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देहरादून-हरिद्वार रेलखंड पर ट्रेन की चपेट में आने से एक नर हाथी की हुई मौत, अब तक इतने हाथियों ने गंवाई जान

देहरादून- हरिद्वार रेलखंड एक बार फिर हाथियों के लिए खूनी साबित हुआ। सोमवार देर रात देहरादून से हावड़ा जाने वाली उपासना एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से एक नर हाथी की मौत हो गई। हादसे के चलते करीब 15 मिनट ट्रेन फाटक के समीप ही खड़ी रही। इंजन की भली भांति जांच पड़ताल के बाद उसे गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 19 Sep 2023 01:18 PM (IST)
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देहरादून-हरिद्वार रेलखंड पर ट्रेन की चपेट में आने से एक नर हाथी की हुई मौत

हरिद्वार, जागरण टीम। देहरादून- हरिद्वार रेलखंड एक बार फिर हाथियों के लिए खूनी साबित हुआ। सोमवार देर रात देहरादून से हावड़ा जाने वाली उपासना एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से एक नर हाथी की मौत हो गई। हादसे के चलते करीब 15 मिनट ट्रेन फाटक के समीप ही  खड़ी रही। इंजन की भली भांति जांच पड़ताल के बाद  उसे गंतव्य के लिए रवाना किया गया।

मामले की चल रही है जांच

फिलहाल वन विभाग की ओर से लोको पायलट के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कराया गया है। हरिद्वार वनप्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश नौडियाल ने बताया कि मामले की जांच करायी जा रही है। मृत हाथी का पोस्टमार्टम भी कराया जा रहा है।

अप्रैल 2019 में भी दो नर हाथियों की हुई थी मौत

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी सीतापुर रेलवे फाटक पर 19 अप्रैल 2019 को नई दिल्ली से देहरादून आने वाली नंदा देवी एक्सप्रेस की चपेट में आने से दो नर हाथियों, टस्कर की मौत हो गई थी। राजाजी नेशनल पार्क से सटे हरिद्वार वनप्रभाग अंतर्गत सीतापुर रेलवे फाटक के पास  ट्रैक पार करते समय दोनों हाथी हादसे का शिकार हुए थे। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एक हाथी का दांत भी टूट गया था। दोनों की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच थी। 

क्या कहते हैं प्रभागीय वनाधिकारी 

प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश नौडियाल के अनुसार, हादसे वाला क्षेत्र राजाजी नेशनल पार्क का हिस्सा नहीं है। राजाजी नेशनल पार्क में ट्रेन की गति सीमा निर्धारित है। ऐसे में अभी यह नहीं कहा जा सकता कि इसमें लोको पायलट की गलती है या नहीं । जांच के बाद ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।

दो दशक में 16 हाथी गंवा चुके हैं जान

वर्ष 2000  राज्य गठन से अब तक 16 हाथी इस रेलवे ट्रैक पर जान गंवा चुके हैं। 19 अप्रैल 2019 को सीतापुर रेलवे फाटक पर रेलवे ट्रैक पार करते समय दो टस्कर हाथी की मौत हो गई थी।13 जनवरी 2013 को भी इसी इलाके में एक साथ दो हाथी ट्रेन की चपेट में आने से मारे गए थे । 17 फरवरी 2018 व फिर 20 मार्च 2018 को नंदा देवी एक्सप्रेस की चपेट में आने से हाथियों की मौत हुई। इसके बाद 26 जून 2018 को काठगोदाम एक्सप्रेस की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हो गई थी।

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