Move to Jagran APP

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: तनाव किसलिए, आपकी सबसे प्यारी चीज आप खुद

सभी इंसानों के जन्म और मृत्यु का समय निश्चित है।..लेकिन जब कोई इस निश्चित वक्त के विरुद्ध जाकर शरीर छोड़ने की सोचता है तो वह आत्महत्या कही जाती है।

By Sumit KumarEdited By: Updated: Thu, 10 Sep 2020 02:43 PM (IST)
Hero Image
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: तनाव किसलिए, आपकी सबसे प्यारी चीज आप खुद
देहरादून, अंकुर अग्रवाल/सुकांत ममगाईं। जीवन इस संसार में सबसे अनमोल माना गया है। पुराणों व शास्त्रों में स्पष्ट लिखा है कि जन्म हुआ है तो मृत्यु भी निश्चित है। सभी इंसानों के जन्म और मृत्यु का समय निश्चित है।..लेकिन जब कोई इस निश्चित वक्त के विरुद्ध जाकर शरीर छोड़ने की सोचता है तो वह आत्महत्या कही जाती है। इसके अनेक कारण हो सकते हैं। यही वजह है कि ऐसे आत्मघाती कदम से बचाव के लिए समूचा विश्व दस सितंबर को आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाता है।

बात मौजूदा दौर की करें तो लोग एकसाथ कई चुनौतियों से जूझ रहे हैं। पूरी दुनिया में फैले कोरोना संक्रमण के चलते आमजन के सामने कई दिक्कतें पैदा हो गई हैं। कोरोना ने इंसान को जितना शारीरिक रूप से बीमार किया है उससे कहीं ज्यादा मानसिक तनाव दिया है। किसी को नौकरी और करियर की चिंता सता रही तो कोई वित्तीय संकट से जूझ रहा। छात्र अपनी शिक्षा एवं भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। तनाव के दौर में निजी रिश्तों में भी खटास बढ़ी है। आमजन में नकारात्मक विचारों का प्रवाह बढ़ा है व यह चिंताएं कई मर्तबा अवसाद का रूप ले ले रहीं। कुछ लोग तो आत्महत्या की कगार पर पहुंच जाते हैं। इसलिए यदि कभी तनाव या किसी मानसिक बीमारी का अहसास हो तो बिना वक्त गंवाए तुरंत मनोचिकित्सक से मिलें व अपनी परेशानी के बारे में खुलकर बात करें। 

इनका कहना है 

न्यूरो साइकोलॉजिस्ट डॉ. सोना कौशल गुप्ता कहती हैं कि जन्म हुआ तो मृत्यु निश्चित, लेकिन निर्धारित समय के खिलाफ जाने का न करें प्रयास, जीवन को आप दोबारा नहीं पा सकते। समझो कि आपकी सबसे प्यारी चीज आप खुद हैं। आपके स्वजन, मित्र, धन, प्रतिष्ठा या नौकरी जीवन में अहम है, लेकिन उतना नहीं जितना आपका खुद का जीवन। जीवन ही एकमात्र ऐसी चीज है जिसे आप दोबारा नहीं पा सकते। लिहाजा, हमेशा अपने आप को सबसे महत्वपूर्ण समङों। बदलाव प्रकृति और समाज का नियम है। आज दिन अगर बुरे हैं तो कल अच्छे भी होंगे। यह अलग बात है कि इसके लिए कोशिश करनी होगी और सकारात्मक रहना होगा। नकारात्मकता को खुद पर हावी मत होने दें ।

मनोवैज्ञानिक डा. मुकुल शर्मा बताते हैं कि किसी भी समस्या में विचलित नहीं होना चाहिए। समस्या को स्वीकार करें और फिर उस समस्या को हल करने का तरीका ढूंढें। खुद पर भरोसा रखकर ही हम समस्याओं से संघर्ष कर सकते हैं। अवसाद में किसी भी व्यक्ति का आत्मबल कमजोर पड़ जाता है। ऐसे में परिवार व दोस्त किसी भी इंसान को बहुत मानसिक संबल दे सकते हैं। इस समय खुद को मोबाइल के साथ ही व्यस्त न रखें बल्कि अपने परिवार के साथ वक्त बिताएं। अगर आप अकेले बैठते हैं तो कई तरह के विचार मन में आते हैं। ऐसे वक्त में ध्यान बेहद जरूरी है।

यह भी पढ़ें: Snow Leopard: उत्‍तराखंड में हिम तेंदुओं की गणना में भी बाधा बना कोरोना

तनाव में कमजोर पड़ी संयम की डोर

बढ़ते तनाव के कारण हर वर्ग में संयम की डोर कमजोर पड़ती नजर आ रही है। छोटी सी बात पर ही लोग मौत को गले लगा रहे हैं। इनमें किशोर, नौजवान से लेकर महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। लॉकडाउन के बाद देहरादून में आत्महत्या के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई। मार्च में जहां आत्महत्या के सिर्फ छह मामले सामने आए थे, वह लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में ढाई गुना बढ़कर 14 हो गए। मई में इसका आंकड़ा 25 जबकि जून में 34 जा पहुंचा। भले ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हो, लेकिन तनाव अब भी हावी है। अगस्त में आत्महत्या के 25 मामले सामने आए। इस वर्ष दून में जनवरी से अगस्त तक कुल 176 व्यक्तियों ने मौत को गले लगाया। इसमें सर्वाधिक 126 मामले फांसी लगाकर जान देने के रहे। इसके अलावा 29 ने जहर खाकर, 12 ने पारिवारिक कलह और नौ ने अन्य कारणों पर आत्महत्या की। पुलिस जांच में नब्बे फीसद मामलों में तनाव वजह पाई गई।

अपने तनाव को ऐसे करें दूर

  • ’खुद को मानसिक रूप से मजबूत करना जरूरी है। ध्यान रखना है कि सबकुछ फिर से ठीक होगा और पूरी दुनिया इस कोशिश में जुटी है। बस थोड़ा धैर्य रखें।
  •  रिश्तों को मजबूत करें। छोटी-छोटी बातों का बुरा ना मानें। एक-दूसरे से बातें करें और परिवार का ख्याल रखें।
  • दिनचर्या को बनाए रखें। इससे हमें एक मकसद मिलता है व हम सामान्य महसूस करते हैं। हमेशा की तरह समय पर सोना, जागना, खाना-पीना और व्यायाम करें।
  • अपनी भावनाओं को जाहिर करें। अपने स्वजनों या दोस्तों के साथ शेयर करें।
यह भी पढ़ें: Badrinath Dham: बदरीनाथ मंदिर के आसपास निर्माण कार्य हटेंगे, पहले चरण में सरकारी भूमि पर होंगे काम

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।