Haridwar: जिन बच्चों पर दया दिखाते हैं आप, वह ले रहे अपराध की ट्रेनिंग; मां-बाप को नहीं कोई परवाह
Uttarakhand Crime News हरिद्वार में बाल भिक्षावृत्ति एक गंभीर समस्या है। कम उम्र में ही बच्चे भिक्षावृत्ति के दलदल में धकेल दिए जाते हैं और फिर वे अपराध की दुनिया में कदम रख देते हैं। कई बार गिरोह चलाने वाले जरायम पेशेवर ऐसे बच्चों को हथियार बनाते हैं। जबकि भीख मंगवाने वाले कुछ मां-बाप भी अपने बच्चों से चोरी व टप्पेबाजी कराते हैं।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। Uttarakhand Crime News: धर्मनगरी में बाल भिक्षावृत्ति के चलते कम उम्र में ही बालक अपराधी बन रहे हैं। भीख मांगते-मांगते चोरी, टप्पेबाजी जैसी घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं।
कई बार गिरोह चलाने वाले जरायम पेशेवर ऐसे बच्चों को हथियार बनाते हैं। जबकि भीख मंगवाने वाले कुछ मां-बाप भी अपने बच्चों से चोरी व टप्पेबाजी कराते हैं। ऐसे कई मामले हरिद्वार शहरी क्षेत्र में सामने आ चुके हैं।
हरिद्वार में पांच हजार से अधिक भिक्षुक
हरकी पैड़ी से लेकर उत्तरी हरिद्वार, भूपतवाला, चंडी घाट, रोड़ीबेलवाला, बैरागी कैंप जैसी झुग्गी बस्तियों में अनुमान के मुताबिक पांच हजार से अधिक भिक्षुक निवास करते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे परिवार भी हैं, जिन्होंने अपने बच्चों को भी भिक्षावृत्ति के दलदल में धकेला हुआ है।
बच्चों को हाथ फैलाता देख किसी को भी सहानुभूति और दया आ जाती है। इसलिए लोग अमूमन बच्चों को भीख देने से इन्कार नहीं कर पाते। इसी का फायदा पेशेवर भिक्षुक उठाते हैं, लेकिन हरिद्वार में बाल भिक्षावृत्ति के कई और दुष्प्ररिणाम भी सामने आ रहे हैं।
भिक्षावृत्ति करने वाले बालक-बालिकाएं गलत हाथों में पड़कर जरायम की दुनिया में कदम रख देते हैं। बड़े स्नान पर्वों पर जब हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है, तब गंगा घाटों और प्रमुख मंदिरों में सामान, नकदी चोरी की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
बच्चों को चोरी व टप्पेबाजी की ट्रेनिंग भी
पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसी घटनाओं के पीछे अधिकांश महिलाएं शामिल होती हैं। जो बच्चों का इस्तेमाल भी करती हैं। भीख मांगने के साथ ही बच्चों को चोरी व टप्पेबाजी की ट्रेनिंग भी देते हैं।
भीख मांगने के बहाने पहले श्रद्धालुओं की नकदी व कीमती सामान की टोह लेते हैं और इशारा करते ही घटना को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। यदि भीड़ में वह पकड़ भी लिए जाते हैं तो लोग तरस खाकर उन्हें छोड़ देते हैं।
पिछले दिनों मनसा मंदिर मंदिर के समीप ऐसी ही एक घटना सामने आई। वहीं, ज्वालापुर रोडवेज बस से उतरे एक यात्री के हाथ से नकदी से भरा बैग झपटकर दो बालक फरार हो गए। बाद में पता चला कि दोनों भीख मांगते हैं और मौका मिलने पर चोरी व टप्पेबाजी को भी अंजाम दे देते हैं। कुल मिलाकर भिक्षावृत्ति का बुरा असर इन बच्चों के दिलोदिमाग पर पड़ रहा है। नतीजतन बाल भिक्षावृत्ति की समस्या बाल अपराधियों को भी जन्म दे रही है।