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IIT Roorkee: आईआईटी रुड़की के दीक्षा समारोह में 1916 विद्यार्थियों को मिली उपाधि, मुख्य अतिथि ने दिया संदेश

IIT Roorkee आईआईटी रुड़की के दीक्षांत भवन में शुक्रवार को दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बॉश ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज के सीईओ और अध्यक्ष दत्तात्रि सलागमे उपस्थित रहे। समारोह की शुरुआत संस्थान के विद्यार्थियों की ओर से गाए गए कुलगीत से हुई। इस समारोह में कुल 1916 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई।

By Rena Edited By: Swati SinghUpdated: Fri, 28 Jul 2023 03:16 PM (IST)
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आईआईटी रुड़की के दीक्षा समारोह में 1916 विद्यार्थियों को मिली उपाधि, मुख्य अतिथि ने दिया संदेश

रुड़की, रीना डंडरियाल। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी ) रुड़की के दीक्षा समारोह-2023 में कुल 1916 छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। उपाधि प्राप्त करने वालों में 1,077 स्नातक, 685 परास्नातक और 154 पीएचडी विद्यार्थी शामिल रहे। वहीं विभिन्न विभागों एवं क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए कुल 155 अवार्ड प्रदान किए गए।

बीटेक कंप्यूटर साइंस एवं अभियांत्रिकी विभाग के आर्यन जैन को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक दिया गया। वहीं बीटेक यांत्रिकी अभियांत्रिकी विभाग के अथर्व करंजगांवकर को निदेशक स्वर्ण पदक और बीटेक उत्पादन एवं औद्योगिक अभियांत्रिकी विभाग की काव्या सक्सेना को भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक मिला।

आईआईटी रुड़की के दीक्षांत भवन में शुक्रवार को दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बॉश ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज के सीईओ और अध्यक्ष दत्तात्रि सलागमे उपस्थित रहे। समारोह की शुरुआत संस्थान के विद्यार्थियों की ओर से गाए गए कुलगीत से हुई। समारोह में मुख्य अतिथि बॉश ग्लोबल सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज के सीईओ और अध्यक्ष दत्तात्रि सलागमे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे-जैसे उच्च शिक्षा क्षेत्र विकसित हो रहा है वैसे ही आइआइटी रुड़की जैसे संस्थानों को अनुकूल एवं नवाचार जारी रखना चाहिए।

अस्थिर रहें और खुद को सफलता के मुकाम पर पहुंचाए

दत्तात्रि सलागमे ने छात्रों को विश्व की चुनौतियों का समाधान निकालने को प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत के उत्पाद जर्मनी, यूएस आदि देशों में उनके सहयोगी प्रयोग कर रहे हैं, जिससे उन्हें गर्व महसूस होता है। उन्होंने छात्रों को जीवन में लगातार सीखने और अन-शेटल (अस्थिर) रहने के लिए प्रेरित किया। कहा कि माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे शेटल हो जाएं। उनके पास अच्छी नौकरी और बेहतर जीवन हो लेकिन उनका मानना है कि जीवन में हमेशा अन-शेटल रहना चाहिए। इससे जीवन में आगे बढ़ते रहने और बेहतर करने का जोश बना रहता है।

दत्तात्रि सलागमे ने छात्रों को दिया संदेश

दत्तात्रि सलागमे ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि उनकी इस सफलता में उनके स्वजन का अहम योगदान है। उन्होंने छात्रों से ऐसी आधुनिक तकनीकें विकसित करने का आह्वान किया जिससे वे समाज हित और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने नवाचार, शोध के अलावा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आइआइटी रुड़की की ओर से महत्वपूर्ण योगदान देने पर सराहना की।

राष्ट्र निर्माण में प्रगति का प्रतीक है आईआईटी रुड़की

संस्थान के अभिशासक परिषद के अध्यक्ष बीवीआर मोहन रेड्डी ने कहा कि आईआईटी रुड़की भारत में राष्ट्र निर्माण में प्रगति का प्रतीक है। संस्थान ने 176 वर्ष से इस ध्वज को बुलंद कर रखा है। संस्थान असाधारण प्रतिभा पैदा करने, अनुसंधान एवं नवाचार को बढ़ावा देने और सामाजिक जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है।

शिक्षा का उपयोग समाज की भलाई करें

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने छात्रों से कहा कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग समाज की भलाई के लिए करें। उन्होंने बताया कि संस्थान में छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा एवं गणित सभी क्षेत्रों में समान अवसर दिए जा रहे हैं। एनआईआरएफ रैंकिंग-2023 में आइआइटी रुड़की को भारत में वास्तुकला एवं नियोजन के शीर्ष संस्थानों के रूप में स्थान मिला है।

निदेशक प्रोफेसर केके पंत ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के कार्यान्वयन में भी संस्थान सबसे आगे है। संस्थान ने हाल ही में एनईपी-2020 के अनुरूप अपने स्नातक पाठ्यक्रम को संशोधित किया है। इसका उद्देश्य छात्रों की वैश्विक आकांक्षाओं के साथ तालमेल बनाए रखना है।

छात्र करें नेतृत्व के गुणों को विकसित

संस्थान के शैक्षणिक मामलों के कुलशासक प्रोफेसर अपूर्बा कुमार शर्मा ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्रों को अपनी नेटवर्किंग एवं संचार क्षमताओं को मजबूत करने, समय-समय पर प्रासंगिक कौशल विकसित करने एवं एक उद्यमी की तरह सोचने और नेतृत्व के गुणों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर संस्थान के उप निदेशक प्रो. यूपी सिंह, फैकल्टी, अभिभावक, छात्र-छात्राएं और अन्य उपस्थित रहे।