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दो एई और दारोगा समेत विजिलेंस टीम पर हमला, बंधक भी बनाया

दो एई और दारोगा समेत विजिलेंस टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर उन्हें बंधक बना लिया। टीम में शामिल सदस्यों को जमकर पीटा गया। टीम क्षेत्र में बिजली चोरी को लेकर गई थी।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 19 Jun 2019 08:37 PM (IST)
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दो एई और दारोगा समेत विजिलेंस टीम पर हमला, बंधक भी बनाया
रुड़की, जेएनएन। बिजली चोरी पकड़ने गए दो एई और दारोगा समेत विजिलेंस टीम पर कुछ लोगों ने हमला कर उन्हें बंधक बना लिया। टीम में शामिल सदस्यों को जमकर पीटा गया और उनसे मोबाइल फोन तक छीन लिए। इतना ही नहीं टीम से जबरन माफीनामा तक लिखवाया गया। सूचना पाकर सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह टीम को बंधन मुक्त कराया। सिविल लाइंस पुलिस को तहरीर दी गई है। आरोपित घरों से फरार हो गए हैं। देर शाम पुलिस ने 11 नामजद समेत डेढ़ सौ लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, मारपीट करने समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।

विजिलेंस टीम को लगातार शिकायत मिल रही थी कि मोहम्मदपुर मोहनपुरा गांव में बड़े पैमाने पर बिजली चोरी की जा रही है। इस पर देहरादून से सहायक अभियंता हनुमान सिंह रावत, धनंजय कुमार और पुलिस उप निरीक्षक हीरामणि पोखरियाल आदि गांव पहुंचे। टीम ने गांव में बिजली चोरी पकड़नी शुरू कर दी। इसी बीच टीम छानबीन करते हुए एक घर पर पहुंची तो पूरी टीम को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। इसे लेकर जमकर हंगामा हुआ। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जिस समय टीम घर के अंदर घुसी, उस समय महिलाएं अकेली थी और टीम ने अभद्रता की। काफी देर तक हंगामा होता रहा। 

इतना ही नहीं टीम में शामिल सदस्यों से मारपीट भी की गई। ग्रामीणों ने टीम को इतना आतंकित कर दिया कि उन्होंने दबाव के चलते माफीनामा लिखा, जिसमें बताया कि वह महिला पुलिसकर्मी को साथ लेकर नहीं गए, वह गलती है। साथ ही अपने साथ हुई अभद्रता के लिए भी खुद को कसूरवार माना। इसी बीच टीम में शामिल एक कार के चालक ने पुलिस को इस बात की सूचना दे दी। इस पर कोतवाली सिविल लाइंस पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने किसी तरह टीम को बंधन मुक्त कराया। 

इसके बाद सहायक अभियंता धनंजय कुमार और हनुमान सिंह रावत का सिविल अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया। देर शाम कोतवाली सिविल लाइंस पुलिस ने विजिलेंस के सहायक अभियंता हनुमान सिंह रावत की तहरीर पर चार भाइयों अजीम, फईम, वसीम, अलीम के अलावा अहसान, मुकीम, मुंतजीर, प्रवेज, खलील, ताबूल, प्रवेज को नामजद और करीब 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, बंधक बनाने, हाथापाई करने, आतंकित करते हुए जबरन माफीनामा लिखवाने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। एसएसआइ प्रमोद कुमार ने बताया कि आरोपितों की तलाश की जा रही है। 

पहले भी टीम को बनाया जा चुका बंधक 

विजिलेंस टीम को इससे पहले भी रुड़की क्षेत्र में बंधक बनाया जा चुका है। दो साल पहले थिथकी गांव में विजिलेंस टीम को बंधक बनाकर मारपीट की गई थी। इसके अलावा भाकियू के प्रभाव वाले क्षेत्र नारसन में तो विजिलेंस टीम कार्रवाई करने के लिए नहीं जाती है।

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