भ्रष्टाचार पर प्रहार को जांच एजेंसियों को फ्रीहैंड : त्रिवेंद्र सिंह रावत
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जांच एजेंसियों को फ्री हैंड दिया गया ताकि भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया जा सके।
By Edited By: Updated: Thu, 19 Sep 2019 03:51 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार अपने ढाई साल के कार्यकाल में भ्रष्टाचारमुक्त शासन देने में कामयाब रही है। जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जांच एजेंसियों को फ्री हैंड दिया गया, ताकि भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया जा सके।
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार कार्य संस्कृति में बदलाव की कोशिश में जुटी है। सीएम डैशबोर्ड उत्कर्ष, सीएम हेल्पलाइन 1905 और सेवा का अधिकार से कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है। कनेक्टिविटी के मामले में प्रदेश में अभूतपूर्व काम हुआ है। ऑलवेदर रोड व भारतमाला योजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। डाटकाली टनल सहित कई परियोजनाएं समय से पहले पूरा होने से 300 करोड़ रुपये से अधिक बचाए जा चुके हैं। टिहरी में डोबरा चांठी पुल का काम मार्च, 2020 तक पूरा होगा। पिछले 14 वर्षों से अटकी इस योजना के लिए एकमुश्त राशि जारी होने से सार्थक परिणाम मिले हैं।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग पर काम शुरू हो चुका है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। उड़ान योजना के तहत देहरादून से पंतनगर व पिथौरागढ़ के लिए सस्ती हवाई सेवा प्रारंभ की गई है। आज देहरादून देश के प्रमुख शहरों से हवाई सेवा के माध्यम से जुड़ चुका है। शिक्षा में सुधार लाने को प्रदेश के सभी विद्यालयों में फर्नीचर, वाटर सप्लाई, टॉयलेट, कंप्यूटर, लाइब्रेरी और लैब की व्यवस्था चरणबद्ध 2022 तक पूरी की जाएगी। पर्वतीय क्षेत्रों में वर्तमान में 2045 चिकित्सक तैनात किए गए हैं। इससे पहले मात्र 1081 चिकित्सक ही कार्यरत थे। केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण कर इसे पहले से अधिक भव्य बनाया गया है। बदरीनाथ धाम के लिए भी कार्ययोजना बनाई गई है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में मंत्री पद के तलबगारों का खत्म नहीं हो रहा इंतजारउन्होंने कहा कि नदियों व जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की पहल बड़े स्तर पर की गई है। हर जिले में एक वाटर शेड पर काम किया जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर विकसित किए जा रहे हैं। 58 ग्रोथ सेंटर को मंजूरी दी जा चुकी है। परंपरागत कृषि विकास योजना के पहले चरण में 3900 जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया जा चुका है। प्रदेश में केंद्र सरकार के सहयोग से बड़े संस्थान खोले जा रहे हैं। देहरादून में कोस्ट गार्ड भर्ती सेंटर व रानीपोखरी में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया गया है। डोईवाला में सीपेट शुरू किया जा चुका है। अल्मोड़ा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाइबर की स्थापना की जा रही है। देश की पांचवीं साइंस सिटी देहरादून में बनेगी। देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केंद्र और अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। होम स्टे के माध्यम से पर्यटन ग्रामीणों की आजीविका का साधन बन गया है।
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