संत की कलम से : कुंभ, विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन
कुंभ की महिमा अपरंपार है यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। यह पर्व विविधताओं से भरा हुआ एक ऐसा धार्मिक आयोजन है जो देवताओं की आज्ञा और विशेष नक्षत्रीय संयोग में ही एक स्थान पर हर 12 साल में आयोजित होता है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 28 Jan 2021 10:02 AM (IST)
Haridwar Kumbh 2021 कुंभ की महिमा अपरंपार है, यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। यह पर्व विविधताओं से भरा हुआ एक ऐसा धार्मिक आयोजन है, जो देवताओं की आज्ञा और विशेष नक्षत्रीय संयोग में ही एक स्थान पर हर 12 साल में आयोजित होता है। कथा और मान्यता है कि सूर्य, चंद्र और बृहस्पति देवासुर संग्राम के समय अमृत कुंभ की रक्षा करते रहे। इसलिए इन तीनों का संयोग जब विशिष्ट राशि पर होता है, तब ही कुंभ योग आता है। इन स्थानों पर कुंभ होने की वजह समुद्र मंथन में निकली अमृत की बूंदे धरती लोक पर चार जगहों प्रयागराज, धर्मनगरी हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में विशेष नक्षत्रीय संयोग में गिरने से बनीं। जिन स्थानों पर यह बूंदें गिरी उन्हीं जगहों पर उन्हीं नक्षत्रीय संयोग में 12 वर्ष के कालखंड में कुंभ का आयोजन होता है।
कुंभ की महिमा अपरंपार है, यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। कुंभ के निमित्त यह विशेष संयोग कल-कल बहती मोक्षदायिनी पतित पावनी श्री मां गंगा का पावन जल अमृतमयी कर देता है। विशेष नक्षत्र विशेष स्थितियों में पावन गंगा के पवित्र जल के इस पर पूजन और स्नान मात्र से ही समस्त पापों और कष्टों का निवारण हो जाता है, आत्मा शुद्ध हो जाती है और परमात्मा का अंतः करण में वास हो जाता है।
-[ब्रह्म स्वरूप ब्रह्मचारी, परमाध्यक्ष श्री जयराम आश्रम]
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