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Uttarakhand Politics: कांग्रेस ने तोड़े कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत दो विधायक

उत्‍तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ माह का समय शेष है। इसी क्रम में उत्तराखंड में एक विधायक खोने के बाद कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका दिया है। यशपाल आर्य और उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य ने कांग्रेस में वापसी की।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 11 Oct 2021 09:42 PM (IST)
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सोमवार को कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा पर बड़ा झटका देते हुए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य समेत दो विधायक तोड़ लिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने अपने विधायक पुत्र संजीव आर्य के साथ सोमवार को कांग्रेस में वापसी की। यशपाल आर्य भाजपा की प्रांतीय कोर कमेटी के सदस्य भी थे। कांग्रेस ने अनुसूचित जाति के इन क्षत्रपों की वापसी करा राष्ट्रीय स्तर पर फिर संदेश दिया। इससे पहले पार्टी पंजाब में अनुसूचित जाति के चरणजीत सिंह चन्नी की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी कर चुकी है। कांग्रेस ने बीते दिनों भाजपा के हाथों अपना एक विधायक गवां दिया था। उत्तरकाशी जिले के पुरोला से विधायक रहे राजकुमार कांग्रेस का हाथ झटककर भाजपा में आ चुके हैं। भाजपा के इस प्रहार से तिलमिलाई कांग्रेस ने पलटवार किया है।

नई दिल्ली में सोमवार को एआइसीसी मुख्यालय में पार्टी के केंद्रीय और राज्य के पदाधिकारियों की मौजूदगी में 69 वर्षीय यशपाल आर्य व संजीव आर्य कांग्रेस में शामिल हुए। इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल, पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत, राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल मौजूद रहे।

2022 के चुनाव से पहले कांग्रेस के इस कदम को पार्टी का जवाबी मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। एक कैबिनेट मंत्री और एक विधायक को कांग्रेस ने अपने पाले में खींचकर उत्तराखंड में सियासी जंग को रोचक बना दिया है। चुनाव तक यह जंग ज्यादा रोमांचक होती दिखाई पड़ सकती है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य छह बार के विधायक तो हैं ही, राज्य में अनुसूचित जाति की सियासत में उनका बड़ा कद है। आर्य वर्तमान में ऊधमसिंह नगर जिले की बाजपुर सुरक्षित सीट से विधायक हैं।

कांग्रेस में अहम पदों पर रह चुके हैं आर्य

यशपाल आर्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के लंबे समय तक अध्यक्ष रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। आर्य उस वक्त भी पिछली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। संजीव आर्य नैनीताल सुरक्षित सीट से विधायक हैं। नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में आर्य का सियासी प्रभाव माना जाता है।

बीते दिनों उछला था आर्य की नाराजगी का मुद्दा

कैबिनेट मंत्री के रूप में महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा संभाल रहे यशपाल आर्य कुछ समय से भाजपा से नाराज बताए जा रहे थे। उनकी नाराजगी की जानकारी सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले उनके आवास पर जाकर मुलाकात की थी।

यशपाल-संजीव का इस्तीफा स्पीकर को भेजा

कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और संजीव आर्य ने कांग्रेस में शामिल होते ही विधानसभा सदस्यता से अपना इस्तीफा स्पीकर को भिजवा दिया है। विधानसभा सचिवालय ने इस्तीफा मिलने की पुष्टि की। स्पीकर के निर्देश पर इसका परीक्षण किया जा रहा है। यशपाल आर्य का कैबिनेट मंत्री पद से भेजा गया इस्तीफा राजभवन ने मंजूर कर लिया। राज्यपाल के सचिव रंजीत सिन्हा ने इसकी पुष्टि की। उधर, भाजपा के एक और विधायक भी जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। ये विधायक पिछले कुछ दिनों से सत्तारूढ़ दल से नाराज चल रहे हैं।

भाजपा के सिद्धांत और व्यक्तिगत हित आड़े आए: धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री आर्य के भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमने सभी को सम्मान दिया है। अपने परिवार की तरह माना है। राष्ट्र प्रथम, संगठन द्वितीय और व्यक्ति तृतीय का भाजपा का सिद्धांत है। हो सकता है कि इसे लेकर किसी को परेशानी हो और व्यक्तिगत हित आड़े आ रहे हों। उन्होंने यह भी कहा कि जाने वाले को कोई कहां रोक सका है और उन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं है।

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