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रुड़की विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति से सवा सात लाख की ठगी के आरोपित पकड़े

रुड़की विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति से सवा सात लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। ठगी करने वाले गिरोह के कुछ लोग चंडीगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़े हैं।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 21 May 2020 05:45 PM (IST)
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रुड़की विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति से सवा सात लाख की ठगी के आरोपित पकड़े
रुड़की, जेएनएन। रुड़की विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति से सवा सात लाख रुपये की ठगी के मामले में पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। ठगी करने वाले गिरोह के कुछ लोग चंडीगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इसकी जानकारी होने पर रुड़की पुलिस की एक टीम शीघ्र ही चंडीगढ़ रवाना होगी। पुलिस की टीम इस मामले में आरोपित को बी वारंट पर रुड़की लाकर इन्हें रिमांड पर लेगी।

सिविल लाइंस निवासी डॉ. गोपाल रंजन रुड़की विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हैं। इन्होंने एक निजी कंपनी लाइफ इंश्योरेंस से पॉलिसी कराई थी। पिछले साल इनके पास चार अलग-अलग नंबरों से महिलाओं के फोन आए थे। इन महिलाओं ने खुद को इंश्योरेंस कंपनी का कर्मचारी बताया था। इन्होंने बताया था कि इनकी पॉलिसी लैप्स हो गई है। पॉलिसी की रकम वापस लेने के लिए इन्हें नवंबर 2019 तक कंपनी के खाते में रकम जमा करानी होगी। कर्मचारी बनी इन महिलाओं ने पूर्व कुलपति से खाते में सवा सात लाख रुपये की रकम जमा करवाई। पूर्व कुलपति को बाद में पता चला कि उनके साथ फर्जीवाड़ा कर ठगी की गई है।

इस मामले में सोमवार को सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस ने चार महिलाओं पर मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस को पता चला है कि ठगी करने वाले गिरोह के कुछ लोग चंडीगढ़ पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इस जानकारी के बाद पुलिस टीम इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज एकत्रित कर रही है। पुलिस की एक टीम शीघ्र ही इस मामले में चंडीगढ़ रवाना होगी। पुलिस टीम पकड़े गए गिरोह के लोगों को बी वारंट पर रुड़की लाकर इन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

लोन का झांसा देकर 4.85 लाख रुपये की धोखाधड़ी

लोन देने का झांसा देकर 4.85 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने रानीपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक शिवालिकनगर निवासी ललित को बिजनेस शुरू करने के लिए रकम की जरूरत थी। उसका संपर्क उदयपुर राजस्थान की एक प्राइवेट फाइनेंस कंपनी से हुआ। कंपनी ने ललित को झांसा दिया कि उसे जितना लोन लेना है, उसका दो प्रतिशत पहले कंपनी को गारंटी के तौर पर जमा करना होगा। 

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ललित ने आरटीजीएस के माध्यम से कंपनी के खाते में 4.85 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन कई महीने गुजरने के बाद ललित को लोन नहीं मिला। आरोप है कि ललित ने पैसे वापस मांगे तो गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी दी गई। तब ललित ने पुलिस से संपर्क साधा। रकम ट्रांसफर करने के सुबूत भी ललित ने दिखाए। जिस पर पुलिस ने तहरीर के आधार पर अभिषेक, अभिषेक यादव, शिवराज, विनय, अजीत रेडडी, नेहा व हर्षित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। रानीपुर कोतवाल शंकर सिंह बिष्ट ने बताया कि आरोपित कहां के निवासी हैं, इस बारे में शिकायतकर्ता को भी अभी कुछ पता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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