बीर सिंह हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त को आजीवन कारावास
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबिका पंत की अदालत ने बीर सिंह हत्याकांड में चार अभियुक्तों सजा सुनाई है। अदालत ने हत्या के मुख्य अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
By Edited By: Updated: Fri, 15 Mar 2019 10:29 PM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। नौ वर्ष पुराने बीर सिंह हत्याकांड में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबिका पंत की अदालत ने चार अभियुक्तों सजा सुनाई है। अदालत ने हत्या के मुख्य अभियुक्त को आजीवन कारावास व एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई, जबकि तीन सह अभियुक्तों को तीन-तीन वर्ष के कारावास और 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा दी गई है। हत्याकांड में आरोपित एक युवती को दोषमुक्त करार दिया गया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता भूपेश्वर ठकराल ने बताया कि 16 मार्च 2010 को बीर सिंह निवासी ग्राम खानपुर खुर्द, थाना साल्हावास, जिला झज्जर, हरियाणा की हरिद्वार के लक्सर में हत्या कर दी गयी थी। बीर सिंह भूमि का बैनामा कराने के लिए लक्सर आया था। उसका शव अधजली अवस्था में खानपुर पुरकाजी सीमा के करीब जंगल से बरामद किया गया था। मृतक की पत्नी की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने आरोपित हरविंदर पुत्र पहल सिंह निवासी हुसैनपुर, राजकुमार पुत्र धीरज निवासी ग्राम बहादरपुर खादर, इरफान पुत्र हबीब निवासी सुल्तानपुर, मांगा पुत्र शिवदत्त व श्वेता पुत्री सुनील निवासी सीमली लक्सर (हरिद्वार) को गिरफ्तार किया था।
यह मामला अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में विचाराधीन था। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 35 गवाह पेश किए गए। शुक्रवार को सुनवाई पूरी करने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबिका पंत की अदालत ने चार अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुनवाई। अदालत ने हरविंदर को हत्या का मुख्य अभियुक्त माना और उसे आजीवन कारावास तथा एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले में अन्य तीन अभियुक्तों राजकुमार, इरफान तथा मांगा को तीन-तीन वर्ष के कारावास तथा बीस -बीस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। इस मामले में एक आरोपित श्वेता को दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया गया।
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