तीन तलाक के मुद्दे को SC तक ले जाने वाली आतिया साबरी चेक बाउंस मामले में बरी, साढ़े सात साल से विचाराधीन था केस; ये था मामला
Aatiya Sabri शरीफ अहमद का आरोप था कि आतिया साबरी फरीदी विकास समिति के नाम से सुल्तानपुर में एक संस्था को संचालित करती है। करीब दो वर्ष पूर्व आतिया साबरी व उसका भाई रिजवान जो संस्था का अध्यक्ष है। उसके पास आए तथा उससे कहा कि संस्था में यदि वह कुछ रकम लगायेंगे तो पांच साल बाद उन्हें दोगुनी रकम मिल जाएगी। जिस पर भरोसा कर उसने दो बार...
संवाद सूत्र, लक्सर। Aatiya Sabri: तीन तलाक के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली आतिया साबरी के विरुद्ध चल रहे चेक बाउंस के मामले में न्यायालय ने आतिया को दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया है। मामला पिछले करीब साढ़े सात वर्षों से न्यायालय में विचाराधीन था।
लक्सर कोतवाली क्षेत्र के मोहम्मदपुर कुनारी गांव निवासी शरीफ अहमद ने 15 जुलाई वर्ष 2016 को तीन तलाक के खिलाफ आवाज उठाने वाली आतिया साबरी के खिलाफ लक्सर न्यायालय में वाद दायर किया गया था।
ये था मामला
शरीफ अहमद का आरोप था कि आतिया, साबरी फरीदी विकास समिति के नाम से सुल्तानपुर में एक संस्था को संचालित करती है। करीब दो वर्ष पूर्व आतिया साबरी व उसका भाई रिजवान जो संस्था का अध्यक्ष है। उसके पास आए तथा उससे कहा कि संस्था में यदि वह कुछ रकम लगायेंगे, तो पांच साल बाद उन्हें दोगुनी रकम मिल जाएगी। जिस पर भरोसा कर उसने दो बार दो-दो लाख रुपए संस्था में जमा कराए।परंतु कुछ समय बाद उसे पता चला कि उक्त लोग संस्था के नाम पर ठगी का कार्य करते हैं। जिस पर उसने उन पर दी गई अपनी रकम वापस किए जाने के लिए दबाव बनाया। तो उसे पंजाब नेशनल बैंक का चार लाख का चेक उसे दिया गया। जिसका 10 मई वर्ष 2016 को भुगतान होना था।उसके द्वारा चेक को अपने खाते में जमा कराया गया तो खाते में पैसा ना होने के चलते चेक बाउंस हो गया। उधर मामले में आरोपित बनाई गयी आतिया साबरी ने अपने अधिवक्ता संजय वर्मा के माध्यम से न्यायालय को बताया कि उसके द्वारा उनसे कोई चेक नहीं लिया गया। बल्कि उसके पति द्वारा उससे तीन तलाक लेने के बाद उसे झूठे मामले में फंसाने के लिए उसका फर्जी खाता खुलवाकर उसके नाम से अपने साथियों अफजल, समीर व शरीफ के माध्यम से तीन चेक खाते में जमा कराए गए। चैकों पर उसके कोई हस्ताक्षर नहीं है।
बेटियों को जहर देकर मारने का प्रयास
अभियुक्ता आतिया के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि उसकी शादी 25 मार्च 2012 को वाजिद निवासी मोहम्मदपुर कुनारी से हुई थी। शादी के बाद आतिया के दो बेटियों को जन्म देने पर उसे जहर देकर मारने का प्रयास किया गया। जिसका मामला उत्तर प्रदेश के सहारनपुर न्यायालय में चल रहा है।उसके पति द्वारा उस पर दबाव बनाने के लिए अपने साथियो की मदद से उसके खिलाफ फर्जी वाद दायर किया गया। दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट चंद्रेश्वरी सिंह ने आरोपित आतिया साबरी को दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया।
यह भी पढ़ें-
Dehradun: '…सनातन संस्कृति आहत हुई, हिंदू बर्दाश्त नहीं कभी करेंगे', हिंदू संगठनों ने स्कूल के बाहर इस वजह से किया हंगामा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।