आचार्य महामंडलेश्वर पद पर विराजमान हुए स्वामी कैलाशानंद, पढ़िए पूरी खबर
स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज को गुरुवार को निरंजनी अखाड़े में आयोजित एक भव्य समारोह में आचार्य महामंडलेश्वर पद पर विराजमान किया गया। इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि संत परंपरा भारत को महान बनाती है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 14 Jan 2021 01:38 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज को गुरुवार को निरंजनी अखाड़े में आयोजित एक भव्य समारोह में आचार्य महामंडलेश्वर पद पर विराजमान किया गया। इस मौके पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कहा कि संत परंपरा भारत को महान बनाती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मां दक्षिण काली की कृपा से निरंजनी पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज धर्म व अध्यात्म के क्षेत्र में भारत की परंपरा को और ऊंचाइयां प्रदान करेंगे। समारोह में बड़ी संख्या में साधु-संत मौजूद थे।
पट्टाभिषेक समारोह में आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि महाराज ने कहा कि योग्य व विद्वान संत को ही अखाड़े के आचार्य पद पर विराजमान किया जाता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक महान व तपस्वी संत हैं, जो अपने तप और विद्वता के माध्यम से देश-दुनिया में जाने जाते हैं। संपूर्ण संत समाज स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज से आशा करता है कि वे सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए श्रीपंचायती अखाड़ा निरंजनी के नाम को दुनिया भर में रोशन करेंगे। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने स्वामी कैलाशानंद महाराज को आशीर्वाद देते हुए कहा कि सर्वसम्मति से अखाड़े ने उन्हें आचार्य नियुक्त किया है।
स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज देश-दुनिया में सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार कर भारत का मान बढ़ाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विद्वान संत स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज के नेतृत्व में निरंजनी अखाड़ा सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के उत्थान में सशक्त भूमिका का निर्वहन करेगा। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि देवभूमि की पहचान संत महापुरुषों से है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का निरंजनी अखाड़े का आचार्य बनना सभी के लिए गौरव की बात है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वह एक विद्वान महापुरुष हैं।
हम आशा करते हैं कि वे अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करते हुए राष्ट्र कल्याण में अहम योगदान देंगे। संत महापुरुषों की सेवा कर अखाड़े को निरंतर उन्नति की ओर ले जाएंगे। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान में योगदान करना चाहिए। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरि महाराज ने कहा कि आचार्य अखाड़े को नई दिशा प्रदान करते हैं। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेमगिरि महाराज ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज योग्य व विद्वान महापुरुष हैं।
आचार्य पद की प्रतिष्ठा कायम रखूंगा, सनातन धर्म को शिखर पर ले जाऊंगा: स्वामी कैलाशानंद गिरि
पट्टाभिषेक सम्मान समारोह में अपने संबोधन में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने कहा कि आचार्य पद की मान-प्रतिष्ठा को कायम रखते हुए विश्व में सनातन धर्म संस्कृति को शिखर पर ले जाना ही उनके जीवन का एकमात्र उद्देश्य रहेगा। उन्होंने कहा कि जो दायित्व अखाड़े ने उन्हें सौंपा है, उसका वह पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन करते हुए देश-दुनिया में सनातन धर्म व संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर अखाड़े की गरिमा को और गौरवान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी संत-महापुरुष हमारे पूज्यनीय हैं। सबके साथ मिलजुल कर अखाड़े को उन्नति की ओर अग्रसर किया जाएगा। इस आधार पर उनकी प्राथमिकता हरिद्वार कुंभ मेला को भव्य व दिव्य रूप से संपन्न कराने की रहेगी।
हरिद्वार: समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, श्रीमहंत सत्यगिरि, श्रीमहंत महेश्वरदास, मुखिया महंत दुर्गादास, मुखिया महंत भगतराम, श्रीमहंत साधनानंद, स्वामी संविदानंद ब्रह्मचारी, महंत जसवेंद्र सिंह, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, सतपाल ब्रह्मचारी, महंत विष्णुदास, बाबा हठयोगी, स्वामी ऋषिश्वरानंद, महामंडलेश्वर स्वामी अजरुनपुरी, महंत दुर्गादास, श्रीमहंत लखनगिरि, श्रीमहंत ओंकार गिरि, महंत दिनेश गिरि, महंत राधे गिरि, महंत मनीष भारती, महंत अशोकनाथ गिरि, महंत नरेश गिरि, महंत नीलकंठ गिरि, महंत गंगा गिरि, महंत देवानंद सरस्वती, महंत श्यामप्रकाश, स्वामी रविदेश शास्त्री, स्वामी ललितानंद गिरि, स्वामी प्रबोधानंद गिरि, महंत दामोदर दास, महंत निर्मलदास, महंत जगतार मुनि, स्वामी रघुवन, दिगंबर बलबीर पुरी, स्वामी आलोक गिरी, महंत रूपेंद्र प्रकाश, आचार्य पवनदत्त मिश्र, स्वामी अवंतकानंद ने उन्हें शुभकामनाएं दी।
काली मंदिर से शोभायात्र संग अखाड़ा पहुंचने पर हुआ स्वागतहरिद्वार: आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज सिद्धपीठ श्रीदक्षिण काली मंदिर से शोभायात्रा के साथ पट्टाभिषेक समारोह में पहुंचे। शोभायात्रा की शुरुआत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने की।यह भी पढ़ें-संत की कलम से: देश को सांस्कृतिक, धार्मिक रूप से एकता के सूत्र में पिरोता है कुंभ- स्वामी
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