25 जून तक के लिए स्थगित कर दिया। इसके साथ ही करीब साढ़े चार माह से ठप पड़े दाखिल खारिज का काम प्रदेशभर के मैदानी क्षेत्रों के लेखपाल सोमवार से शुरू कर देंगे, जिससे लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। क्योंकि हजारों की संख्या में प्रकरण लंबित होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
उत्तराखंड लेखपाल संघ के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की राजस्व सचिव सुशील कुमार के साथ सभी मांगों पर वार्ता हुई। राजस्व सचिव ने कहा कि राजस्व निरीक्षक क्षेत्रों के पुनर्गठन का प्रस्ताव कार्मिक विभाग को भेज दिया गया है और डोईवाला तहसील में राजस्व निरीक्षक के पदों के सृजन का मामला भी कार्मिक विभाग को स्वीकृति के लिए संदर्भित कर दिया गया है। इसके अलावा भूमि संबंधी प्रकरणों पर नियमों के विपरीत किए जा रहे मुकदमों और कार्मिकों का उत्पीड़न बंद करने को लेकर तय किया गया कि 25 जून को सचिव गृह की अध्यक्षता में न्याय, राजस्व व पुलिस अधिकारियों की बैठक आयोजित की जा रही है। जिसमें राजस्व विभाग नियमों के साथ अपना मत स्पष्ट करेगा। सचिव राजस्व ने यह भी आश्वासन दिया कि जमींदारी विनाश अधिनियम की धारा 334 के तहत लेखपालों को संरक्षण देने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा। इसके बाद लेखपाल संघ ने कार्य बहिष्कार स्थगित करने का एलान कर दिया। सचिव से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में संघ के महामंत्री राधेश्याम पैन्यूली, देहरादून के जिलाध्यक्ष राजेंद्र कुमार, हरिद्वार के जिलाध्यक्ष जय सिंह सैनी, सचिव ओम प्रकाश आदि शामिल रहे।
139 दिन में अटक चुके 15 हजार दाखिल-खारिज
लेखपालों का कार्य बहिष्कार स्थगित होने से जमीन खरीदकर घर बनाने का ख्वाब देख रहे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिल गई है। वह अब घर बनाने के लिए लोन ले पाएंगे और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) जैसी संस्था उनके नक्शे भी पास कर सकेगी। इसके अलावा जमीन के असली मालिक को लेकर सशंकित लोगों को भी समाधान मिल सकेगा।
प्रदेश के मैदानी जिलों की बात करें तो लेखपालों के 139 दिन के इस कार्य बहिष्कार से दाखिल-खारिज के लंबित प्रकरणों की संख्या 15 हजार पहुंच गई है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों को कितनी परेशानी हो रही होगी। क्योंकि बैंक भी तभी लोन देता है, जब दाखिल-खारिज करा लिया जाए। इसके अलावा राजधानी देहरादून में 4000 के करीब दाखिल-खारिज लंबित होने से लोगों को भवन निर्माण के नक्शे पास कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। क्योंकि प्राधिकरण ने साफ मना कर दिया था कि बिना दाखिल-खारिज नक्शे पास नहीं किए जाएंगे। हालांकि, अब इस समस्या से निजात मिल पाएगी।
लंबित दाखिल-खारिज की स्थिति
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- देहरादून, 4000
- हरिद्वार, 3000
- ऊधमसिंहनगर, 5000
- नैनीताल, 3000
- अध्यक्ष, मंडलायुक्त (गढ़वाल/कुमाऊं)
- सदस्य, पुलिस उपमहानिरीक्षक (गढ़वाल/कुमाऊ)
- सदस्य, आइजी रजिस्ट्रेशन
- सदस्य, अपर आयुक्त
- सदस्य, संबंधित वन संरक्षक
- सदस्य, संबंधित उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण
- सदस्य, नगर निकायों के संबंधित अधिकारी
- सदस्य, पुलिस अधीक्षक अभिसूचना (क्षेत्रीय)