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Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण के दौरान रखें भगवान शिव का व्रत, करें ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप

Chandra Grahan 2022 अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ( निरंजनी ) के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ग्रहण में भगवान शिव की आराधना से चंद्रमा को शक्ति मिलती है।

By Anoop kumar singhEdited By: Sunil NegiUpdated: Tue, 08 Nov 2022 05:44 PM (IST)
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Chandra Grahan 2022 : ग्रहण के दौरान भगवान भोलेनाथ की आराधना करने से चंद्रमा को मिलती है शक्ति।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: Chandra Grahan 2022: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (निरंजनी) के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि चंद्रमा को ग्रहण से बचाने के लिए ही भगवान शिव ने उन्हें मस्तक पर धारण किया है। ग्रहण के दौरान भगवान शिव का व्रत रखें। ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव की आराधना करें।

कार्तिक पूर्णिमा से होती है सर्दी की शुरूआत

पूरे कार्तिक मास व्रत रखने वाले श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करते हैं। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा का आयुर्वेद की दृष्टि से भी खास महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा से सर्दी की शुरूआत होती है। इसलिए गंगा स्नान के उपरांत तिल का दान करना चाहिए और जल में तिल डालकर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए।

सूर्य और चंद्रमा जीवन का भाग

मंगलवार को होने वाले चंद्रग्रहण के विषय में जानकारी देते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार राहु की परिधि में जब चंद्रमा आता है तो चंद्रग्रहण होता है। वर्तमान में मेष राशि में राहुल चल रहा है। मेष राशि में ही चंद्रमा का आगमन हुआ है। सूर्य और चंद्रमा जीवन का भाग है। चंद्रमा मन का प्रतीक है। ग्रहण का असर प्रकृति के प्रत्येक कण पर होता है।

ओम नम: शिवाय मंत्र का करें जाप

उन्होंने कहा कि चंद्रमा को ग्रहण से बचाने के लिए ही भगवान शिव ने उन्हें मस्तक पर धारण किया है। इस दौरान भगवान शिव का व्रत रखें। ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।

शिव की आराधना से चंद्रमा को मिलती शक्‍ति

भगवान शिव की आराधना करने से चंद्रमा को शक्ति प्राप्त होती है। ग्रहण का सूतक लगने के बाद और ग्रहण समाप्त होने तक कुछ भी खाना नहीं चाहिए। ग्रहण के पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए।

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