खुद को सैन्यकर्मी बता ओएलएक्स पर 16 हजार रुपये ठगे Haridwar News
हरिद्वार में एक ठग ने खुद को सैन्यकर्मी बताकर ओएलएक्स पर फोन बेचने का झांसा देकर 16 हजार की ठगी कर ली। युवक को छह हजार रुपये में स्मार्ट फोन बेचने का झांसा दिया था।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 30 Jan 2020 09:23 PM (IST)
रुड़की, जेएनएन। एक ठग ने खुद को सैन्यकर्मी बताकर ओएलएक्स पर फोन बेचने का झांसा देकर 16 हजार की ठगी कर ली। युवक को छह हजार रुपये में स्मार्ट फोन बेचने का झांसा दिया था। जबकि, बाकी की रकम वापस करने की बात कही थी। पीड़ित ने पुलिस को मामले की तहरीर दी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र के बंदा रोड निवासी दानिश राजमिस्त्री हैं। उन्होंने ओएलएक्स पर स्मार्ट फोन का एक विज्ञापन देखा था, जिसमें छह हजार रुपये में स्मार्ट फोन बेचने की बात कही गई थी। नए फोन की कीमत करीब 60 हजार रुपये बताई गई थी। दानिश ने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर फोन किया। फोन उठाने वाले ने खुद को सैन्यकर्मी बताया और छह हजार रुपये में फोन बेचने की बात कही। इसके लिए उन्हें खाते में 16 हजार रुपये जमा कराने होंगे। वह छह हजार रुपये का मोबाइल उनके बताए गए पते पर भिजवा देगा। साथ ही बाकी की 10 हजार की रकम उसके बैंक खाते में वापस भेज दी जाएगी। बातों में आकर दानिश ने उसके बताए गए बैंक खाते में 16 हजार रुपये जमा करा दिए। गुरुवार सुबह जब दानिश ने उस नंबर पर फोन किया तो नंबर बंद मिला। सुबह से उसने कई बार नंबर मिलाने का प्रयास किया, लेकिन नंबर बंद ही मिला।
ठगी का एहसास होने पर पीडि़त ने गुरुवार दोपहर सिविल लाइंस कोतवाली पहुंचकर पुलिस को मामले की शिकायत की। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमरजीज सिंह ने बताया कि आरोपित का मोबाइल नंबर ट्रेस किया जा रहा है।यह भी पढ़ें: फोन कर मांगी खाते से जुड़ी जानकारी, फिर उड़ाए 2.47 लाख रुपये Dehradun News
कोर्ट में फर्जी चेक देने वाला आइआरडीई कर्मी गिरफ्तारफर्जी दस्तावेजों के जरिये पत्नी को भरण-पोषण राशि देने और समझौता होने का दावा करने वाले आइआरडीई (यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान) के टेक्नीशियन को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपित पर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस के अनुसार, सुबोध कुमार निवासी हरिद्वार आइआरडीइ में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत है। वर्ष 2015 में उसकी पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। इस बीच सुबोध की ओर से परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी दाखिल की गई। जबकि, पत्नी ने भरण-पोषण का वाद दाखिल कर दिया। मामला ट्रायल पर आने ही वाला था कि सुबोध ने एक सादे स्टांप पेपर पर पत्नी के दस्तखत करा लिए और अपने अकाउंट का एक बियरर चेक पत्नी के नाम से काटकर उसका भुगतान भी करा लिया।
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