अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की मांग, कुंभ के लिए अखाड़ों को 60 एकड़ भूमि दे सरकार
खिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कुंभ मेले के लिए अखाड़ों को 60 एकड़ भूमि आंवटित करने की सरकार से मांग की है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 11 Dec 2019 08:59 PM (IST)
हरिद्वार, जेएनएन। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कुंभ मेले के लिए अखाड़ों को 60 एकड़ भूमि आंवटित करने और वैरागी कैंप को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग समेत 13 प्रस्ताव पारित किए हैं। यह भी तय किया कि इन मसलों पर परिषद के पदाधिकारी गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
बुधवार को निरंजनी अखाड़े में कुंभ की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। इसमें परिषद से जुड़े सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल हुए और कुंभ मेले से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं पर चर्चा की। बैरागी कैंप की मेलाभूमि को अतिक्रमण-अवैध कब्जों से मुक्त कराने की मांग का प्रस्ताव भी पारित किया गया। परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के अनुसार बैठक में प्रस्ताव आया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नासिक, उज्जैन और प्रयागराज कुंभ का शुभारंभ किया था, यह सभी कुंभ बिना किसी विघ्न-बाधा के संपन्न हुए, इसलिए हरिद्वार कुंभ का उद्घाटन उन्हीं से कराया जाना चाहिए। सरकार से यह मांग करने का बैठक में मौजूद सभी अखाड़ों ने एकसुर में समर्थन किया।
बैठक में संतों ने प्रयागराज कुंभ मेला क्षेत्र में सैन्य क्षेत्र का हवाला देते हुए मठ-मंदिरों-आश्रमों को तोड़े जाने की कार्रवाई की निंदा की। साथ ही उप्र सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की। प्रस्ताव पारित किया गया कि ऐसा न होने की स्थिति में अखाड़ा परिषद आंदोलन करेगी। श्रीमहंत प्रेमगिरी महाराज ने बताया कि बैठक में श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल की एक्कड़ शाखा की जमीन फर्जी तरीके से वसीयत बनाकर कब्जा करने का मामला भी उठा। सर्वसम्मति से तय किया गया कि सरकार से कब्जा करने वालों खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी।
यह भी पढ़ें: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किया श्राइन बोर्ड और स्लॉटर हाउस का विरोधश्रीमहंत नारायण गिरि, श्रीमहंत रामरतन गिरि, श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, श्रीमहंत राजेंद्रदास, श्रीमहंत धर्मदास, महंत जगदीश गिरि, महंत प्रेमदास, महंत अमनदीप सिंह, महंत शिवशंकर गिरि, मुखिया महंत भगतराम, स्वामी सोमेश्र्वरानन्द, महंत जगतार मुनि, महंत साधनानंद, महंत लखन गिरि, महंत शंकरानंद, दिगम्बर राजपुरी, स्वामी आशुतोष पुरी, श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, महंत दामोदरदास, महंत जसविन्दर सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में विभिन्न अखाड़ों के संत बैठक में मौजूद रहे।
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